नये वर्ष की पार्टी और पीली पड़ती आँखें,नव वर्ष का स्वागत है व् दायित्व...
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कथाए नये वर्ष की पार्टी और पीली पड़ती आँखें,नव वर्ष का स्वागत है व् दायित्व बोध पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
नये वर्ष की पार्टी...
महेश राजा की लघु-कथा:-सांँपो के होते हुए,कान्वेन्ट कल्चर,मानव धर्म
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कहानी वे अजनबी,अँधेरा उजाला,लेखक मित्र और शाही भरवां बैंगन व् धूमिल आकृति पाठकों के लिए उपलब्ध है -बारिश हो रही थी।तालाब में पानी भरने लगा...
महेश राजा-वे अजनबी,अँधेरा उजाला,लेखक मित्र और शाही भरवां बैंगन,धूमिल आकृति
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कहानी वे अजनबी,अँधेरा उजाला,लेखक मित्र और शाही भरवां बैंगन व् धूमिल आकृति पाठकों के लिए उपलब्ध है रोज बस स्टाप पर उस कपल को देखता।वे अजनबी...
“पालक,खबर व् टेढ़ी पूँछ वाले कुत्ते की फिलासफी”-लघु कथा महेश राजा की
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा के "पालक,खबर व् टेढ़ी पूँछ वाले कुत्ते की फिलासफी" सुधि पाठकों के लिए लिए उपलब्ध है । रविवार की सुबह छुट्टी का दिवस पर,सौदा सुलफ के लिये...
लघु कथा महेश राजा की -व्यंजनों का मजा व् स्नेह का गणित
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा के व्यंजनों का मजा व् स्नेह का गणित पाठकों के लिए उपलब्ध है शादी का सीजन चल रहा था। काफी दिनों से घर पर रहकर,घर का खाना...