हिंदी और बंगाली सिनेमा के बिस्वजीत भारतीय व्यक्तित्व पुरस्कार से हुए सम्मानित

हिंदी और बंगाली सिनेमा के बिस्वजीत भारतीय व्यक्तित्व पुरस्कार से हुए सम्मानित

दिल्ली-गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के 51वें संस्करण में हिंदी और बंगाली सिनेमा के जाने-माने दिग्गज अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और गायक बिस्वजीत चटर्जी को भारतीय व्यक्तित्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह के अवसर पर इस पुरस्कार की घोषणा की।

हिंदी और बंगाली सिनेमा के बिस्वजीत भारतीय व्यक्तित्व पुरस्कार से हुए सम्मानित
केंद्रीय मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि, यह पुरस्कार उन्हें मार्च 2021 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए जाने के मौके पर दिया जाएगा। बिस्वजीत चटर्जी को फिल्म बीस साल बाद में कुमार विजय सिंह, कोहरा में राजा अमित कुमार सिंह, अप्रैल फूल में अशोक, मेरे सनम में रमेश कुमार, नाइट इन लंदन में जीवन, दो कलियां में शेखर और फिल्म किस्मत में विक्की जैसे किरदारों के लिए जाना जाता है।

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विश्वजीत के अभिनय सफर की शुरुआत बंगाली फ़िल्मों से हुई। ‘माया मृग’ और ‘दुई भाई’ जैसी सफल बंगाली फ़िल्मों में अभिनय के बाद विश्वजीत ने हिन्दी फ़िल्मों का रूख किया। हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री ने बंगाली फ़िल्मों के इस सफल अभिनेता को सिर-आंखों पर बिठाया। सफलता के बाद भी विश्वजीत ने बंगाली फ़िल्मों में अभिनय करना नहीं छोड़ा। वे कोलकाता आते-जाते रहे अभिनय के अनुभव के बाद विश्वजीत ने अपनी रचनात्मकता का रूख फ़िल्म निर्देशन की तरफ भी किया। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘कहते हैं मुझको राजा’ के निर्माण और निर्देशन दोनों की जिम्मेदारी विश्वजीत ने संभाली। धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा और रेखा अभिनीत इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस किया।

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उनकी जोड़ी आमतौर पर आशा पारेख, वहीदा रहमान, मुमताज, माला सिन्हा और राजश्री जैसी उल्लेखनीय अभिनेत्रियों के साथ नज़र आती थी। उनकी कुछ प्रमुख बंगाली फिल्मों में चौरंगी (1968) और उत्तम कुमार के साथ गढ़ नसीमपुर और कुहेली इसके बाद में श्रीमान पृथ्वीराज (1973), जय बाबा तारकनाथ (1977) और अमर गीती (1983) शामिल हैं। अभिनेता एवं निर्देशक के अलावा वह एक गायक और निर्माता भी रहे हैं।

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