उत्तराखंड: चमोली जिले के तपोवन में छठे दिन भी बचाव अभियान जारी है राज्य सरकार के अनुसार 36 शव बरामद किए गए हैं, 2 व्यक्ति जीवित मिले 204 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि चमोली जिले के तपोवन सुरंग में हमारी टीम लगातार शवों की तलाश कर रही है। नदी के किनारे शवों की तलाश के लिए एक टीम भी तैनात की गई है। बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने चमोली जिले में सुरंग बचाव स्थल का दौरा किया। वह चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए ITBP के अधिकारियों से मिलीं। केन्द्रीय एजेंसियों के साथ जिला प्रशासन, पुलिस और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। एसडीआरएफ की दो टीमें भी राहत और बचाव में कार्यरत हैं ।
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राज्य स्वास्थ्य विभाग की 7 टीमें, 8 एंबुलेंस मुख्य स्वास्थ अधिकारी के साथ तैनात हैं । इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 5 हेलिकॉप्टरों को भी बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात किया हुआ है । घटना के बाद सभी जगह बिजली की बहाली लगभग कर दी गई है । BRO और राज्य PWD द्वारा 5 पूर्ण रूप से टूटे हुए पुलों की मरम्मत की जा रही है।
वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (SDRMF) में 1041.00 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें केंद्रीय अंश की प्रथम किस्त 468.50 करोड रुपए की राशि राज्य सरकार को जारी की जा चुकी है। राज्य सरकार ने जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की है।
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घटनास्थल के नजदीक 13 छोटे गाँवों से, एक पुल बह जाने कारण, संपर्क कट गया है । इन गावों के लिए रसद और जरूरी मेडिकल सामान हेलीकोप्टर द्वारा लगातार पहुंचाया जा रहा है । ऋषिगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट की कार्यरत छोटी जलविद्युत परियोजना बह गई ।
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इस अचानक आई बाढ़ ने निचले क्षेत्र में तपोवन में धौलीगंगा नदी पर
स्थित एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट की
जलविद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचाया है।
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7 फरवरी, 2021 के उपग्रह डेटा (Planet Lab) के अनुसार ऋषिगंगा
नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्रतल से लगभग 5600 मीटर ऊपर स्थित
ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो कि लगभग 14 वर्ग किलोमीटर
क्षेत्र का था, जिसके कारण ऋषिगंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ़्लड की स्थिति बन गई।
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