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शांति ठाकुर ने मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है,… को किया चरितार्थ

जन्म से विकलांगता से जूझने वाली शांति बाई ठाकुर के पास हौसले की कोई कमी नहीं Shanti Bai Thakur, who has been suffering from disability since birth, has no shortage of courage

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महासमुंद- दिव्यांग शांति ठाकुर Shanti  Thakur, ने मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से ज्यादा, हौसलों में उड़ान होती है, को वाक़ई अक्षरश: चरितार्थ किया है । जन्म से दोनों हाथ नहीं, फिर भी महापरिक्षा में कामयाबी हासिल की और सफलता के शिखर पर पहुँचने को आतुर शांति के जज़्बे की सराहना की है कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ।

जन्म से ही विकलांग

शांति ठाकुर (30) का जन्म महासमुंद ज़िले के बागबाहरा के दैहानीभाठा में हुआ । जन्म के समय ही इनके दोनों हाथ नही थे। जन्म से विकलांगता से जूझने वाली शांति बाई ठाकुर Shanti Bai Thakur, के पास हौसले की कोई कमी नहीं है। महासमुंद सहित पूरे छत्तीसगढ़ में पैर से लिखकर प्रौढ़ शिक्षार्थि के तौर पर मशहूर शांति की कहानी एक मिसाल बन गई है, जो लाखों लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उन्होंने हाल ही में पैर से लिखकर पढ़ना  लिखना अभियान के अंतर्गत प्रौढ़  शिक्षार्थियों के महापरीक्षा में कामयाबी हासिल की है। वे अपने परिजनों को भी पढ़ाई के लिए जागरुक कर रही है।

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जीवन के दैनिक कार्य पैरो से

शांति ठाकुर Shanti Thakur के दोनो हाथ नही होने के बावजूद अपने परिवार के लिए अपने दोनो पैरो से खाना बनाना,खाना खाना,सब्जी ,पूड़ी आदि जीवन की दैनिक कार्य के साथ साथ मोबाइल भी चला लेती है। पति इन्दल ठाकुर मजदूरी का काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है।

कलेक्टर ने जज़्बे की सराहना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर प्रौढ़ शिक्षार्थी शांति बाई ठाकुर से मुलाकात की। उनके जज़्बे की सराहना की और फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। पढ़ने की किताब सौंपी। कर उनके रहन सहन दैनिक जीवनचर्या के बारे में जानकारी ली गई ।

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शांति ठाकुर ने मंजिलें उनको मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है,... को किया चरितार्थ

ठाकुर ने बताया कि उन्हें निराश्रित पेंशन मिलती और शासन की योजना के तहत उन्हें राशन उपलब्ध कराया जाता है। कलेक्टर ने छतीसगढ़ सरकार के अत्योदय योजना के तहत राशन कार्ड के निर्देश दिए। इसके अलावा आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने कहा ।

कलेक्टर के निर्देश पर तुरंत दिव्यांग शांति का अत्योदय योजना के तहत राशन कार्ड बन गया ।नगरपालिका अधिकारी ने उनके पति इन्दल को अन्त्योदय राशन कार्ड सौंपा। इस अवसर पर सीईओ ज़िला पंचायत एस.आलोक, एसडीएम स्निग्धा तिवारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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