भोपाल-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आज मंडला जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुये स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लापरवाही पाये जाने पर हर स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रत्येक मरीज को समुचित उपचार प्रदान किया जाये। मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर न करें। मेटरनिटी वार्ड के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रसूतिओं को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये।
गहन शिशु चिकित्सा कक्ष के निरीक्षण के दौरान उन्होंने अभिलेखों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों के स्वास्थ्य का सतत् फालोअप लिया जाये। जिला चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया और मरीज तथा उनकी परिजनों से उपचार एवं दवाईयों की उपलब्धता आदि के संबंध में चर्चा की। उन्होंने चिकित्सालय की
पैथालॉजी का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने पैथालॉजी में उपकरण एवं मशीनों का समुचित रखरखाव करने और कहा कि कोई भी मशीन बंद नहीं होनी चाहिये। उन्होंने स्टोर के अभिलेख का अवलोकन करते हुये दवाईयों की सतत् उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने सोनोग्राफी कक्ष, एक्स-रे कक्ष एवं कोविड वार्ड का भी अवलोकन किया। उन्होंने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये समुचित प्रस्ताव तैयार करें।
भोपाल-कड़ाके की ठंड में 65 वर्षीय वृद्ध को पूरा दम लगाकर हाथ ठेला धकेलता देख ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का दिल पसीज गया और उन्होंने अपनी गाड़ी से उतरकर वृद्ध के साथ उसके ठेले को धकेलने में मदद की। हजीरा के स्टेट बैंक चौराहे पर सामान से भरे ठेले को बमुश्किल चढ़ाई पर चढ़ा रहे वृद्ध रघुवर पाल को यह जान बहुत आश्चर्य हुआ कि उसके साथ जो उसका सहयोग कर रहे हैं, वह प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हैं।
आमजन की समस्याओं के निराकरण के लिये ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सदैव जनता के मध्य पहुँचकर उनकी समस्यायें सुनते हैं और उनका निराकरण भी कराते हैं। आम आदमी की तरह लोगों के साथ घुल-मिल जाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
क्षेत्र के लोग उन्हें मंत्री ही नहीं अपना भाई और बेटा मानते हैं। वे अपने आपको जनसेवक कहलाना भी पसंद करते हैं। कभी हाथ में झाड़ू लेकर सफाई करना तो कभी वृद्ध महिलाओं को अपनी गाड़ी में बिठाकर उनकी समस्याओं का निराकरण कराना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
शनिवार को अपने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जब 65 वर्षीय हाथ ठेला चालक रघुवर पाल को परेशानी में देखा तो वे तत्काल अपनी गाड़ी से उतरे और उसके ठेले को साथ में धकेलकर गंतव्य स्थल तक पहुँचाया। इतना ही नहीं उन्होंने रास्ते में जब रघुवर पाल से पूछा कि उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, तो जानकारी मिली कि पेंशन नहीं मिलती है।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को बुलाकर उसकी पेंशन भी स्वीकृत कराई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हाथ ठेला चालक रघुवर पाल की पेंशन न केवल स्वीकृत कराई बल्कि उनको प्रणाम कर उनकी पेंशन स्वीकृति का प्रमाण-पत्र भी भेंट किया।
रायपुर-वन विभाग द्वारा रायपुर वनमंडल के अंतर्गत गत एक सप्ताह के भीतर अवैध लकड़ी परिवहन के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 6 लाख रूपए मूल्य के लकड़ी की जप्ती सहित 4 विभिन्न वाहनों के राजसात की कार्रवाई जारी है।
यह कार्रवाई मुख्य वनसंरक्षक रायपुर जे.आर. नायक के मार्गदर्शन में वनमंडलाधिकारी रायपुर विश्वेश कुमार के निर्देशानुसार गठित विभागीय टीम द्वारा की गई। विगत दिवस तिल्दा वनवृत्त के परिक्षेत्र सहायक दीपक तिवारी के नेतृत्व में टीम द्वारा गश्त के दौरान जप्त किए गए वाहनों में साजा, कहुआ लकड़ी के साथ ही नीम और मिश्रित जलाऊ लकड़ी को पकड़ा गया। इसमें संलिप्त आरोपियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई जारी है।
जप्त वाहनों में दो टैªक्टर, एक माजदा और एक वेन वाहन शामिल हैं, जिन्हें राजसात की जा रही है। इन वाहनों में लगभग 6 लाख रूपए मूल्य के 20 घनमीटर साजा तथा कहुआ आदि की लकड़ी का अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा गया।
अवैध धान का भंडारण पर 02 लोगों पर कार्यवाही
महासमुन्द -कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आज राजस्व एवं खाद्य विभाग की टीम ने जिले में 02 प्रकरणोें पर 55 बोरा धान अर्थात् (22 क्विंटल) धान जप्त किए गए। प्राप्त जानकारी अनुसार इनमें बागबाहरा तहसील के ग्राम कोल्दा निवासी मुकेश कुमार से 30 बोरी धान, पिथौरा तहसील के ग्राम रेमड़ा निवासी दयाल सिंह से 25 बोरी धान जप्त कर उचित कार्यवाही किया गया।
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अब तक जिले में कुल 176 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिनमें 9148 बोरा धान अर्थात् 3659.2 क्विंटल धान की जप्ती की गई है। इनमें 10 वाहन भी शामिल हैं। जिले में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में तहसीलदार, थाना प्रभारी, खाद्य निरीक्षक की संयुक्त उड़नदस्ता टीम का गठन कर अवैध धान परिवहन और अवैध धान भंडारण पर सतत निगरानी रखी जा रही है।
बारदाना जमा नहीं करने पर दो उचित मूल्य दुकानें निलंबित
रायपुर-राज्य में धान खरीदी के लिए पीडीएस के बारदानों का उपयोग करने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिए गए है। लक्ष्य के अनुसार बारदाना जमा नहीं करने वाले उचित मूल्य के दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है। बारदाना जमा नहीं करने पर बस्तर जिले के विकासखंड बस्तर अंतर्गत संचालित रोतमा और झारतराई की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
महासमुन्द- भारत सरकार की कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना के अंतर्गत हितग्राही 02 करोड़ तक का ऋण अधिकतम 9 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर बैंक से प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही उस पर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज अनुदान भी उपलब्ध है। अधिस्थगन अवधि हर परियोजना के लिए अलग-अलग होगी और यह न्यूनतम छह महीने और अधिकतम दो वर्ष होगी। उपखंड अधिकतम सात वर्षों की अवधि के लिए उपलब्ध होगा जिसमें अधिस्थगन अवधि भी शामिल है।
इनको मिलेगा लाभ
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मनोज कुमार के.जी. ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राथमिक कृषि साख समितियां (पैक्स), विपणन सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), किसान, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ, कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप, केंद्रीय या राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएँ ले सकते हैं।
इस योजना के तहत ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवाएं, गोदामों, पैकेजिंग इकाइयाँ, छँटाई और ग्रेडिंग इकाइयाँ, कोल्ड स्टोर और कोल्ड चेन, रसद सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, पकाने वाली मंडी, वैक्सिंग इकाइयाँ जैसे परियोजनाएँ लाभ ले सकते हैं।
योजना के अंतर्गत लाभार्थी को पहले एआईएफ पोर्टल एग्रीइन्फा डाॅट डीएसी डाॅट जीओवी डाॅट इन में रजिस्टर करना है। तत्पश्चात ऋण प्रकरण को भारत सरकार के (एआईएफ) पोर्टल पर अपलोड करना होता है। साथ ही, नवीन कृषि विपणन अवसंरचना (न्यू-एएमआई ) योजना के अंतर्गत पात्र गतिविधियों, जैसे की वेयर हाउस, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, धर्मकाँटा आदि के निर्माण के लिए 25 प्रतिशत से 33.33 प्रतिशत की अनुदान सहायता उपलब्ध है, जो नाबार्ड और विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से दी जाती है।
दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओडिशा के संबलपुर में आईआईएम में स्थायी परिसर की आज बुनियाद रखी गई। पीएम मोदी ने एक बटन दबाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परिसर का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और धर्मेन्द्र प्रधान उपस्थित थे ।
संस्थान राज्य को देगा एक नई पहचान
प्रधानमंत्री ने ओडिसा के लोगों को उनकी मातृभाषा में नये वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा ओडिसा की समृद्ध संपदा-खनिजों तथा वनों, कला-संस्कृति, साहित्य और संबलपुर क्षेत्र की हस्तकला का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा कि यह संस्थान राज्य को एक नई पहचान देगा। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों में ऐसे उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना से देश में स्टार्टअप्स व्यवस्था को व्यापक और मजबूत करने में सहायता मिलती है।
पीएम ने कहा कि आज स्थायी परिसर के शिलान्यास के साथ ही यहां के युवा सामर्थ्य को मजबूती देने वाली एक शिला भी रखी गई। पीएम ने उम्मीद जताई कि आईआईएम का ये स्थायी परिसर ओडिशा की संस्कृति और संसाधनों की पहचान के साथ ओडिशा को मैंनेजमेंट जगत में नई पहचान देगा।
नई पहचान दिलाने की जिम्मेदारी युवाओं पर
पीएम ने कहा कि देश में खेती से लेकर स्पेस तक जो अभूतपूर्व रिफॉर्म किए जा रहे हैं उनमें स्टार्ट अप के लिए स्कोप लगातार बढ़ता जा रहा है। युवाओं को अपने भविष्य को देश की आकांक्षाओं और आशाओं के साथ जोड़ना होगा। इस दशक में ब्रांड इंडिया को नई पहचान दिलाने की जिम्मेदारी विशेष रूप से युवाओं पर है।
पीएम ने आगे कहा कि संबलपुरी कपड़ा और हस्तशिल्प दुनिया भर में मशहूर है। आईआईएम के छात्रों के लिए संबलपुर के लोकल को वोकल बनाना एक अहम दायित्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में देश में 13 आईआईएम थे, आज देश में 20 आईआईएम हैं।
रायपुर- कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां परखने आज पुरानी बस्ती रायपुर स्थित सरस्वती प्राथमिक शाला में ड्राई रन का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इसका निरीक्षण किया और इस दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सबसे पहले जिन्हें वैक्सीन लगना है, उनका पहचान पत्र देखकर रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके पश्चात वैक्सीनेशन कक्ष में ले जाकर वैक्सीन लगाने के बाद पृथक कक्ष में आधे घंटे तक निगरानी में रखने के बाद उन्हें केन्द्र से जाने दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने ड्राई रन में शामिल मितानिन से बात की। उन्होंने अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया सटीक तरीके से सम्पन्न करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। ड्राई रन में 28 मितानिनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सात जिलों में आज कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन आयोजित किया गया। ये मॉकड्रिल रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, बस्तर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में किये गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने भी आज वैक्सीनेशन केन्द्र पंहुचकर ड्राई रन का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। इस मॉकड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोगों के वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचने, उनकी एंट्री, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को परखना था। प्रथम चरण में हेल्थकेयर में लगे दो लाख 34 हजार लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा।
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कथाए नये वर्ष की पार्टी और पीली पड़ती आँखें,नव वर्ष का स्वागत है व् दायित्व बोध पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
नये वर्ष की पार्टी और पीली पड़ती आँखें-रोशनियों की झिलमिलाहट के बीच शहर में हर तरफ पार्टियां चल रही थी।वर्ष 2020विदा हो रहा था,और 2021का आगमन कुछ मिनटों में ही अपेक्षित था। महामारी का भय कुछ कम हुआ।सभी को इंतज़ार था वैक्सीन का। इस बार शहर में हर तरफ केक और मिठाइयों की बहुत सारी दुकानें खुली थी।लोग खुश थे।सभी ने जी भर कर खरीदारी की थी।पटाखे भी खूब बिके थे।
परेशान थे तो वे लोग जिन्हें रोज सुबह उठ कर कुछ न कुछ मेहनत कर,दिन भर खट कर घर के लिये दाल-रोटी जुटानी होती थी। ऐसा ही एक व्यक्ति रमतू था।जो इन सबसे अलग दूर एक पेड़ के पीछे छिपा खड़ा था।पहले कुछ कामकाज कर वह दो समय की रोटी जुटा लेता था।जबसे बीमार पड़ा था,लोगों ने उसे काम देना बंद कर दिया था।अब वह मजबूरन भीख मांग कर अपने बच्चों का पेट भरता था।
आज भी उसे ईंतजार था कि ये बड़े लोगों की पार्टी समाप्त हो,नौकर चाकर कुछ झूठन बाहर फेंके तो वह ले जाकर बच्चों का पेट भर सके।उसको अपने बच्चें याद आ रहे थे।उनकी पीली पड़ती आँखें याद आ रही थी,तो वह अपनी लाचारी पर रो पड़ा।पांव लड़खड़ा रहे थे।मगर किसी तरह हिम्मत कर अपने पैरों पर खड़ा था। हाल के भीतर से म्यूजिक और नाच -गाने की तेज आवाजें अब भी आ रही थी।शायद पार्टी देर रात तक चलने वाली थी।
नव वर्ष का स्वागत है
बड़ी उदास सी घड़ी थी,2020 का आखरी दिन बूढ़ा साल लाठी के सहारे धीरे धीरे क्षितिज की ओर बढ़ रहा था। उसके चेहरे पर च़िताओं की झांईयाँ थी,दुःखों की सिलवटें थी।उसने बहुत कुछ भोगा था। उसे इंतजार था उस घड़ी का जब उसके विश्राम का समय आने.वाला था। 2021नवजात शिशु के आगमन का इंतजार…..।
दूर उसे एक प्रकाश दिख रहा था।उसकी बूढ़ी आँखे चोंधिया गयी।वह इस तकलीफ़ में भी मुस्कुरा पड़ा आखिर वो घड़ी आ ही गयी।2021 की छाया ने 2020 को नमन किया।
बूढ़े साल ने उस बालक को आशीष दिया।स्वगत कहा-“,बेटे,मेरा समय मानव जाति के लिये बहुत कठिनाई का रहा।महामारी,आगजनी,अपहरण ,बलात्कार और आंदोलन।इस बूढ़ी आँखों ने बहुत कुछ सहा।ढ़ेर सारी लाशों को कँधा दिया।मासूम की सिसकियां सुनी…और भी बहुत कुछ…।अब मैं थक गया हूँ बेटा।तुम आओ….और अपना स्थान ग्रहण करों।बहुत थक गया हूँ…..।
अलौकिक प्रकाश निकट आ गया था।उसकी आकृति स्पष्ट हो रही थी।सुकुमार शिशु। बूढ़ी आँखे मुस्कुरा उठी।पुराने साल ने नये वर्ष का स्वागत किया ।आशीष दिया।तुम्हारा आगमन समूचे विश्व के लिये वरदान सिद्ध हो…।सब कुछ ठीक हो….।
धीरे धीरे पुराना साल अँधकार में गुम हो गया।नये वर्ष का आगमन हुआ। आसमान में चमकीले प्रकाश की किरणें फूट निकला।2021 मुस्कुराता खड़ा था,चारों तरफ आतिशबाजियाँ हो रही थी।नव वर्ष का आगमन हो चुका था।सबने उत्साह से नव वर्ष का स्वागत किया।चारों तरफ खुशनुमा वातावरण स्थापित हो चुका था।
दायित्व बोध
हर रोज की तरह सुबह की सैर के बाद राज अपनी मनपसंद जगह हनुमान मंदिर पर बैठा हुआ था। रीमा का फोन आया।वह गाँव गयी हुयी थी।कल लौटेगी। रीमा एक पढ़ी लिखी,शानदार आफिस में एक्जीक्यूटिव थी।अच्छे परिवार से थी।सब कुछ ठीक था,पर कहीं कुछ छूट गया था।
रीमा कह रही थी।गाँव आयी हूँ जरूरी काम से।इस बहाने माँ से मिलना हो गया।अवि भी साथ है,नानी से मिल कर खुश है।रीमा ने बताया अगले माह चाचा ससुर के घर पर शादी है।चाचा नहीं रहे तो सब कुछ इन्हें और मुझे करना है।इन्होंने सारा भार मुझ पर डाल दिया है।समय कम है।रुपयों की परवाह नहीं।पर,मेरे पास सीमित साधन है,कार भी न ही तो सबको कह दिया है खर्च करते जाओ बिल मुझे दे दो।
यहाँ यह बताना लाजिमी होगा। रीमा ने ससुराल को पूरी तरह से अपना लिया है।सास जी,ससुराल साईड के उन्नीस बच्चे साथ ही अवि।सबकी पूरी जिम्मेदारी एक कुशल सारथी की तरह निभाई है।अभी पता चला कि भतीजी दो बरस पोस्ट ग्रेजुएशन के लिये उसके पास आकर रहेगी।
यह बताते हुए उसका स्वर भीगा लगा। राज मुझे जिम्मेदारी वहन से कोई परहेज नहीं।रूपयों की भी चिंता नहीं।मुझे वाहवाही भी नहीं चाहिये।परंतु छोटी छोटी बातों पर आलोचना, निंदा यह सब मुझे भीतर तक तकलीफ़ देती है।अब ऊब गयी हूँ।जी चाहता है सब छोड़कर कहीं चली जाऊं।पर,फिर अवि…..।
बापा जी ने इनके साथ ब्याहते समय कहा था कि ससुराल को अपना लेना पूरा दायित्व निभाना।बस…..आज तक दायित्व बोध ही तो निभा रही हूँ। बहुत तकलीफ़ होती है राज को भी रोना आ गया।उसने कहा,रीमा तुम्हें हिम्मत रखनी हे,अपने लिये,अवि के लिये।हम सब के लिये……।प्लीज अपना ख्याल रखना।
दिल्ली-पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने नए वर्ष पर केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” योजना की शुरुआत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और उसकी सेवाएँ दिव्यांग होने के बाद भी बरकरार रखी जाती हैं तो उन्हें “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” का लाभ दिया जाएगा।
आज का यह आदेश केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सीएपीएफ के युवा जवानों जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ इत्यादि के जवानों को बड़ी राहत उपलब्ध कराएगा,जिनकी सेवा की प्रकृति के चलते अपना दायित्व निभाते हुए दिव्यांगता का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि नया आदेश सेवा नियमों की एक विसंगति को दूर करेगा जिसके चलते केंद्रीय कर्मचारियों को जटिलताओं का सामना करना पड़ता था। इस संबंध में 5 मई, 2009 को जारी किए गए आदेश के तहत 1 जनवरी, 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मियों को केंद्रीय नागरिक सेवाओं (सीसीएस)ईओपी नियमों के अंतर्गत दिव्यांगता का लाभ नहीं मिलेगा और वह राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अंतर्गत कवर होंगे। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन विभाग द्वारा जारी नए आदेश के अंतर्गत अब उन कर्मचारियों को भी अतिरिक्त असाधारण पेंशन (ईओपी) के नियम 9 के तहत लाभ प्राप्त होगा जो एनपीएस के दायरे में आते हैं।
अन्य शब्दों में यदि एक सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और यह दिव्यांगता उसकी सरकारी सेवा को प्रभावित करती है और उसकी सेवा बरकरार रखी जाती है तो उसे एकमुश्त राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी गणना समय-समय पर जारी की जाने वाली परिवर्तित सारणी के आधार पर की जाएगी।
नई पहल का यह है मुख्य उद्देश्य
इस आदेश के जारी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार नियमों के सरलीकरण के लिए और विभेदकारी नियमों को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी प्रकार की नई पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाना है। इससे वह कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे जो आज पेंशन भोगी हैं अथवा जिनके परिजन पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
सरकारी कर्मचारियों के हित में कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में एक और आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा शर्त में छूट दी थी, यदि कोई सरकारी कर्मचारी शरीर से या चिकित्सकीय अक्षमता के कारण सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होता है तो। इस संदर्भ में सीसीएस (पेंशन) के नियम 38 में संशोधन कर आखिरी भुगतान के 50% पेंशन देने का नियम लागू किया गया, भले ही कर्मचारी 10 वर्ष की न्यूनतम आवश्यक सेवा शर्त को पूर्ण नहीं कर पाया हो।
इसके अतिरिक्त पेंशन से जुड़े नियमों में एक और महत्वपूर्ण सुधार किया गया और यह निर्णय किया गया कि सरकारी कर्मचारी के आश्रित को आखिरी भुगतान के 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म किया गया। इसके तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तब भी कर्मचारी के परिवार को उसके आखिरी भुगतान के 50% राशि पेंशन के तौर पर निर्धारित की जाएगी।
महासमुंद-अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) सरायपाली कुणाल दूदावत को आज यहाँ कलेक्टर कक्ष में विदाई दी गई। SDM दूदावत का स्थानांतरण मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत जिला कोरिया हुआ है। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने समारोह आयोजित कर विदाई दी। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने एसडीएम को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
स्थानांतरण एक सतत प्रक्रिया है
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियंत्रण में इनके कार्य को भुलाया नहीे जा सकता। कई बार दिन-रात काम करने पड़े। विदाई समारोह में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर जोगेंद्र कुमार नायक, एसडीएम महासमुन्द सुनील कुमार चंद्रवंशी, पिथौरा राकेश गोलछा, डिप्टी कलेक्टर बी.एस. मरकाम, तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा एवं आबकारी अधिकारी दिनकर वासनिक उपस्थित थे।
स्थानांतरण एक सतत प्रक्रिया है,सरकारी सेवा इससे सभी को रूबरू होना ही पड़ता है। अपने एक साल की अवधि में जितना हो सका उतना जनता की सेवा करने का कोशिश की। उक्त बातें निवर्तमान एसडीएम कुणाल दूदावत व्यक्त की। ज्ञात हो कि SDM दूदावत भारतीय प्रशासनिक सेवा 2017 बैच के अधिकारी है ।
जिले के लिए स्थानीय अवकाश
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने सामान्य पुस्तक परिपत्र के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कैलेण्डर वर्ष-2021 के लिए महासमुन्द जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों तथा संस्थाओं के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया हैं। इनमें शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 को गणेश चतुर्थी को, गुरूवार 14 अक्टूबर 2021 को दशहरा (महानवमी) एवं शनिवार 06 नवम्बर 2021 भाई दूज को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। उपरोक्त स्थानीय अवकाश बैंक, कोषालय, उपकोषालय के लिए लागू नहीं होगा।
कोविड-19 टीकाकरण बैठक 02 को
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में साप्ताहिक डीटीएफआई (डिस्ट्रीक्ट टास्क फोर्स फाॅर इम्युलाईजेशन) की बैठक शनिवार 02 जनवरी 2021 को दोपहर 3ः00 से बजे रखी गई है। बैठक में खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक आॅन लाईन माध्यम से अपने विकासखण्ड के जनपद पंचायत से जुडे़गे।
रायपुर-नए साल के पहले दिन छत्तीसगढ़ राज्य ने एक बार फिर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गरीबों के लिए प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत समावेशी मॉडल मोर जमीन-मोर आवास को भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री, हरदीप सिंह पुरी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। ।
तीन श्रेणियों में अवार्ड मिला
भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत मिशन के 04 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पीएमएवाय-यू और आशा अवार्ड के तहत छत्तीसगढ़ राज्य को तीन श्रेणियों में अवार्ड प्राप्त हुए हैं। इस आनलाइन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में विभागीय मंत्री डॉ. डहरिया, संयुक्त सचिव आर. एक्का, सूडा के सीईओ सौमिल रंजन चौबे एवं उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र पाटले उपस्थित थे।
राज्य को पुरस्कार मिलने पर मंत्री डॉ. डहरिया ने नगरीय प्रशासन विभाग सहित सभी विजेताओं को इस उपलब्धि की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गरीबों को आवास देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हमारे द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के आधार पर ही आज भारत सरकार द्वारा सम्मानति किया गया है। सबके लिए आवास योजना में सरकार के प्रयासों को सफलता का यह पहला पायदान बताया।
गौरवान्वित होने का समय
छत्तीसगढ़ राज्य को देश का मार्गदर्शक राज्य बताते हुए डॉ. डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने हमेशा ही देश के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। स्वच्छता में भी हमारा राज्य लगातार देश का नंबर वन राज्य बना हुआ है और अब आवास योजना में भी हम देश के सामने आशा चढ़ी परवान जैसी परियोजनाओं के माध्यम से मिसाल कायम कर रहे हैं। ये समस्त छत्तीसगढ़वासियों के लिए गौरवान्वित होने का समय है।
बेस्ट कन्वर्जेंस विथ अदर मिशन
मोर जमीन-मोर मकान घटक के अन्तर्गत हितग्राहियों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, अन्य योजनाओं का समावेश कर उनके सफल क्रियान्वयन हेतु ”बेस्ट कन्वर्जेंस विथ अदर मिशन“ की श्रेणी में छत्तीसगढ़ राज्य को उत्तम प्रदर्शन करने हेतु पुरस्कृत किया गया।
डोंगरगढ़ को मिला इनाम
नगर पालिका परिषद, डोंगरगढ़ को अधिक से अधिक आवास निर्माण पूर्ण करने पर देश में ”बेस्ट परफॉर्मिंग म्युनिसिपल काउंसिल श्रेणी“ में पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
हितग्राहियों को मिला पुरस्कार
प्रदेश के तीन हितग्राही मंजू साहू (धमतरी), मुमताज बेगम (धमतरी), ममता वर्मा (कवर्धा) के आवासों को देश के ”बेस्ट हाउस कंस्ट्रक्शन श्रेणी“ में पुरस्कार प्राप्त हुए।