जिले के किडनी मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं,डायलीसिस की सुविधा शुरू

महासमुन्द– एस्काग संजीवनी और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच हुए करार के मुताबिक जिला चिकित्सालय में निःशुल्क डायलीसिस यूनिट शुरू कर दिया गया है। आज राष्ट्रीय निःशुल्क डायलीसिस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के चार जिलों में नवनिर्मित डायलीसिस यूनिट का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला ने शुरूआत की। बढ़ते क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव  निहारिका बारिक कलेक्टर  सुनील कुमार जैन एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल व अन्य पदाधिकारियों से तैयारियों का जायजा लिया। इसके पश्चात् स्वास्थ्य मंत्री  सिंहदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रूबरू हो कर डायलीसिस यूनिटों से संवाद किया और महासमुंद सहित प्रदेश के चार जिलों में ऑनलाइन पद्धति से निःशुल्क डायलीसिस यूनिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उद्घाटन दिवस पर ही किडनी रोग से ग्रसित 52 वर्षीय बेलसोंडा निवासी  पोषण कुमार गहरवाल का निःशुल्क डायलीसिस भी सफलतापूर्वक कर लिया गया।

https;-कोरोना के चलते हिमाचल प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

https;-घर बैठे कर सकते हैं वेबपोर्टल पर जन्म-मृत्यु का ऑनलाईन पंजीयन-

इस अवसर पर कलेक्टर  जैन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ रवि मित्तल ने प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ परदल व जिला कार्यक्रम प्रबंधक  संदीप ताम्रकार के साथ डायलीसिस यूनिट का निरीक्षण कर लगाए गए सभी उपकरणों एवं प्रदाय की जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। यहां, डायलीसिस यूनिट में सेवाएं प्रदाय कर रहीं एमडी मेडिसिन चिकित्सक डॉ हेमेश्वरी वर्मा ने बताया कि अब मरीजों को इलाज के लिए जिले से बाहर जाकर कोई अतिरिक्त व्यय नहीं करना पड़ेगा क्योंकि इस यूनिट में हीमोडायलीसिस के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस तीन मशीनें लगाई गईं हैं। जिससे किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को जिले में ही निःशुल्क डायलीसिस व लैब जांच इत्यादि की सुविधाएं मिलने लगी है।

अस्पताल सलाहकार डॉ निखिल गोस्वामी ने बताया कि एस्काग संजीवनी के साथ विभाग का अनुबंध है, जिसके तहत नेफ्रोलॉजिस्ट यानी किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवेश जैन भी समय-समय पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे। इन व्यवस्थाओं के साथ शुरू हुए डायलीसिस यूनिट में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ दो अनुभवी तकीनीशियन और एक चतुर्थ वर्ग स्वास्थ्यकर्मी को भी काम पर लगाया गया है। ऐसे में प्रतिदिन यहां तकरीबन 06 से 08 मरीजों को हीमोडायलीसिस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराए जाने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

हमसे जुड़े :-

Twitter:https:DNS11502659

Facebook https:dailynewsservices/

 WatsApp https:FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU