Home छत्तीसगढ़ तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं व्रत के साथ करेगी आंदोलन राजधानी में

तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं व्रत के साथ करेगी आंदोलन राजधानी में

9 सितम्बर को रायपुर स्थित बुढ़ातालाब में एक दिवसीय हड़ताल करेगी

तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं व्रत के साथ करेगी आंदोलन राजधानी में

महासमुंद-पूरे प्रदेश भर से तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं तीजा उपवास के दिन आंदोलन करेंगी।यह निर्यण छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने राजधानी के गुढ़ियारी चौक में स्थित सामुदायिक भवन में प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 9 सितम्बर को रायपुर स्थित बुढ़ातालाब में एक दिवसीय हड़ताल करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार को वादा याद दिलाएगी। संघ ने प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाओंको इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है ।

गौरतलब है कि 5 मार्च 2018 से 22 अप्रैल 2018 पचास दिन के हड़ताल में ईदगाह भाठा रायपुर में भाजपा सरकार के समय जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों लेकर हड़ताल किया था। तब छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पंडाल पर पहुंच कर वादा किया थे कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती है तो हड़ताल अवधि का मानदेय उनकी सरकार द्वारा दिया जाएगा। साथ छत्तीसगढ़ की सरकार से हमारी मांग है कि आंगनबाड़ी में पर्यवेक्षक भर्ती की जाय और आयु सीमा में की छूट दी जाय।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगो पर सरकार ने लिया संज्ञान,उचित पहल का आश्वासन

तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं व्रत के साथ करेगी आंदोलन राजधानी में

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पूरे प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से वादा किया था कि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही उन्हें कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जायेगा। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को प्रदेश में पूरे ढाई साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सुध नहीं ले रही है। सत्ता में आते ही कांग्रेस की सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से किया गया वादा जैसे भुला दिया है।

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तिजहारिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं व्रत के साथ करेगी आंदोलन राजधानी में

जुझारु संघ प्रदेश उपाध्यक्ष सुधा रात्रे ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि एक तरफ तो छत्तीसगढ़ की सरकार छत्तीसगढ़ में महिलाओं का सम्मान करने की बात करते हुए उन्हें तीजा त्यौहार के लिए छुट्टी दे रही है लेकिन सरकार ये भुल जा रही है कि साढ़े छःहजार और बत्तीस सौ में आज महिलाएं अपने घर को कैसे चला रही है।

वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाओं द्वारा जान जोखिम में डालकर लगातार काम करते रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं एक कदम अग्रणी होकर फ़लीभूत कर रही है। बावजूद इसके सरकार का ये रवैय्या कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से किया गया वादा नहीं निभा रहे हैं।

आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

छत्तीसगढ़ जुझारू आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आगे कहा है कि 9 सितम्बर को

आंदोलन के बाद भी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से

किये गये वादे नहीं निभाते है तो पूरे प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं

चरणबध आंदोलन तक करते रहेंगी, जब तक चुनावी घोषणा पत्र में किये गये

वादे सरकार पूरा नहीं कर लेती। प्रदेश भर से बैठक में पहुंची आंगनबाड़ी ने

प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि 9 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

धरना स्थल पहुंच कर उन्हें उपहार स्वरूप उनकी मांगे पूरी कर उन्हें ये सौगात दे।

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