जनहित मामले में शिवराज सरकार ने लिए कई बड़े फैसले

तय समय-सीमा में लोक सेवायें अपने आप ही आवेदक को मिल जावेगी

मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता सहित 12 अध्यादेश पर लगी कैबिनेट की मुहर
fial foto

भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनहित में मामले में कई बड़े फैसले लिए है उन्होंने कहा है कि नागरिकों को नियत समय-सीमा में लोक सेवा प्रदान करना सुनिश्चित करने के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है। अब चिन्हित की गई लोकसेवा तय समय-सीमा में अधिकारी द्वारा प्रदाय नहीं की जाती है तो वे सेवायें अपने आप ही नागरिकों को मिल जावेगी। इसे डीम्ड सेवा कहा जावेगा। यह जनहित में राज्य सरकार का क्रांतिकारी कदम है।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जो लोक सेवायें मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत तय समय-सीमा में अधिकारी द्वारा आवेदक को प्रदान करनी होती है और तय समय-सीमा में आवेदक को प्रदाय नहीं होने पर अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाता है। जुर्माने में मिली राशि आवेदक को दी जाती है। इस प्रावधान को जनहित में और प्रभावी बनाया गया है। इस अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन कर प्रावधान किया जा रहा है कि सेवा प्रदाय की तय समय-सीमा तक यदि सेवा आवेदक को अधिकारी द्वारा प्रदाय नहीं की जाती है तो वे सेवायें स्वत: ही निर्धारित समय-सीमा के बाद आवेदक को मिल जाएगी।

अब अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति मुक्त होंगे अवैध ऋणों से CM शिवराज का फैसला

मिलावट करने पर आजीवन कारावास का प्रावधान

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि मिलावट एक भयानक अपराध है। खाद्य पदार्थों और दवाईयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज के उपयोग होने वाले प्लाज्मा में और कोरोना की वैक्सीन में मिलावट के समाचार मिले हैं। इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या? यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। यह किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश में नहीं चलने दिया जावेगा। इसके लिए भी कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर 6 माह के कारावास और एक हजार रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है। मिलावट करने वाले को आजीवन कारावास होगा।

यह कानून मिलावट रोकने का बनेगा माध्यम

इस अध्यादेश में मिलावट कर सामग्री बनाने वाले को दण्ड मिलेगा। व्यापारी को दण्ड नहीं मिलेगा। जहां वस्तु बनती है, दोषी उस कारखाने का मालिक होगा। उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। नई धारा में 273(क) को जोड़ा गया है। जिसमें एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ के विक्रय पर पांच साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। मिलावट के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें यह कानून मिलावट रोकने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।

सभी सब्सिडी को समाप्त कर किसानों को एकमुश्त राशि देने की बनेगी योजना-शिवराज

हमसे जुड़े :–dailynewsservices.com

WatsApp- FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU

Twitter –DNS11502659

Facebook –dailynewsservices