बागबाहरा-छत्तीसगढ़ में सरकार के 2 वर्ष सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर बागबाहरा सुन्नी मुस्लिम जमात के द्वारा संसदीय सचिव,खल्लारी विधायक सम्माननीय द्वारिकाधीश यादव जी का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जमात के सदर (अध्यक्ष) सैय्यद नियाज़ अली ने विधायक का सम्मान करते हुए कहा कि इन दो सालों में विधायक जी ने सभी समाज के लिए जो कार्य किया वो क़ाबिल ए तारीफ है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इसी तरह सफलता की ऊंचाइयों को छुएं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अब्दुल मजीद खान,हाजी बशीर परमार ,यूनुस खान,अक़ील अहमद,सिकंदर ठाकुर ,विधायक प्रतिनिधि शहज़ान पाशा,भक्त राम मांझी,सैय्यद इरफान अली,सुभान अली,अख्तर अली, इरशाद अली, हारून खान, तनवीर खान, रफ़ीक़ मेमन, निसार अहमद, शब्बीर परमार, सद्दाम,शाहरुख, हाजी गनी आदि मुस्लिम जमात के लोग उपस्थित रहे।
दिल्ली-भारतीय कप्तान विराट कोहली को आईसीसी ने दशक का सर्वश्रेष्ठ वनडे पुरुष क्रिकेटर, पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर एमएस धोनी को आईसीसी ने दशक का बेस्ट स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड से किया सम्मानित है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पिछले दस सालों में टेस्ट, टी20 और वनडे में 56.97 की औसत से 20,396 रन बनाए हैं। उन्होंने इस दशक में 66 शतक और 94 अर्धशतक जड़ा है। कोहली इस दशक में वनडे में 10 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। ये रन उन्होंने 61.83 की औसत से बनाए हैं। उन्होंने पिछले दस सालों में वनडे में 39 शतक और 48 अर्धशतक जड़े है।
आईसीसी ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दशक के स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड के लिए चयन किया है । धोनी को 2011 में एक टेस्ट मैच के दौरान रन आउट होने वाले इंग्लिश बल्लेबाज को वापस बुलाने के लिए ये अवॉर्ड मिला।
नारायणपुर- नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले का एक बड़ा हिस्सा विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आज भी मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। अबूझमाड़ वह क्षेत्र है, जहां वनांचल और नदी-नाले बहुत हैं। यही कारण है कि लोगों को शासन की मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। स्वास्थ्य सेवाओं की सरलता से उपलब्धता को ध्यान में रखकर बाइक एम्बुलेंस का प्रयोग किया गया।
सफलता को देखकर किया गया विस्तार
जिले में शुरूआती दौर में पहले दो बाइक एम्बुलेंस अंदरूनी ईलाकों के छोटे नदी-नालों, पगडंडियों, उबड़-खाबड़ रास्तों में दौड़ायी गयी, जो सफल हुई। इसकी सफलता को देखकर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए मोटर बाईक एम्बुलेंस की सेवाओं का विस्तार किया है। इस वर्ष खनिज न्यास निधि से 4 नई मोटर बाईक एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दी है। जिससे अंदरूनी क्षेत्र के मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्रों तक लाने-ले-जाने में सुविधा होगी।
विशेष पिछड़ी जनजाति माड़िया बाहुल्य ओरछा विकासखण्ड के सुदूर और दुर्गम वनांचल में रहने वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए बाईक एम्बुलेंस वरदान साबित हो रही है। प्रसव पीड़ा गर्भवती महिलाओं के लिए कठिन समय होता है और यह उनके जीवन-मरण का काल बन सकता है। अंदरूनी ईलाके के ऐसे गांव जहां बड़ी एम्बुलेंस न पहुंच पाये या सड़क मार्ग न हो उन जगहों की महिलाओं को प्रसव काल में मुसीबत से उबारा जा सके, इसके लिए जिले में बाइक एम्बुलेंस का सहारा लिया जा रहा है। यह प्रसव काल में महिलाओं के लिए वरदान से कम नहीं है।
शिषु एवं मातृ मृत्युदर में आई कमी
बता दें कि बाईक एम्बुलेंस की सेवाएं मिलने से अब तक 666 मरीजों को इस सुविधा का सीधा लाभ मिला है। बाईक एम्बुलेंस के माध्यम से वनांचल क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए स्वास्थ्य केन्द्र तक लाया जाता है तथा शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर पहुंचाया भी जाता है। इसके साथ ही गर्भवती माताओं को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों का टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी इसका उपयोग किया जाता हैं। इसके आने से शिषु एवं मातृ मृत्युदर में भी कमी आई है।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद की बैठक में 12 अध्यादेशों का अनुमोदन कर राज्यपाल की स्वीकृति के लिये भेजने की मंजूरी दी। मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक को, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश,2020 के रूप में प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव को अनुमोदित किया तथा अध्यादेश जारी करने के लिए आनुषांगिक विधिक कार्यवाही हेतु गृह विभाग को अधिकृत किया।
धर्म स्वातंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश में धर्म छुपाकर अथवा झूठा अभिनय करके अधिनियम के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। एक ही समय में 2 या 2 से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन किए या पाए जाने पर 5 वर्ष-10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रु. के अर्थदंड की सज़ा होगी।
इन अध्यादेश पर हुआ अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन ) विधेयक,2020 को,मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2020 ,मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन) 2020 विधेयक को मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन)अध्यादेश, 2020,मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर (संशोधन) अध्यादेश, 2020,मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2020 को मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के रूप में प्रभावशील करने,दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2020 को दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन)अध्यादेश, 2020,मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को अनुमोदित किया है ।
इसी तरह से मध्यप्रदेश भोज(मुक्त) विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020, डाँ. बी.आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को डाँ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 तथा पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2020 को पंडित एस.एन.शुक्ला विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2020 अरबिन्दो विश्वविद्यालय, इन्दौर एवं महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर की स्थापना को, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन अध्यादेश, 2020 अरबिन्दो विश्वविद्यालय, इन्दौर एवं महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर की स्थापना के रूप में प्रभावशील करने का विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है ।
दिल्ली-गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पूर्व में जारी निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देश को 31 जनवरी 2021 तक लागू रखने के लिए आज एक आदेश जारी कर दिया है। भले ही कोविड-19 के नए और सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मामलों में बढ़ोतरी और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में वायरस के नए संस्करण के सामने आने के बाद निगरानी, रोकथाम और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है।
इस क्रम में, नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों का सावधानी से सीमांकन; इन क्षेत्रों में सुझाए गए रोकथाम के सख्त उपायों के पालन; कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार को प्रोत्साहन और सख्ती से अनुपालन; और विभिन्न स्वीकृत गतिविधियों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का ईमानदारी से पालन जारी रखा गया है।
इस प्रकार 25 नवंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देश में उल्लिखित गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा जारी दिशा-निर्देश /एसओपी की निगरानी, रोकथाम और सख्ती से पालन पर केंद्रित दृष्टिकोण को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने की जरूरत है।
भोपाल-मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए पर्यटन विभाग ने प्रदेश के महत्वपूर्ण पर कम जाने-माने पर्यटन स्थलों को चिन्हित कर विकसित करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में सर्वप्रथम श्योपुर में बैठक कर जिले की ऐतिहासिक, पौराणिक, प्राकृतिक विरासतों को चिन्हित किया जाएगा।
श्योपुर का इतिहास
श्योपुर मप्र का सीमांत जिला है, जिसे चम्बल-पार्वती नदी के उस पार राजस्थान के बारां, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली जिले घेरे हुए हैं। इसे मुसलमान शासकों ने स्योसूपुर और गौड़ राजाओं के समय 16वीं शताब्दी में सहरिया के नाम पर श्योपुर कहा गया। छठवीं सदी में यह अवंति जनपद का हिस्सा था। छोटे जनपदों के बड़े जनपदों में विलीनीकरण के बाद यह मगध साम्राज्य का हिस्सा बन गया। नन्दों के पतन के बाद यह क्रमश: मौर्य और शुंगवंश से शासित रहा। बाद में यह नाग और गुप्त साम्राज्य का हिस्सा रहा। आठवीं सदी में यह गुर्जर प्रतिहार वंश के अधीन रहा। दसवीं सदी से डोब कुंड के कच्छपघातों का इस क्षेत्र पर शासन रहा। वर्ष 1398 में यह ग्वालियर के तोमरों के अधीन रहा।
इसके बाद यह क्षेत्र मुगलों के अधीन आया। मुगलों के पतन के बाद यहाँ गौड़ राजाओं का शासन रहा, जिनके शासन काल में श्योपुर में किला, मानपुर, काशीपुर में गढ़ी महलों का निर्माण हुआ, जिनके अदभुत भित्ति चित्र आज भी देखे जा सकते हैं। खडगराय कृत गोपांचल आख्यान में श्योपुर का जिक्र आया है, जिसके अनुसार नरेशर राजा अजयपाल ने 1194 से 1219 ई. तक श्योपुर को अपनी राजधानी बनाकर राज्य किया था। वर्ष 1301 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने रणथम्भौर को जीतते समय हम्मीरदेव द्वारा शासित 10 किलों को भी जीत लिया। बाद में श्योपुर मेवाड़ के राणाओं के आधिपत्य में आ गया।
वर्ष 1489 में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी ने इसे जीतकर अपनी सल्तनत का हिस्सा बना लिया। वर्ष 1542 में श्योपुर किला शेरशाह के अधीन हो गया। शेरशाह द्वारा बनवाया गया ईदगाह व उसके पुत्र इस्लाम शाह द्वारा निर्मित उसके सिपहसालार का विशाल मकबरा चिन्हित दर्शनीय स्थल है। बाद में बूंदी के राजा सुर्जन सिंह हाड़ा ने इसे जीतकर अजमेर सूबे के अंतर्गत रणथम्भौर रियासत का हिस्सा बना दिया।
श्योपुर किले का निर्माण
कहा जाता है कि श्योपुर किले को राजा विट्ठल दास गोपावत के पुत्र अनिरूद्ध गौड़ गोपावत ने वर्ष 1584 में बनवाना प्रारम्भ किया, जिसे राजा नरसिंह गौड़ ने वर्ष 1631 में पूर्ण कराया। श्योपुर में वर्ष 1644 के लेख में राजा गोपालदास के पुत्र मनोहर दास द्वारा दिये गये दान का उल्लेख है। इस लेख में औरंगज़ेब द्वारा राजा गोपालदास की उस वीरता का आदर करने का भी उल्लेख है, जो उन्होंने शाहजहाँ से लड़ते समय दिखाई थी।
वर्ष 1669 के लेख में राजा इंदर सिंह, राजा उत्तमराम, राजा पुरूषोत्तम सिंह गौड का उल्लेख है। इसी प्रकार वर्ष 1685 के लेख में राजा राजसिंह, महाराजा उद्योत सिंह का उल्लेख है। राधा वल्लभ मंदिर से मिले वर्ष 1809 के अभिलेख में ग्वालियर के महाराजा दौलत राव सिंधिया के सेनापति जॉन बत्तीस और श्योपुर के राजा राधिक दास के मध्य हुए युद्ध का वर्णन है।
महाराजा दौलत राव सिंधिया द्वारा श्योपुर किला जीतने तक यह किला मुगलों के कदर राजाओं के रूप में बंगाल से अजमेर आये राजा वत्सराज गौड़ के वंशजों के आधिपत्य में रहा। सिपाहड़ रियासत के इन 225 वर्षों का इतिहास गौड़ राजाओं की कीर्ति गाथा, स्थापत्य कला, संस्कृति व संगीत के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान से भरा है। नरसिंह महल, पतंगबुर्ज़, मनोहर बावड़ी, राजा इंदर सिंह, राजा किशोरदास की छत्रियां उस समय की चिन्हित स्थापत्य कला के सुंदर नमूने हैं।
सोलहवीं सदी में 48 स्तंभों से युक्त राजा नरसिंह गौड़ महल में दरबार लगता था। इसमें से एक सुरंग बड़ोदा तक जाती है। इसमें कांच की कारीगरी का काम है। पतंगबुर्ज का निर्माण भी इसी काल का है। आठ स्तंभों पर आधारित पतंगबुर्ज का उपयोग पतंग उड़ाने के लिए किया जाता होगा। राधावल्लभ मंदिर, राजा इंद्रा सिंह, किशोरदास की छत्रियां, बारादरी, गुरूमहल, सूरी का मकबरा, घुड़साल और अनेक गौड़कालीन दर्शनीय स्थल हैं। दरबार हॉल, दीवान-ए-आम सिंधियाकालीन दर्शनीय स्थल हैं। सीप नदी का तट इस दुर्ग को और मोहक बना देता है।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में खेलों का निरंतर विकास हो रहा है तथा वह मौका आएगा जब हमारे खिलाड़ी ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मैडल प्राप्त करेंगे। मध्यप्रदेश में खिलाड़ियों को बेहतर खेल प्रशिक्षण एवं खेल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही खिलाड़ियों की आवश्यकताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। हमारा लक्ष्य है देश को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार कर देना।
मुख्यमंत्री चौहान ने मिंटो हॉल में मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण समारोह 2019 में खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विक्रम, एकलव्य, विश्वामित्र और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान कर रहे थे। कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, खनिज साधन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, पद्मश्री निशानेबाज जसपाल राणा, मध्यप्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण पंकज राग, संचालक खेल एवं युवा कल्याण पवन जैन आदि उपस्थित थे।
महिला हॉकी में प्रदेश की 6 खिलाड़ी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि पिछले ओलम्पिक में महिला हॉकी टीम में मध्यप्रदेश की 6 खिलाड़ी शामिल हुई थीं। इस वर्ष प्रदेश की 2 खिलाड़ियों द्वारा भारत के लिए ओलम्पिक कोटा लाना गर्व का विषय है। जब प्रदेश के खिलाड़ियों के गले में मैडल टंगते हैं तो मामा का सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के खिलाड़ी खेलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। एशियन गेम्स 2018 में मध्यप्रदेश की मुस्कान किरार ने तीरंदाजी में तथा हर्षिता तोमर ने सेलिंग में पदक प्राप्त किए। प्रदेश में खेलों के विकास के लिए विभागीय मंत्री सहित खेल विभाग का पूरा अमला बधाई का पात्र है।
दो ओलम्पिक कोटा लाया है देश के लिए
खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिये गौरव की बात है कि हमारे खिलाड़ी देश के लिए दो ‘ओलम्पिक कोटा’ लेकर आए हैं। मध्यप्रदेश के ऐश्वर्य प्रताप सिंह और चिंकी यादव ने अगले ओलम्पिक के लिए ओलम्पिक कोटा हासिल किया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वर्ष 2019 के राज्य स्तरीय विक्रम, एकलव्य, विश्वामित्र एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किए। वर्ष 2019 के लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भोपाल के ओलिंपियन हॉकी खिलाडी इनाम-उर-रेहमान को नवाजा गया। उन्होंने यह पुरस्कार वर्चुअल ग्रहण किया।
एकलव्य पुरस्कार-2019
व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेल) में भिण्ड के अजातशत्रु शर्मा केनोइंग-कयाकिंग, देवास के आदित्य दुबे सॉफ्ट टेनिस, खरगौन के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर शूटिंग, भोपाल की गार्गी सिंह परिहार कराते, जबलपुर की अंशिता पाण्डे वूशु, इंदौर के परम पदम् बिरथरे तैराकी, भोपाल के शंकर पाण्डेय फैंसिंग, उज्जैन के अक्षत जोशी घुड़सवारी, इंदौर की अनुषा कुटुम्बले टेबल-टेनिस, धार के प्रियांशु राजावत बेडमिंटन और राजगढ़ के गोविन्द बैरागी सेलिंग को एकलव्य पुरस्कार प्रदान किए गए। दलीय खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में टीकमगढ़ की शिवांगनी वर्मा सॉफ्टबॉल और ग्वालियर की इशिका चौधरी हॉकी तथा परम्परागत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) में इंदौर की नित्यता जैन शतरंज को प्रदान किए गए।
व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में भोपाल की राजेश्वरी कुशराम केनोइंग-कयाकिंग, भोपाल के फराज खान घुड़सवारी, इंदौर के अद्वेत पागे तैराकी, जबलपुर की मुस्कान किरार आर्चरी, देवास के जय मीणा सॉफ्ट टेनिस तथा भोपाल की चिंकी यादव शूटिंग को वर्ष 2019 के लिये विक्रम पुरस्कार दिए गए। दलीय खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में इंदौर की पूजा पारखे सॉफ्टबॉल और ग्वालियर की करिश्मा यादव हॉकी को पुरस्कार दिया गया। दिव्यांग वर्ग (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में जानकी बाई जूडो तथा परम्परागत खेलों (ओलम्पिक एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) में भोपाल के चंद्रकांत हरडे थ्रो-बॉल को पुरस्कार मिला।
विश्वामित्र पुरस्कार-2019
व्याक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेल) में इंदौर के अभिलाष एम.टी. तैराकी और भोपाल के गिरधारी लाल यादव सैलिंग तथा दलीय खेल (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में इंदौर के शरद जपे खो-खो को विश्वामित्र पुरस्कार प्रदान किए गए।
महासमुंद- ज़िले में कोविड-19 एवं कोरोना पॉज़िटिव की संख्या में हो रही वृद्धि को रोकने नियंत्रण हेतु सभी संभावित उपाय अमल मैं लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है। 31 दिसम्बर को नए साल के स्वागत एवं आगामी त्यौहार में किसी प्रकार की खलल न पड़े, कोविड का भी पूरी तरह पालन हो इसे देखते एवं कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी कार्तिकेया गोयल ने 23 बिंदुओं की गाइड के अनुमोदन के बाद अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी के हस्ताक्षर से आदेश आज जारी कर दिए है ।
कोविड गाइड लाइन पालन करने की अपील
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने ज़िले की जनता से नए साल एवं अन्य त्यौहार में कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करने की अपील की है और जारी दिशा-निर्देशों का भी पूरा ध्यान रखने का आग्रह किया है। उन्होंने आने वाले नए साल की भी ज़िले की जनता को अपनी शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि नए साल के स्वागत में कोविड गाइड लाइन का पालन करें और सुरक्षित रहे।
नए साल के कार्यक्रम आयोजन में कोरोना के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। कार्यक्रम का आयोजन खुले एवं सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर क्षमता के 50 प्रतिशत तक व्यक्तियों अथवा अधिकतम 200 व्यक्तियों का ही प्रवेश होगा। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश एवं निकासी हेतु अलग-अलग गेट होना आवश्यक है एवं दोनों गेट टच फ्री मोड पर होना आवश्यक है।
छोटे बच्चे एवं बड़े बुजुर्गों का प्रवेश निषेध
कार्यक्रम की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी अनिवार्य होगी, ताकि किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधि होने पर अपराधी की पहचान की जा सके।कार्यक्रम का आयोजन रात 12.30 बजे से अधिक समय तक नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम में छोटे बच्चे एवं बड़े बुजुर्गों का प्रवेश निषेध रहेगा।कार्यक्रम के दौरान रात 11.55 से 12.30 बजे तक केवल हरित पटाखों का ही उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना होगा। कार्यक्रम में डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। केवल दो छोटे बाक्स का ही प्रयोग करेंगे।
अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रवेश वर्जित
कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। व्यवस्थित पार्किंग नहीं पाए जाने पर वाहन चालक एवं आयोजक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम में अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रवेश वर्जित होगा। कार्यक्रम के दौरान रजिस्टर में इंट्री करना अनिवार्य होगा एवं आयोजन में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के उल्लंघन करने पर अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर आयोजक की जिम्मेदारी होगी व उनके विरुद्घ आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
महासमुंद -कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने जिला मुख्यालय से लगे हुए संजय कानन उद्यान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस उद्यान में घूमने आने वाले बच्चों, विद्यार्थियों एवं नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारम्भ करें। इसके अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए टाॅय ट्रेन को प्रारम्भ करने के साथ-साथ बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के फिसलपट्टी, झूला सहित अन्य खेल सामग्रियों की भी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए।
गढ़कलेवा भी होगा प्रारम्भ
कलेक्टर गोयल ने कहा कि नगरपालिका परिषद् महासमुंद के अंतर्गत संजय कानन उद्यान राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने के कारण शहर तथा ग्रामीण अंचलों के नागरिक इस उद्यान में बड़ी संख्या में यहां आयेंगे। इसके लिए उद्यान में सभी वर्गों के लिए रियायती दरों में नास्ता उपलब्ध हो सके इसके लिए यहां गढ़कलेवा भी प्रारम्भ किया जाएगा। ताकि लोग ठेठरी, खुरमी, फरा, चीला जैसे छत्तीसढ़ी व्यंजन सहित अन्य व्यंजन का आनंद ले सकेंगे।
कलेक्टर ने उद्यान के सभी क्षेत्रों का बारीकि से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व में बनें स्केटिंग ग्राउण्ड पहुंचकर स्केटिंग ग्राउण्ड के मरम्मरत करने, उद्यान के चारों ओर बेहतर फेंसिंग एवं प्लांटेशन करने, शितली नाला के पानी को बेहतर ढंग से सहेजनें के लिए चेकडेम में पिंचिंग, गहरीकरण एवं वहां स्थित तालाब का गहरीकरण का कार्य प्रारम्भ कराएं। जिससे पानी सुरक्षित तरीकें से ठहर सकें। इसके अलावा उद्यान में आने वाले नागरिकों के लिए उद्यान के बाहर सुव्यवस्थित तरीके से पार्किंग की व्यवस्था करने को कहा।
इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत, उप वनमण्डलाधिकारी एस.एस नाविक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुनील कुमार चन्द्रवंशी, जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता जे.के. चन्द्राकर, मुख्य नगरपालिका अधिकारी ए.के. हलदार, तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा, जिला खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे, नायब तहसीलदार देवेन्द्र नेताम, पार्षद महेन्द्र जैन सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली-केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज वर्चुअल रूप से देश के 8 समुद्री तटों पर अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग फहराया। भारत ने 6 अक्टूबर, 2020 को इन समुद्री तटों के लिए अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र उस समय प्राप्त किया जब यूएनईपी, यूएनडब्ल्यूटीओ, यूनेस्को, आईयूसीएन, आईएलएस, एफईई जैसे सदस्य संगठनों वाले अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने कोपेनहेगेन, डेनमार्क में पुरस्कार की घोषणा की।
ब्लू फ्लैग प्रमाणीकरण वैश्विक रूप से मान्य पर्यावरण-लेबल हैं जिसे 33 कठोर मानकों के आधार पर डेनमार्क के फाउंडेशन फॉर एनवायरन्मेन्ट एजुकेशन द्वारा दिया जाता है। राज्य तथा केन्द्रीय सरकार और लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि स्वच्छ समुद्री तट इस बात का संकेत देते हैं कि तटीय पर्यावरण की सेहत अच्छी है और ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र भारत के संरक्षण तथा स्थायी विकास प्रयासों को वैश्विक मान्यता है।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि आने वाले 3-4 वर्षों में ऐसे और 100 समुद्री तट ब्लू फ्लैग वाले बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समुद्री किनारों की साफ-सफाई को न केवल सौन्दर्य और पर्यटन संभावनाओं की दृष्टि से बल्कि समुद्री गंदगी कम करने और तटीय पर्यावरण को स्थायी बनाने के महत्व को देखते हुए जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए।
जिन 8 स्थानों पर इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग फहराए गए उनमें कप्पड (केरल), शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कसरकोड तथा पदुबिदरी (कर्नाटक), रूशिकोन्डा (आंध प्रदेश), गोल्डेन (ओडिशा) तथा राधानगर (अंडमान और निकोबार दीव समूह) हैं। यह ध्वज समुद्री तटों पर संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी फहराए गए।