Home देश मौनी अमावस्या आज पौराणिक ग्रंथों में है इसका विशेष महत्व

मौनी अमावस्या आज पौराणिक ग्रंथों में है इसका विशेष महत्व

मौनी अमावस्या आज पौराणिक ग्रंथों में है इसका विशेष महत्व

आज मौनी  अमावस्या है पौराणिक ग्रंथों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है । हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या माघ महीने के कृष्ण पक्ष में होती  है। पूरे वर्ष में 12 अमावस्य होती है लेकिन मौनी अमावस्या का अपना अलगविशेष  महत्व है ।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों या फिर अन्य स्थानों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखने और मुख से कटु शब्द ना निकले से मुनि पद की प्राप्ति होती है। सुबह से इस दिन मौन व्रत रखा जाता है और ध्यान चिंतन करना चाहिए। मौनी अमावस्या का महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है ।पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें।

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मौनी अमावस्या पर किए गए दान से सौ गुना पुण्य का फल मिलता है ।कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत के समान होता है ।मनुष्य द्वारा आज किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है । अमावस्या पर किया गया दान से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आता है ।

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ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। नदी में स्नान करना चाहिए माघ के महीने

में सूर्य पूजा और नवीन वस्त्र आदि का दान करने से लाभ होता है ।

वही पशु पक्षियों को भोजन कराने में भी अच्छे जीवन फल

की प्राप्ति होती है । इस दिन पीपल की पेड़ में मिठाई चढ़ाएं और

पेड़ की 108 बार परिक्रमा करे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल के

लड्डू तिल का तेल कंबल आदि जैसे दान करना चाहिए।

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