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ड्रीम इंडिया स्कूल के बच्चों को मिलेगी राहत संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने की पहल

आरटीई के तहत बच्चों को दूसरे स्कूलों में मिलेगी अध्यापन की सुविधा

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महासमुंद। संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर बंद हुए ड्रीम इंडिया स्कूल के बच्चों को राहत मिल सकेगी। प्रदेश सरकार ने आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों को दूसरे स्कूलों में अध्यापन की सुविधा दिलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बकायदा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

मिली जानकारी के अनुसार महासमुंद में संचालित ड्रीम इंडिया स्कूल के अचानक बंद होने से यहां आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था। जिस पर यहां बच्चों के अभिभावकों ने संसदीय सचिव से मुलाकात कर दूसरे स्कूलों में अध्यापन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की थी।

इस पर बच्चों के अभिभावकों ने संसदीय सचिव से मुलाकात कर दूसरे स्कूलों में अध्यापन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की थी। जिस पर संसदीय सचिव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व शिक्षा मंत्री को ड्रीम इंडिया स्कूल महासमुंद का संचालन बंद होने के कारण आरटीई में अध्ययनरत बच्चों की अध्यापन की व्यवस्था अन्य विद्यालय में करने पत्र लिखा था।

ड्रीम इंडिया स्कूल के बच्चों को मिलेगी राहत संसदीय सचिव ने की पहल

स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को प्रदेश के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इनोवेटिव इंटेलेक्यूटल सोसायटी के द्वारा आवेदित स्कूलों को इस शर्त के साथ मान्यता प्रदान करें कि वे पूर्व में संचालित स्कूल आरटीई विद्यार्थियों को संबंधित कक्षाओं में प्रवेश प्रदान करें। आरटीई के नियमों के तहत शासन द्वारा इन बच्चों की फीस का भुगतान किया जा सकता है। अनुमति देने के उपरांत इस स्कूलों को यू डाईस कोड भी आबंटित किया जाए।

वर्तमान डाइस कोड नवीन विद्यालय को आबंटित

संसदीय सचिव को शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि पोर्टल में पूर्व में संचालित विद्यालय ड्रीम इंडिया स्कूल पंजीकृत है और आरटीई के विद्यार्थी उसी डाइस कोड में प्रदर्शित है। लिहाजा समग्र शिक्षा से समन्वय स्थापित कर वर्तमान डाइस कोड ही नवीन विद्यालय को आबंटित कराया जाएगा ताकि आरटीई अंतर्गत अध्यनरत विद्यार्थियों की वर्तमान स्थिति में संशोधन की आवश्यकता न हो।

यहां यह बताना लाजिमी होगा कि करीब सात आठ साल पूर्व ड्रीम इंडिया स्कूल ने राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत बच्चों का एडमिशन लेकर कुछ सालों तक पढ़ाया और इस वर्ष एकाएक स्कूल को बंद कर दिया गया। साथ ही स्कूल का नाम बदल दिया और पालकों से फीस जमा करने की बात कही तो पालकों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई। बााद इसके अभिभावकों ने संसदीय सचिव से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई। जिसे गंभीरता से लेते हुए संसदीय सचिव ने पहल करते ड्रीम इंडिया स्कूल के आरटीई के बच्चों के लिए व्यवस्था कराई है। संसदीय सचिव के इस पहल पर अभिभावकों ने आभार जताया है।

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