उदयपुर:-जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘भारत का गणतंत्र’ विषय पर हिन्दी व अंग्रेजी दो भाषाओं में ऑनलाइन क्विज़ आयोजित किया गया। क्विज़ को प्रारम्भ करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि गणतंत्र की सटीक जानकारी आज के युवा के लिए एक बड़ी आवश्यकता है।
विकास हेतु गणतंत्र की क्या भूमिका
क्रांतिकारी स्वतंत्रता सैनानियों के बारे में पढ़ कर यह जानना ज़रूरी है कि गुलामी के वक्त शैक्षिक और आर्थिक बदहाली के चलते हमें आज़ादी कैसे मिली और उसके बाद इनके विकास हेतु गणतंत्र की क्या भूमिका है। जिस समय हमें अपने ही देश में नौकरी नहीं मिलती थी, हम बड़े व्यवसायी नहीं बन सकते थे, खुल कर जी नहीं सकते थे। इनके अतिरिक्त भी अंग्रेजों ने कई बंधन लगा रखे थे, जिनका अनुभव भी आज हमें नहीं होता।
गणतंत्र दिवस वह समय है जब हमें देश को शैक्षिक और आर्थिक गुलामी से बाहर निकालने को प्रतिबद्ध हमारे संविधान के प्रति न केवल अपनी कृतज्ञता दर्शानी है बल्कि इसके और इसके साथ जुड़े हुए प्रत्येक सेनानी का महत्व भी समझना है। यह ऑनलाइन क्विज़ इसी दिशा में एक कार्य है। इस तरह के कार्य न केवल भावनात्मक बल्कि संज्ञानात्मक विकास में भूमिका का निर्वहन करते हुए अंततः देश के मूल्य आधारित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले नागरिकों को तैयार करने में सहायक होते हैं।
नवोदित साहित्यकारों के लिए कहानी और कविता पाठ का आयोजन – राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में
2273 प्रतिभागियों ने लिया भाग
इस क्विज़ के समन्वयक डॉ. चंद्रेश कुमार छ्तलानी ने बताया कि इसमें सम्पूर्ण देश से 2273 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से 1450 ने 75 प्रतिशत व अधिक अंक लाकर विशेष योग्यता प्राप्त की है तथा 254 प्रतिभागियों 100 प्रतिशत अंक हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रश्नोत्तरी में भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सैनानियों, स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न वृतांतों, संविधान के महत्वपूर्ण बिन्दुओं, गणतंत्र दिवस समारोह, राष्ट्रीय ध्वज संबंधी सहित अन्य ऐतिहासिक घटनाओं को सम्मिलित किया गया।
निदेशक शोध व विकास डॉ. तरुण श्रीमाली ने बताया कि इस प्रश्नोत्तरी में राजस्थान के अतिरिक्त छत्तीसगढ़, तमिलनाडू, उड़ीसा, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात, नयी दिल्ली, आन्ध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, केरल, अण्डमान व निकोबार, तेलंगाना, असम व अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
ज्ञातव्य हो कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के उचित क्रियान्वयन हेतु विद्यापीठ ने कई अन्य योजनाएं भी बना रखी हैं, जिन्हें समय-समय पर आयोजित किया जाएगा। क्विज़ में सफल प्रतिभगियों को ई-प्रमाणपत्र वितरण की तैयारी प्रारम्भ कर ली गई है। इस कार्य में विकास डांगी ने तकनीकी सहयोग दिया।
यह जानकारी निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने दी।