भोपाल-वन मण्डल इंदौर की बीट नयापुरा में वन कक्ष-222 में घायल एक तेंदुआ प्रकरण में लिप्त 4 आरोपियों के पास से जीवित वन्य-प्राणी कछुआ और वन्य-प्राणी जंगली सुअर के 6 जबड़े जब्त किये गये थे। इन आरोपियों के पास से शिकार में प्रयुक्त जब्त की गई 2 बंदूक को फॉरेंसिक लैब में हुए परीक्षण से इन वन्य-जीवों के शिकार में प्रयोग करने की पुष्टि हुई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार कर लिया है कि वे पिछले कई वर्ष से लगातार वन्य-प्राणियों का शिकार करते आ रहे थे। इसी के साथ इंदौर पुलिस ने भी इन आरोपियों के विरुद्ध आर्म्स एक्ट-1959 के तहत एफआईआर भी दर्ज कर ली है।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल 9-10 जुलाई के दरम्यान नयापुरा में एक तेंदुआ घायल अवस्था में मिला था। सीटी स्केन रिपोर्ट में तेंदुए के सिर में गनशॉट से लोहे के 46 छर्रे पाये जाने से तेंदुआ का शिकार किये जाने के आरोप में 13 सितम्बर, 2020 को वन अपराध प्रकरण 413/15 कायम किया गया था।
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प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वन्य-प्राणी मुख्यालय से
यह प्रकरण स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की इंदौर इकाई को अंतरित किया गया।
एसटीएसएफ की जाँच और वैज्ञानिक साक्ष्य के
आधार पर इंदौर जिले के थाना खुड़ेल निवासी इन आरोपियों को उच्च न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया।
उच्च न्यायालय इंदौर और जिला न्यायालय द्वारा आरोपियों की जमानत
निरस्त की जा चुकी है। घायल तेंदुए का उपचार विशेषज्ञों की निगरानी में
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में इलाज किया जा रहा है।
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