Home खास खबर भारत विश्व में “क्लीन एनर्जी” का मॉडल बनेगा-प्रधानमंत्री मोदी

भारत विश्व में “क्लीन एनर्जी” का मॉडल बनेगा-प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने वी.सी. से रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण किया राज्यपाल आनंदीबेन एवं मुख्यमंत्री चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से शामिल हुए

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मध्यप्रदेश सस्ती एवं साफ-सुथरी बिजली का बन रहा हब,गेहूँ उपार्जन में रिकार्ड के बाद मध्यप्रदेश अब सौर ऊर्जा उत्पादन में रिकार्ड बनायेगा,अन्नदाता अब ऊर्जादाता भी बन सकेगा

 

भोपाल-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत विश्व में ‘क्लीन एनर्जी का मॉडल बनेगा। भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस’ का निर्माण किया है। हमारे प्रयास है कि आम आदमी अपनी जरूरत की बिजली घर पर ही पैदा करे। इस कार्य में सरकार मदद करेगी।

हम प्रयासरत है कि देश में बेहतर सोलर पैनल, बेट्री, स्टोरेज बनें तथा हमें विदेशों से उपकरण आयात नहीं करना पड़ें। मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहे है। मध्यप्रदेश सस्ती एवं साफ-सुथरी बिजली का हब बन रहा है। रीवा ने आज वाकई इतिहास रच दिया है। सफेद बाघ के नाम से जाना जाने वाला रीवा अब विश्व में सेालर प्लांट के नाम से भी जाना जाएगा। यहां खेतों में लगे हजारों पैनल ऐसा एहसास दिलाते है, मानो खेतो में फसल लहरा रही हो या गहरे समंदर का नीला पानी हो।

 

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इस अभूतपूर्व कार्य के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, क्षेत्र की जनता सहित पूरी टीम बधाई की पात्र है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में उल्लेखनीय कार्य हो रहे है। कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के साथ ही मध्यप्रदेश ने गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन किया है। अब मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा उत्पादन में भी रिकार्ड बनायेगा। शासन ऐसी योजना बना रहा है, जिसके माध्यम से अब किसान अपनी बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकेगा। वह स्वयं की आवश्यकता की पूर्ति के साथ ही दूसरों को भी बिजली दे पायेगा। हमारा अन्नदाता किसान अब ऊर्जादाता भी बन सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ से, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, धर्मेन्द्र प्रधान, प्रहलाद पटेल, आर.के. सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते दिल्ली से तथा रीवा से सांसद, विधायकगण एवं जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रीवा सोलर परियोजना से न केवल मध्यप्रदेश को बिजली प्राप्त हो रही है बल्कि यह हर्ष का विषय है कि परियोजना अपनी 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो को प्रदान कर रही है। दिल्ली की मेट्रो रीवा से चलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में सूर्य उपासना का विशेष स्थान है। सूर्य हमें पवित्र तो करता ही है, हमारे लिये अक्षय ऊर्जा का स्त्रोत भी है। सूर्य श्योर, प्योर एवं सिक्योर ऊर्जा देता है। इसकी ऊर्जा ‘श्योर’ अर्थात सदा सर्वदा है, ‘प्योर’ अर्थात पर्यावरण के लिये सुरक्षित एवं शुद्ध है तथा ‘सिक्योर’ अर्थात हमेशा के लिये है और हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हम विश्व के टॉप 5 देशों में पहुँच गये हैं। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि सौर ऊर्जा अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण दोनों की दृष्टि से लाभदायी है। वर्ष 2014 में जहां सौर ऊर्जा की कीमत 7 से 8 रूपये प्रति यूनिट हुआ करती थी, आज वह घटकर 2.25 से 2.50 रूपये प्रति यूनिट हो गयी है। रीवा सोलर प्लांट के माध्यम से सस्ती बिजली का उत्पादन बड़ी उपलब्धि है। सोलर बिजली की आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भर भारत के लिये आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साफ सुथरी ऊर्जा के प्रति हम संकल्पित है। हमें पर्यावरण की सुरक्षा तो करना ही है, साथ ही जनजीवन को आसान भी बनाना है। हमने हर घर में एलपीजी, सीएनजी आधारित वाहन व्यवस्था तो की ही है, अब बिजली आधारित परिवहन की व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे है। देश में गत वर्षों 36 करोड़ एलईडी बल्ब के माध्यम से लगभग 600 अरब यूनिट बिजली बचाई गई है। हमारा ध्येय है हर व्यक्ति तक सस्ती बिजली पहुँचे तथा वातावरण हवा पानी भी शुद्ध बना रहे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि रीवा सोलर प्लांट ने कई नये कीर्तिमान स्थापित किये है। यह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ‘गेम चेंजर’ परियोजना है। मात्र 2.97 रूपये प्रति यूनिट की सस्ती बिजली, प्रथम बार राज्य के बाहर व्यावसायिक संस्थान को बिजली प्रदाय करना, विश्व बैंक से बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करना, 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन बचाना आदि ऐसे प्रतिमान है कि जो इस परियोजना को अनूठी बनाते हैं।

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