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चाय का घूँट,चाय का एक कप, घरौंदा,असल धनवान-“चाय दिवस विशेष”- महेश राजा

महेश राजा की लघुकथा कान्वेंट कल्चर ,टेढ़ी पूँछ वाला कुत्ता ,उदाहरण व् ए.टी.एम

जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघुकथा चाय का घूँट,चाय का एक कप, घरौंदा,असल धनवान-“चाय दिवस पर विशेष”सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
चाय का घूँट-राज ने खिडक़ी खोली।हवा का ताजा झोंका पूरे शरीर में स्फूर्ति भर गया। चाय के प्याले से एक घूंट पीया। अच्छा लगा। उसे लगा,दूर आसमान से कोई उसे देख रहा है।उसने चाय की चुस्की लेते हुए अजीब सी आवाज निकाली।कोई नहीं था।राज चुपचाप चाय पीने लगा।

उसे याद आया ,बचपन के वो सुनहले पल।पीले फ्राक में वह गोलमटोल लड़की।बहुत लड़ती थी उससे।उसे राज का चाय पीना पसंद न था।राज चाय पीते जानबूझकर कर आवाज निकालता।वह कहती,तुम बहुत बुरे हो राज।इस तरह से चाय पीता है कोई भला।

समय बीतता गया।वे बड़े हो गये।सब कुछ बदल गया।सब अपनी अपनी जगहों पर सेटल हो गये। आज राज को उस लड़की की बहुत याद आयी।उसने चाय का एक घूँट लिया और अजीब सी आवाज निकाली।उसे महसूस हो रहा था कोई आये और इस तरह से आवाज करने पर उसे डाँटे। राज को मायूस होना पड़ा।दूर-दूर तक कोई न था।सब कुछ अकेला….उदास….लूटा लूटा….।

शपथ-शहीद दिवस,जल ही जीवन विश्व जल दिवस पर विशेष-लघु कथा महेश राजा

चाय का घूँट,चाय का एक कप, घरौंदा,असल धनवान-"चाय दिवस विशेष"- महेश राजा
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 चाय का एक कप

राज ने फोन लगाया।थोड़ा ठहर कर जवाब आया।रीमा की हमेंशा की तरह तरोताजा आवाज। क्या कर रही हो? चाय पी रही थी,तुम? मैं भी।आफिस से आ गयी? हाँ ,आज जल्दी आ गयी।और सुनाओ? हम कब मिल रहे है?साथ साथ चाय का एक कप कब पीयेंगे?”

साहित्य पर चर्चा हुए काफी दिन हो गये। हाँ….सच कहा…-बहुत जल्द.. मिलेंगे और एक कप क्यों? कई कप चाय होगी और खूब किस्से गढ़े जायेंगे….।

 घरौंदा

सुबह सुबह चाय के साथ अखबार लेकर वे अपने घर के अहाते में शांत बैठे थे। अचानक कुछ शोर उठा सामने ही एक बडा बँगला बन रहा था।कामगार आ गये थे। घर के बाहर ईंट,पत्थर और रेती का जमावड़ा रहता।खूब धूल उड़ती। कालोनी में यह सब सामान्य बात थी।सब आदि हो गये थे।

थोड़ी देर बाद घर के जंगले से देखा तो एक छोटा लड़का और लड़की वहाँ पड़ी रेत से घर बना रहे थे।छोटी बच्ची पैर के उपर रेत डालती और हाथों से घर या मंदिर का रूप देती।बार बार रेत धसक जाती।छोटा लड़का थोड़ा पानी और कुछ लकड़ियाँ, कुछ फूल ले आया।अब दोनों साथ मिलकर प्रयास करने लगे।वे अनायास मुस्कुरा दिये।

साहित्यिक पक्षधरता,भूख कीआग,वादा व् व्यंग्य की समझ:- महेश राजा की लघु-कथा

चाय का घूँट,चाय का एक कप, घरौंदा,असल धनवान-"चाय दिवस विशेष"- महेश राजा

उन्हें अपना बचपन याद आ गया।उनके जीवन की पहली गोलमटोल लड़की,पीली फ्राक पहने रोज मिलती।वे घर घर खेलते लड़ भी पड़ते।फिर मिल भी जाते। अचानक कुछ आवाज से उनकी तंद्रा टूटी।देखा किसी बात से नाराज़ लड़का बने बनाये घर को उजाड़ने में लगा था।लड़की रो रही थी।

वे दौड़े-दौड़े बाहर आये।उन्होंने समझा कर लड़के को रोका।ऐसा नहीं करते बेटे…..।यह अच्छी बात नहीं…।फिर बच्ची को चुप कराया।स्वयं अपने हाथों से घर बनाकर दिया।अब दोनों हँसते हुए खेलने लगे। वे वापस अपनी आराम कुर्सी पर आ कर बैठ गये।स्वतः बोल उठे-“नहीं.. नहीं.. बच्चे ..ऐसा मत करना…घर मत तोड़ना…बहुत तकलीफ़ होती है,जब घरौंदा उजड़ जाता है।

आँखों से आँसू टपक पड़े।उन्होंने भी बचपन में यही किया था।स्वयं के हाथों बना बनाया घर उजाड़ दिया था।पीले फ्राक वाली गोल मटौल लड़की रोते हुए घर चली गयी थी।फिर कभी भी लौटकर न आयी ,उनके जीवन में। उस दर्द,उस कसक को सीने से लगाये वह आज भी जी रहे है।किसी को खो देने की तकलीफ़ क्या होती है,?उस सजा को… किश्त दर किश्त में काटते हुए एक कारावास- सा जीवन वे जी रहे हैं।यही सत्य है, शायद इसी का नाम जीवन है…..।

पडोस से भूपेन्दर सिंगजी की गजल की सदा आ रही थी-“सपनों का घरौंदा टूटा……। आँखों से अविरल गर्म आँसूओं की धारा बह रही थी।

असल धनवान

रीमा को सप्ताह में दो बार मुख्य बाजार तक आना ही पड़ता है। नेहरू चौक पर बहुत सारी दुकानों के साथ खाली जगहों पर फलवाले मोची और अन्य लोग बैठकर दुकानदारी करते। वहीं कोने पर एक ग्रामीण महिला मिट्टी के घडे,गुल्लक और अन्य सामान लेकर बैठती।वह हमेंशा हँस कर बात करती।उम्र ज्यादा न थी।पर,वक्त के थपेडों ने असमय उसे वृद्धा बना दिया था।चेहरे पर की झुर्रियाँ अनुभवों की आँच से तप कर निकलने का दावा कर रही थी।

रीमा हमेंशा कुछ न कुछ खरीदी करती।कभी भी मोल भाव न करती।वापसी में आज भी वह रूकी एक घड़ा और दो सकोरे लिये।माँजी ने कीमत सौ रूपये बतायी।रीमा के मुँह से निकलने ही वाला था कि हमेंशा तो आप बीस रूपये लगाती है।एन वक्त पर उसने स्वयं को रोका और चुपचाप सौ रूपये दे दिये।

CM भूपेश बघेल ने किसानों के लिए सुपर कम्पोस्ट खाद की लॉच

चाय का घूँट,चाय का एक कप, घरौंदा,असल धनवान-"चाय दिवस विशेष"- महेश राजा

घड़ेवाली महिला ने उसके चेहरे के भाव पढ़ लिये थे।गाड़ी में घड़ा और सकोरा रखते हुए उसने रीमा को दस रूपये लौटाये,बेटी,तुम कभी कुछ नहीं कहती।आज मेरा मन है।यह रख लो। रीमा मन में आये विचारों के कारण आत्मग्लानि से ग्रस्त थी।रीमा ने मन ही मन संकल्प किया भविष्य में वह मेहनतकश लोगों से कभी मोलभाव नहीं करेगी।वे जो कहेंगे वही देगी। रीमा की आँखों से आँसू टपक पड़े।उक्त महिला को भी भाव पढ़कर रोना आ गया। दोनों काफी देर तक मौन खड़े रहे।

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नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर को मातृशोक

नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर को मातृशोक

महासमुंद-नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर की माता प्रभा चंद्राकर (शिक्षिका) 58 वर्ष का आज सुबह निधन रायपुर में हो गया उनका अंतिम संस्कार सुबह 10:30 बजे कोविड नियमों के तहत भलेसर रोड मुक्तिधाम में किया जायेगा।

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महासमुन्द जिले के 119 गांव में आज तक कोरोना दाखिल नहीं हो पाया

कोविड-19 से मृत 231 प्रकरणों के लिए आर्थिक अनुदान सहायता राशि स्वीकृत
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महासमुंद-जहां एक ओर देश दुनिया से कोरोना को लेकर बुरी खबरें आ रही है। वहीं कुछ खबरें ऐसे भी है, जो मिसाल कायम कर रहीं हैं। ऐसे ही जानकारी महासमुन्द जिले के गांव और नगरीय वार्डों की है। जहां प्रशासन और लोगों के सक्रियता के चलते कोरोना वायरस को दाखिल नहीं करने दिया। हम बात कर रहें हैं महासमुन्द जिले के 42 ग्राम पंचायतों के 119 गांव एवं तुमगांव नगरीय के दो वार्डों की। इसमें पिथौरा विकासखण्ड के 13 गांव, बसना के 37 और सरायपाली के 69 गांव है। तुमगांव के पं. दीनदयाल और शहीद वीर नारायण सिंह ऐसे वार्ड हैं, जिसमें आज तक कोरोना दाखिल नहीं हो पाया हैं। यानि की ये गांव आज तक कोरोना से अप्रभावित हैं। यहां आज तक एक भी कोविड केस नहीं पाया गया। सीधे कहें तो अभी तक ये गांव कोरोना महामारी से पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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महासमुन्द जिले के 119 गांव में आज तक कोरोना दाखिल नहीं हो पाया
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह गांव वालों का कोरोना को लेकर जागरूकता, सावधानी और प्रयास हैं। राज्य शासन और जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरें जिले में अभियान चलाकर लोगों को कोराना के प्रति विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। उपरोक्त गांव में भी प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और यहां के स्थानीय निवासियों के जागरूकता और सक्रियता के कारण ये गांव अब तक कोरोना संक्रमण से अछूते हैं।

CM भूपेश बघेल ने किसानों के लिए सुपर कम्पोस्ट खाद की लॉच

कलेक्टर डोमन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आज दिनांक को जिले में कुल एक्टिव केस 2782 है। इस आकडं़े के आधार पर जिले के 190 ग्राम पंचायतों के 532 गांवों में आज दिनांक को एक भी कोरोना पाॅजिटीव नहीं है। इसमें महासमुन्द 110 गांव, बागबाहरा के 72, पिथौरा के 83, बसना के 109 और सरायपाली के 158 गांव में आज एक भी कोरोना पाॅजिटीव एक्टिव केस नहीं है। इसी प्रकार जिले के कुल 105 नगरीय वार्डों में से 48 नगरीय वार्डों में आज दिनांक को एक भी कोरोना पाॅजिटीव एक्टिव केस नहीं है। महासमुन्द के 29 वार्ड, तुमगाॅव के 13, पिथौरा के 4 और बसना के 2 वार्ड शामिल है।

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CM भूपेश बघेल ने किसानों के लिए सुपर कम्पोस्ट खाद की लॉच

36गढ़ से गुजरने वाली 23 रेलों का परिचालन बंद होने पर CM बघेल ने जताई आपत्ति

रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए जा रहे गोबर से निर्मित उच्च जैविक गुणों से भरपूर सुपर कम्पोस्ट खाद को राज्य के किसानों के लिए लॉच किया। किसानों को रियायती दर पर उच्च जैविक विशेषताओं वाली सुपर कम्पोस्ट खाद सहकारी समितियों में 02 किलो, 05 किलो और 30 किलो के बैग में मिलेगी। जिसका न्यूनतम मूल्य 6 रूपए किलो है। गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 06 लाख रूपए की लाभांश राशि का भी अंतरण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित मंत्रिमंडल के सदस्यगण उपस्थित थे।

वर्मी कम्पोस्ट ख़रीदने आए किसान को 90 किलो खाद सौंपा,कलेक्टर डोमन सिंह ने

CM भूपेश बघेल ने किसानों के लिए सुपर कम्पोस्ट खाद की लॉच

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में पशुधन संरक्षण, ग्रामीणों, पशुपालकों और किसानों को अतिरिक्त आय के साथ -साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के तहत् गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर क्रय कर महिला समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने के शुरूआत की गई।

जिले के 1 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों के खातें में 122 करोड़ से अधिक राशि अंतरित

राज्य में निर्मित 5586 गौठानों में अब तक 47.65 लाख क्विंटल गोबर क्रय किया जा चुका है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 95 करोड़ 31 लाख रूपए का भुगतान किए गए हैं। गौठानों में अब तक 2 लाख 26 हजार 316 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन तथा एक लाख 21 हजार 172 क्विंटल खाद का विक्रय किसानों एवं शासकीय विभागों को किया गया है। गौठानों में अब महिला स्व सहायता समूहों द्वारा सुपर कम्पोस्ट खाद भी तैयार की जाने लगी है। गौठानों में संचालित विभिन्न आय मूलक गतिविधियों से स्व सहायता समूहों को अब तक 18 करोड़ 64 लाख रूपए की आय प्राप्त हुई है।

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जिले के 1 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों के खातें में 122 करोड़ से अधिक राशि अंतरित

जिले के 1 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों के खातें में 122 करोड़ से अधिक राशि जमा

महासमुन्द -पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर शुक्रवार 21 मई को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् खरीफ वर्ष 2020-21 की पहली किस्त कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) प्रथम किस्त के रूप में किसानों के खातें में तथा गोधन योजना के तहत 15 मार्च से 15 मई तक पशुपालकों से गोबर खरीदी की राशि का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ आज दोपहर 12.00 बजे अपने निवास कार्यालय में आनलाईन अंतरण किया।

महासमुन्द मेें कलेक्टर डोमन सिंह, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश छिकारा सहित संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चंद्राकर महासमुन्द, द्वारिकाधीश यादव खल्लारी, जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल, अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक सहित कृषि से जुड़े अधिकारी वीडियों कांफ्रेन्सिंग से जुड़े।

महिला जन-धन खातें से कभी भी निकाल सकते है राशि ,हितग्राही हड़बड़ाये नही-

जिले के 1 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों के खातें में 122 करोड़ से अधिक राशि जमा

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् कोरोना काल में महासमुन्द जिले के 1,36,391 किसानों के चेहरें पर मुस्कान आ गयी है। क्योंकि खरीफ सीजन 2020-21 पहली किस्त के रूप में 122 करोड़ 19 लाख रूपए की कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) उनके खातें में अंतरण किया गया। वहीं गोधन न्याय योजना के तहत् 15 मार्च से 15 मई (दो माह) तक की 4594 सक्रिय पशुपालक विक्रेताओं से दो माह में 21,453 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।

किसान सम्मेलनों में मिलेगी 1600 करोड़ की राहत राशि,35 लाख से अधिक किसानों को

जिले के 1 लाख 36 हजार से ज्यादा किसानों के खातें में 122 करोड़ से अधिक राशि जमा

आज संबंधित गोबर विक्रेताओं को मुख्यमंत्री बघेल द्वारा राशि 41 लाख 48 हजार 749 रूपए अंतरण की। कृषि अधिकारियों ने बताया कि जिले में अब तक सक्रिय गोबर विक्रेताओं से 1 लाख 87 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। जिसके एवज् में 3 करोड़ 74 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका हैं।

20 लाख किसानों के खातों में ट्रान्सफर किये 400 करोड़ रूपये CM चौहान ने

मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् प्रदेश के 22 लाख किसानों को 1500 करोड़ रूपए और सरकार की बहुआयामी गोधन न्याय योजना के तहत् राज्य के करीब 72 हजार पशुपालकों एवं ग्रामीणों को 15 मार्च से 15 मई तक गोबर खरीदी के एवज् में 7 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि सीधें उनके खातें में ही अंतरित की।

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आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 की चुनौतियों के लिए टोल-फ्री नंबर 14443 की जारी

आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 की चुनौतियों के लिए टोल-फ्री नंबर 14443 की जारी

दिल्ली-आयुष मंत्रालय ने एक समर्पित सामुदायिक सहायता हेल्पलाइन शुरू की है। इसके जरिये कोविड-19 की चुनौतियों के समाधान के लिये आयुष आधारित उपाय बताये जायेंगे। इसका टोल-फ्री नंबर 14443 है। यह हेल्पलाइन पूरे देश में शुरू हो गई है और सप्ताह के सातों दिन सुबह छह बजे से आधी रात बारह बजे तक खुली रहेगी।

हेल्पलाइन 14443 के जरिये आयुष की विभिन्न विधाओं, जैसे आयुर्वेद, होमियोपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्ध के विशेषज्ञ, लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिये उपलब्ध रहेंगे। ये विशेषज्ञ सिर्फ रोगी की काउंसलिंग और उपयोगी उपचार ही नहीं बतायेंगे, बल्कि वे नजदीकी आयुष केंद्रों की जानकारी भी देंगे।

योगासन को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक मान्यता देने की घोषणा

आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 की चुनौतियों के लिए टोल-फ्री नंबर 14443 की जारी
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विशेषज्ञ कोविड-19 से उबरने वाले रोगियों को दोबारा रोजमर्रा के काम शुरू करने और अपनी देखभाल के बारे में सलाह देंगे। यह हेल्पलाइन इंटरऐक्टिव वॉइस रेस्पांस (आईवीआर) आधारित है और हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। जल्द ही अन्य भाषायें भी इसमें जोड़ दी जायेंगी। हेल्पलाइन एक बार में 100 कॉल्स ले सकती है। जरूरत को देखते हुये इसकी क्षमता बढ़ा दी जायेगी। हेल्पलाइन के जरिये आयुष मंत्रालय का प्रयास है कि देशभर में कोविड-19 के फैलाव को सीमित किया जाये। उसके इस प्रयास को गैर-सरकारी संस्था प्रोजेक्ट स्टेप-वन सहयोग कर रही है।

इस सदी के सबसे बड़ी आपदा में कलेक्टर्स इस लड़ाई के सबसे बड़े योद्धा हैं-PM मोदी

उल्लेखनीय है कि आयुष प्रणाली प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है और आज भी लोग इसका उपयोग करते हैं। इसे स्वास्थ्य और आरोग्य के लिये इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे अब देश में औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान कर दी गई है। मौजूदा महामारी के दौरान इन प्रणालियों का उपयोग बढ़ गया है, क्योंकि इनसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

आयुष प्रणाली असरदार, सुरक्षित, आसानी से उपलब्ध और सस्ती है। इसे कोविड-19 का इलाज करने में कारगर पाया गया है। इसके अतिरिक्त, इसकी चिकित्सकीय क्षमता की भी पड़ताल की गई, जिसके आधार पर कई जड़ी-बूटियों से बने दो असरदार नुस्खे सामने आये। पहला नुस्खा आयुष-64 को केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने और दूसरासिद्ध प्रणाली वाला कबसुर कुडीनीर नुस्खा विकसित किया गया। इन दोनों नुस्खों को कोविड-19 के हल्के और कम गंभीर मामलों में कारगर पाया गया है। आयुष मंत्रालय इन दवाओं को प्रोत्साहन दे रहा है, ताकि आम लोगों को इसका फायदा मिल सके।

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राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कोरोना महामारी को लेकर लोगों को किया जागरूक

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कोरोना महामारी को लेकर लोगों को किया जागरूक

महासमुंद-पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की अगुवाई में आज शुक्रवार को जरूरतमंदों को राशन सामान बांटे गए। साथ ही कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करते हुए जरूरतमंदों को मास्क व सेनेटाइजर वितरित किया गया। वहीं संसदीय सचिव चंद्राकर ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।

आज शक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला व ब्लाॅक स्तर पर कोविड नियमों को पालन करते हुए जरूरतमंदों को राशन सामान के साथ ही मास्क व सेनेटाइजर वितरित किया गया। महासमुंद जिला मुख्यालय में संसदीय सचिव की अगुवाई में शहर के कई वार्डों में जरूरतमंदों को राशन सामान, मास्क व सेनेटाइजर प्रदान किया गया। शहर के वार्ड नं 30 में रावणभाठा के पास राशन सामान के करीब डेढ़ सौ पैकेट वितरित किए गए।

दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिये कोवैक्सीन के परीक्षण की मिली मंजूरी

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अर्जुन पुरस्कार विजेता वी तेजस्विनी को 2 लाख रुपये दी आर्थिक सहायता खेल मंत्रालय ने

उपस्थित लोगों को संसदीय सचिव चंद्राकर ने कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करते हुए माॅस्क व सेनेटाइजर भी वितरित किया व्  कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में सावधानी बेहद जरूरी है। मास्क, सैनिटाइजर व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते रहना होगा। वहीं लाॅकडाउन में मिली छूट का लाभ सावधानी के साथ लेने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन वैक्सीन लगाने के काम में भी तेजी ला रहा है लेकिन कई लोग भ्रांतियों में फंसे होने के कारण वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। जबकि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। कोरोना संक्रमण से बचने में वैक्सीन सहायक साबित हो रही है। हर किसी को कोरोना वायरस वैक्सीन के टीके लगवाने चाहिए। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ रश्मि चंद्राकर, कांग्रेस के ब्लाॅक अध्यक्ष खिलावन बघेल, नपा उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष राशि महिलांग, पार्षद राजेश नेताम, बबलू हरपाल, अमन चंद्राकर, नितेंद्र बेनर्जी, ममता चंद्राकर, व्यंकटेश चंद्राकर, अक्षय साकरकर आदि मौजूद रहे।

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अर्जुन पुरस्कार विजेता वी तेजस्विनी को 2 लाख रुपये दी आर्थिक सहायता खेल मंत्रालय ने

अर्जुन पुरस्कार विजेता वी तेजस्विनी को 2 लाख रुपये दी आर्थिक सहायता खेल मंत्रालय ने

दिल्ली-युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने कर्नाटक की वी तेजस्विनी के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि को मंजूरी दी है, उन्होंने साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार जीता था। तेजस्विनी वर्ष 2010 तथा 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला कबड्डी टीम की सदस्य थीं। भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय ओलंपिक संघ तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा खिलाड़ियों के लिए संयुक्त रूप से चलाई जा रही पहल के तहत मौजूदा कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए पूर्व अंतर्राष्ट्रीय एथलीटों एवं कोचों की मदद करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष से इस वित्तीय सहायता को मंजूरी दी गई है।

1 मई को तेजस्विनी और उनके पति के कोविड संक्रमित होने का पता चला था।  उनके पति नवीन ने 11 मई को इस महामारी से दम तोड़ दिया था। वह केवल 30 वर्ष के थे। तेजस्विनी ने बताया है कि, यह डर और तनाव ही था, जिसने उनकी जान ले ली।

अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) सौंपा सेना को प्रधानमंत्री मोदी ने

अर्जुन पुरस्कार विजेता वी तेजस्विनी को 2 लाख रुपये दी आर्थिक सहायता खेल मंत्रालय ने

वित्तीय सहायता मिलने पर, उन्होंने कहा कि, मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ ने सहायता देने का यह निर्णय लेने के लिए बहुत ही त्वरित कार्रवाई की है। यह पहली बार है जब हमें इस तरह की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि, हम जैसे बहुत से लोगों को आर्थिक समस्या है और यदि हमें उचित मदद मिले तो अच्छा लगता है।

छ.ग.के एथलीट अर्जुन कुमार ने पंजाब में जीता स्वर्ण पदक : मुख्यमंत्री और खेलमंत्री ने दी बधाई

तेजस्विनी ने बताया कि, उन्हें इस पहल के बारे में कर्नाटक खेल समिति के सदस्य तथा पूर्व अर्जुन पुरस्कार विजेता  होन्नप्पा गौड़ा से पता चला और अब वह अपने बच्चे के भविष्य की सुरक्षा के लिए पैसे का निवेश करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि,मुझे अपने 5 महीने के बच्चे की देखभाल करनी है और इस पैसे से उसके भविष्य पर भी निवेश करना है।

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मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में आंधी तूफान के चलेगी तेज हवा

दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 24 घंटों में अरब सागर,बंगाल की खाड़ी में आगे बढने की..
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दिल्ली-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, 22 मई को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा पश्चिम राजस्थान के ऊपर अलग-अलग स्थानों पर आंधी तूफान के साथ बिजली एवं तेज हवा (गति के 40-50 किमी प्रति घंटे) के बहने, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल एवं माहे तथा बिहार, तटीय आंध्र प्रदेश और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, असम, मेघालय, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर बहने का अनुमान है

इसी तरह उत्तराखंड, पंजाब, विदर्भ, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्रों और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, कोंकण एवं गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तटीय एवं दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी एवं कराईकल तथा लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गरजने के साथ तेज हवा (गति के 30-40 किमी प्रति घंटे) के बहने का अनुमान है।अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

चक्रवात तौकते से मृतको के परिजनों को 2 लाख व् घायलों को 50 हजार का अनुग्रह राशि

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में आंधी तूफान के चलेगी तेज हवा

केंद्र सरकार ने किसानों के हित में उर्वरक सब्सीडी बढ़ाने का लिया फैसला-उर्वरक मंत्री गौड़ा

दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 40-50 किमी तथा बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। दक्षिण पश्चिम एवं समीपवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश के तटों, दक्षिण पश्चिम एवं समीपवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश तटों, पूर्व मध्य बंगाल बंगाल की खाड़ी तथा समीपवर्ती अंडमान सागर के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 45-55 किमी तथा बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के बहने का अनुमान। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने का सुझाव दिया गया है।

23 मई को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के ऊपर अलग-अलग स्थानों पर आंधी तूफान के साथ बिजली एवं तेज हवा (गति के 50-60 किमी प्रति घंटे) के बहने, पश्चिम राजस्थान और केरल एवं माहे के ऊपर तथा मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय एवं दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी एवं कराईकल तथा लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली एवं तेज हवा (गति के 30-40 किमी प्रति घंटे) के बहने का अनुमान है।

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 40-50 किमी तथा बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। दक्षिण पश्चिम एवं समीपवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश, दक्षिण ओडिशा के तटों के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 45-55 किमी तथा बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के बहने, पूर्व मध्य बंगाल बंगाल की खाड़ी तथा समीपवर्ती अंडमान सागर के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 55-65 किमी तथा बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के बहने का अनुमान। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने का सुझाव दिया गया है।

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चक्रवात तौकते से मृतको के परिजनों को 2 लाख व् घायलों को 50 हजार का अनुग्रह राशि

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दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात तौकते के कारण उत्पन्न हुई परिस्थिति का जायज़ा लेने के लिए बुधवार को गुजरात का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने गुजरात और दीव स्थित उना (गिर-सोमनाथ), जाफराबाद (अमरेली), महुआ (भावनगर) में चक्रवात तौकते से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के बाद, उन्होंने गुजरात और दीव में राहत और पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा करने के लिए अहमदाबाद में एक बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री ने गुजरात राज्य में तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार एक अंतर-मंत्रीमंडलीय टीम का गठन करेगी, ये टीम तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा करेगी, जिसके आधार पर राज्य को आगे भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार इस कठिन परिस्थिति में राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी। केन्द्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया।

अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री ने राज्य में कोविड महामारी की स्थिति का भी जायज़ा लिया। प्रशासन ने कोविड महामारी की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री के इस गुजरात दौरे में उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी और अन्य अधिकारी शामिल थे।

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प्रधानमंत्री ने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में चक्रवात तौकते से प्रभावित होने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदना और इस आपदा में अपनी जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान राज्यों और दमन एवं दीव, और दादर एवं नागर हवेली में चक्रवात तौकते के कारण मरने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50 हजार रुपये का अनुग्रह राशि के रूप में मुआवज़ा देने की घोषणा की।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रवात के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार और प्रभावित राज्यों की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य सरकारें अपने यहां होने वाले नुकसान का आकलन केन्द्र सरकार के साझा करेंगे, उसके तुरंत बाद इन राज्यों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन से संबंधित और अधिक वैज्ञानिक अध्ययन की दिशा में लगातार कार्य करना होगा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में तीव्र गति से राहत और बचाव सुनिश्चित करने के लिए अंतर-राज्य समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक संचार तकनीकों का उपयोग करने पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त घरों और संपत्तियों की मरम्मत करने पर भी तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया।

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