महासमुंद- चिटफंड कंपनियों से पैसे वापसी के लिए निवेशकों को फॉर्म जमा करने और अवसर मिल सकेगा। निवेशकों की समस्याओं को देखते हुए संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की और फॉर्म जमा करने अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया। जिस पर मुख्यमंत्री बघेल ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए समय बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
गौतरलब है कि चिटफंड कंपनियों में निवेशकों के फंसे हुए पैसे को वापस करने प्रदेश सरकार ने निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम लागू किया है। इसके तहत दो अगस्त से छह अगस्त तक आवेदन जमा करने की तिथि निर्धारित थी। पांच दिनों का समय मिलने से फॉर्म जमा करने भीड़ लगी रही। इसे गंभीरता से लेते हुए संसदीय सचिव चंद्राकर ने आज शुक्रवार की सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा करते हुए बताया कि चिटफंड कंपनियों से पैसे वापसी के लिए निवेशकों को फॉर्म जमा करने में कम समय मिला है और अधिकांश निवेशकों ने फॉर्म भी जमा नहीं किया है।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय पुरूष हॉकी टीम द्वारा टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने टीम में शामिल प्रदेश के युवा खिलाड़ी इटारसी के विवेक सागर और मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी के नीलकांता शर्मा को सम्मान निधि के रूप में एक-एक करोड़ रूपये का पुरूस्कार प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह केवल कांस्य पदक ही नहीं है, अपितु भारतीय हॉकी का पुनर्जागरण है। भारतीय हॉकी टीम ने दुनिया की श्रेष्ठ टीमों न्यूजीलैंड, स्पेन, अर्जेंटीना, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, जापान को परास्त कर यह सम्मान प्राप्त किया है।
महासमुंद- आज के इस मंहगाई के दौर में कम पैसे में परिवार चलाना कठिन कार्य है राज्य के शासकीय विद्यालयों में पढने वाले बच्चों को गर्म मध्यान्ह भोजन पकाकर खिलाने वाले रसोईयों की आर्थिक दशा पर सरकार की चुप्पी के चलते उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है उनकी मांगों के प्रति सरकार गंभीर नहीं दिखाई देतीं।
रसोईये शाला खुलने की अवधि से लेकर मध्यान्ह भोजन की अवधि तक विद्यालयों में लगातार सेवा देते हैं, चूँकि कार्य का यह समय ऐसा है कि यहाँ उपस्थिति के कारण वे अन्य स्थान पर अन्य कार्य जैसे दैनिक मजदूरी आदि भी नहीं कर सकते अतः केवल मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए ही अपना समय समर्पित करते हैं प्रतिदिन लगभग 4 से 5 घंटे ड्यूटी के बाद एक माह में केवल 1200 रूपये की उपलब्धता से परिवार पालना संभव प्रतीत नहीं होता तथा यह किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं है ।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए दैनिक मजदूरी दर की घोषणा की जाती है जो कि वर्तमान वर्ष में 190 रुपये से अधिक है इस आधार पर यदि कम से कम 20 दिन भी विद्यालय लगता है तो उनकी मजदूरी लगभग तीन हजार आठ सौ रुपये से अधिक होता है परन्तु कम पैसे केवल 1200 रुपये देकर सरकार मध्यान्ह भोजन के नाम पर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान रही है ।
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छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ओम नारायण शर्मा द्वारा उक्त बातें कहते हुए बताया गया है कि यह अल्प मानदेय रसोइयों के श्रम के साथ अन्याय है तथा निर्धारित दर से कम मजदूरी भुगतान करना संवैधानिक नहीं है ।
भोपाल-मूसलाधार बारिश के बीच राजगढ़ जिले के सुठालिया की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर एक महिला सब इंस्पेक्टर अपनी सहयोगी व् स्वास्थ्य केन्द्र की नर्स के सहयोग से प्रसव कराते हुए अपने कर्त्तव्य और संवेदना के साथ इंसानियत की मिसाल भी पेश की प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है।
मूसलाधार बारिश के बीच एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए अस्पताल के लिए घर से निकली। बारिश से सड़क पर पानी भरा होने से उसका अस्पताल पहुँचना मुश्किल हो रहा था। गर्भवती महिला के सड़क पर होने की जानकारी होने पर बिना समय गंवाये महिला को न केवल एक आटो में संरक्षण दिया बल्कि महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।
उल्लेखनीय है कि सुठालिया के ग्राम मोड़बड़ली की 25 वर्षीय इकलेश बाई की प्रसव पीड़ा को देख उसके पिता अपनी बेटी को सिविल अस्पताल ब्यावरा ले जाने के लिये घर से निकले थे। पिछले 4-5 दिन से लगातार हो रही वर्षा से सुठालिया थाने के पीछे मउ निरहे के नाले में उफान आने से आगे जाना मुश्किल था। बेटी का दर्द देख पिता नजदीक के थाने पहुँचा और सहायता मांगी।
थाने में पदस्थ महिला सब इंस्पेक्टर अरूंधति राजावत स्वास्थ्य केन्द्र से नर्स को बुलाकर अपनी टीम के साथ तुरंत गर्भवती महिला के पास पहुँची। इन महिलाओं की पूरी टीम ने इकलेश बाई का सफल प्रसव करवाया।
महासमुन्द- राज्य शासन द्वारा महासमुंद जिले की सभी 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) सरायपाली, बसना, पिथौरा, बागबाहरा और तुमगाव में ब्लड बैंक खोलने की मंजूरी दी है। ब्लड बैंक खुल जाने से जरूरतमंद मरीजों को खून के लिए इधर-उधर भटकना नही पड़ेगा। जरूरत के वक्त आवश्यकतानुसार उन्हें यहां खून मिल जाएगा। मरीज के परिजनों को खून के लिए दानदाताओं की तलाश भी नही करनी पड़ेेगी।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाए बढ़ाने की तैयारी को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिले के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही है।
विकासखंडो में ब्लड बैंक की जरूरत को देखते हुए जिले के चारों विधायक विनोद चंद्राकर, महासमुंद, द्वारिकाधीश यादव, खल्लारी, देवेन्द्र बहादुर सिंह बसना और किस्मत लाल नंद सरायपाली द्वारा जिले के पाॅचों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ब्लड बैंक की माॅग शासन से की थी। सरकार द्वारा उनकी माँग जरूरत को देखते हुए ब्लड बैंक बनाने की सहमति प्रदान की गई हैं। इसके लिए विधायकों द्वारा अपनी-अपनी विधायक निधि से राशि भी स्वीकृत कर दी है।
महासमुंद कलेक्टर ने कहा कि आगामी दो माह के भीतर ब्लड बैंक खुल जायेंगे। जरूरतमंद मरीजों को खून के लिए भटकना नही पड़ेगा। जरूरत के वक्त आवश्यकतानुसार उन्हें यहां खून मिल जाएगा। मरीज के परिजनों को खून के लिए दानदाताओं की तलाश भी नहीं करनी पड़ेगी।
महासमुंद- संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने वरिष्ठ हैंडबॉल खिलाड़ी त्रिमूर्ति कॉलोनी निवासी राजेश शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। महासमुंद जिला ओलंपिक संघ के द्वारा मिनी स्टेडियम महासमुंद में हैंडबॉल, हॉकी, क्रिकेट बास्केटबॉल व बाल बैडमिंटन खिलाड़ियों के द्वारा शोकसभा आयोजित कर 2 मिनट मौन रखकर दिवंगत हैंडबॉल खिलाड़ी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर संसदीय सचिव व उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ विनोद सेवनलाल चंद्राकर, नगरपालिका की नेताप्रतिपक्ष राशि महिलाग, सरपंच संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चंद्राकर, सैयद इमरान अली सचिव महासमुंद जिला ओलंपिक संघ, मनोज सर खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी महासमुंद, राजेश दीवान सचिव जिला हॉकी संघ, ललित कौशिक कोषाध्यक्ष हॉकी संघ एवं महासमुंद जिला ओलंपिक संघ के समस्त पदाधिकारी एवं खिलाड़ी विशेष रूप से उपस्थित थे।
तीन लाख की लागत से सिंघरूपाली में बनेगा सामुदायिक भवन
महासमुन्द। ग्राम पंचायत सरेकेल के ग्राम सिंघरूपाली में तीन लाख की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण होगा। ग्राम सिंघरूपाली के ग्रामीणों ने संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर से
मुलाकात कर भवन निर्माण के लिए राशि की मांग की।
जिस पर संसदीय सचिव ने तीन लाख रुपए की राशि की घोषणा की।
राशि की घोषणा पर ग्रामीणों ने संसदीय सचिव का आभार जताया है।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को हवाई दौरा कर ग्वालियर एवं चंबल संभाग में बाढ़ से प्रभावित चार दर्जन से अधिक गाँवों का जायजा लिया। इसके बाद ग्वालियर विमानतल पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ का पानी घटते ही जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करें, जिससे प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके। उन्होंने अति वृष्टि एवं बाढ़ से अधोसंरचना को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि यदि राहत और बचाव कार्यों के लिये किसी मदद की जरूरत हो तो बताएँ, सरकार द्वारा इसकी पूर्ति की जायेगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को ग्वालियर एवं चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित गाँवों का जायजा लेने के लिये राजकीय विमान से राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल पहुँचे। यहाँ से मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और श्योपुर जिले के बाढ़ प्रभावित लगभग चार दर्जन गाँवों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि सिंध, पार्वती एवं कूनों नदी का जल स्तर घटा है। फिर भी जल भराव एवं बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों को फिर से निचले क्षेत्र में न जाने दें। साथ ही जिन घरों के आस-पास पिछले दिनों से पानी भरा है उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ।
उन्होंने आगे कहा कि राहत केम्पों में अस्थायी रूप से जिन लोगों का पुनर्वास किया गया है वहाँ पर भोजन-पानी और आवास इत्यादि की बेहतर से बेहतर व्यवस्था रहे। भारी बारिश से आई इस संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। सरकार क्षति का आंकलन मिलते ही प्रभावित लोगों को राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6 – 4) के तहत राहत देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही नदियों में आई बाढ़ एवं भारी बारिश से क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों एवं अन्य अधोसंरचना को दुरूस्त करने में भी सरकार धन की कमी नहीं आने देगी।
नई दिल्ली-देश की राजधानी के प्रसिद्ध लघु कथाकार डा.अंजु लता सिंह की लघु कथा – आड़, उपहार,कसक सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
आड़-वह आज राकेश को बीवी जी के पास लेकर जाएगी वही कुछ समझाएंगी तो ठीक रहेगा. दसवीं में फेल क्या हुआ पढ़ाई छोड़कर ही बैठ गया..आवारा दोस्तों में उठ बैठकर ढीठ सा हो गया है.. बस्ती की खोली में खटिया पर लेटे-लेटे काॅलोनी के घरों में बर्तन और सफाई का काम करने वाली सुमन इसी उधेड़बुन में लगी थी.
तभी ऊंघता हुआ सोहन पास आकर बोला-ना तो ये मेरा साथ देवै है अर ना ही कपड़े प्रैस कराने में तेरी कोई मदद करे है..अठारह बरस का मरद हो रहा है..सरम तो हैइ ना इसे..तेरे लाड़ की आड़ मेंई यो बरबाद हो रओ है..जब तब पइसे पकड़ाए देवे है मुंहमांगे.. जाड़े की संध्या अंधेरे से हाथ मिला रही थी..फटियल स्वेटर पर मैली सी फटियल गरम चादर ओढ़े, गले में मफलर लपेटे सोहन भी अपनी मूंगफली,गजक और रेवड़ी की ठेली पर अधसुलगीअंगीठी धरकर धीरे-धीरे ठेलता हुआ काॅलोनी की ओर बढ़ने लगा था।
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सामने से बेटे को आते देख ठिठककर बोला-ले तू ही ले जा आज ठेली…हमरा बदन बहुतई पिराय रओ है। हम ना करिबैं अइसा काम…हुंह..सरम लगती है हमको। हमका चार सौ रूपया चाहिये…फिलम देखे खातिर..चिकन बिरयानी खाएंगे … जल्दी दे दो पइसे. नहीं हैं हमरे पास पइसा..जा.. कामचोर कहीं का…खुद कमा फिर खैयो ..
पिता पुत्र की आपसी तनातनी बढ़ने लगी थी। तराजू बाट हाथ में उठाकर ताबड़तोड़ वार करते हुए पिता की जेब से मुट्ठी भर नोट खींचकर भागते हुए राकेश ने एक बार फिरसे मुड़कर पिता के सिर पर भारी बाट दे मारा.. लहुलुहान शरीर लड़खड़ाकर गिरा तो उठ ही ना सका. बुक्का फाड़कर रोती चीखती सुमन का सिर बुरी तरह चकराने लगा था…आसपास जमा भीड़ फुसफुसा रही थी-मेहतारी नेई सिर चढ़ा रखो थो जादा लाड़ तो बुरोई होवै है…लाड़ की आड़ में हत्यारा बन गओ… तमासा तो होनाई था।
उपहार
अभी बेटा ,बहू क्लीनिक से निकलकर माॅल में गए होंगे..गुड फ्राई डे जो है।शादी को एक साल पूरा नहीं हुआ है,लेकिन नववधू सुनीति ने मेरे घर आंगन में कदम रखते ही उजाला सा कर दिया है। लगता है आज मेरे जन्मदिन पर कुछ उपहार ही ले आएं। हम भी पतिदेव की तारीफ करके नई बहू के आगे रौब ही मार लेंगे.
कल सुनीति को अपने ससुर जी से कहते हुए सुना भी था-पापा जी!मम्मा को तीस साल हो गए हैं जाॅब करते हुए ।सुबह पांच बजे उठकर लगातार स्कूल से लौटने तक कितनी मेहनत करती आ रही हैं ।इस बार मम्मा को बढ़िया सा कोई
गिफ्ट लाकर दीजियेगा आप। अरे भई! ये तो संसार में एक ही लाजवाब गिफ्ट था, जो मुझे मिला और मैं भी इनके लिये सबसे बड़ा उपहार हूं। तुम्हारी मम्मा तो तो संतुष्ट नारी की मिसाल हैं।
रात गई बात गई…इनकी चिकनी चुपड़ी बातों की अभ्यस्त हूं।मैं जानती हूं ये कभी कुछ भी नहीं लाएंगे।
बहू से बोल ही पड़ी थी आखिरकार। सोचकर मैंने लंबी सांस ली और देखा-घड़ी में 9बज चुके थे।हाय!ये तो बड़े झूठे निकले आज तो बाहर डिनर पर ले जा रहे थे।तभी धमाचौकड़ी मचाते हुए तीनों घर में घुसे और बहू बोली-मम्मा!जल्दी से सुंदर सूट पहनो केक काटेंगे डिनर करेंगे।
एक सुंदर सा पैकेट मेरे हाथों में थमाकर -हैप्पी बर्थ डे डियर मम्मा..कहकर सुनीति मेरे गले में बांहे डालकर झूल गई । पैकेट खोलकर देखा-वाॅयो का व्हाइट कलर का लैपटॉप था।नीचे कोने में लिखा था- विद लव माई लव हैप्पी बर्थ डे टू यू योअर स्टोन मैन(पति…देव) मैं भांप चुकी थी हो न हो यह सब कारस्तानी बहू की ही होगी।ऐसा मीठाअहसास ही मेरे लिये सबसे बड़ा उपहार था ।
कसक
दीदी अपनी कोमल हथेलियां फैलाकर मुझसे अक्सर कहा करती थीं-तरू!मेरी जीवन रेखा कटी हुई है.लगता है जल्दी ही ऊपर चली जाऊंगी. ‘कैसी अंधविश्वासी हो दी आप भी ‘कहकर मैं बात का विषय बदल देती.
राखी पर अचानक ही दीदी को पूजा की थाली लिये चक्कर आ गए और आंखों के आगे अंधेरा छा गया.चैक अप के बाद
ब्रेन ट्यूमर की खबर सुनकर हम सभी सन्न रह गए थे.
स्नेहिल दीदी दिनोंदिन कमजोर हो रही थीं .एम्स में इलाज चला.रात दिन एक करके जीजू उन्हें गेहूं घास,एलोवेरा जाने क्या क्या उपचार स्वरूप देते रहे. लैपटॉप पर अहर्निश चिपके रहने वाले पति अब उनकी सेवा में जुट गए थे. बहू अक्सर कमरे में आकर अपने दो वर्षीय बेटे को दादी से मिलवाने की औपचारिकता निभाती रहती.
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मां की तीमारदारी की ललक और मातृस्नेह की विवशता नवविवाहिता बेटी पूर्वा को उनके पास खींच लाई थी.
बहू अब ननद के आने पर बेफिक्र सी हो चुकी थी.कई बार ससुराल से बुलावा आने पर भी पूर्वा स्थिति को भांपकर भी मां को छोड़कर नहीं जा सकी थी.जाने किस मिट्टी की बनी होती हैं ये बेटियां. मैंने भी स्कूल से लौटती बार अपनी गाड़ी दी के घर पर रोककर उसे खूब देर तक समझाया पर सब व्यर्थ रहा।मां से बेटी का अटूट लगाव देखकर मन ही मन सुखद अहसास भी होता.
दीदी के सारे शरीर पर नील पड़ चुके थे.जगह जगह इंजेक्शन लगने से चोट के से निशान गहरा गए थे.
तिल तिल मरती दीदी फिर भी हमेशा की तरह मुस्कुराती रहतीं…अरे सांई से जो लगन लगाए उसे मौत क्या डराए?
पूर्वा भी अपने घर नहीं लौट पाई.बहू बेटे नौकरी में दूर जा बसे.दीदी ने भी आखिरकार दम तोड़ ही दिया .
समाज सेवा में निरंतर जुटे जीजू को कृशकाय देखकर आभास होता है मानो चलती फिरती मौत अब भी जिंदा है बस औरत की मौत सी नहीं.
संक्षिप्त परिचय
डा.अंजु लता सिंह ‘प्रियम’
पिता का नाम- डा.विजयपाल सिंह (सेवानिवृत्त प्राचार्य)
माता का नाम-सरस्वती देवी सिंह
एम.ए,पी एच.डी(हिंदी)/बी.एड
*चौंतीस ( 2+ 32) वर्षों का हिंदी व्याख्याता पद पर अध्यापनानुभव क्रमशः हरि सिंह गौर वि.वि.,सागर,म.प्र. में दो वर्ष एवं केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली में ।
चार बैस्ट टीचर्स अवार्ड्स से सम्मानित
केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा कारगिल विजय पर रचित नाटिका ‘उजाले की ओर’ पर पुरस्कृत एवं सम्मानित, राजभाषा समिति,भारत सरकार द्वारा राजभाषा शील्ड से सम्मानित.
साहित्य लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यास पुरस्कार से सम्मानित.
चार पुस्तकें प्रकाशित.
1.शोध प्रबंध-“आंचलिक उपन्यासों के परिप्रेक्ष्य में फणीश्वरनाथरेणु का विशेष अध्ययन”-2004
सूर्यभारती प्रकाशन,नई सड़क,नई दिल्ली
2.काव्यांजलि-( प्रेरक कविता संग्रह)2010
सूर्यभारती प्रकाशन,नई सड़क,नई दिल्ली
3.”सारे जमीन पर”(बाल कविता संग्रह)
सूर्यभारती प्रकाशन,नई सड़क,नई दिल्ली, 2014
4.”महकता हरसिंगार” (लघुकथा संग्रह)
अयन प्रकाशन,महरौली,नई दिल्ली,2021
*दो पुस्तकें प्रकाशनाधीन.
1.विज्ञान यान पर
2.नुक्कड़ नाटक
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लगभग आठ सौ साठ रचनाएं प्रकाशित.
*जल मंत्रालय, भारत सरकार,दिल्ली द्वारा मेरी *स्वरचित नाटिका”बिन पानी सब सून” के लेखन और मंचन हेतु पुरस्कृत एवं सम्मानित (2015)
*मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वार्षिक पत्रिका “शिक्षायण” में दो दीर्घकाय लेख प्रकाशित एवं सम्मानित .
* नगर राजभाषा समिति,फरीदाबाद की पत्रिका “नगर सौरभ” में सात बार रचना प्रकाशन पर सम्मान पत्र प्राप्त .
*संप्रति- गैर सरकारी समाज सेवी संस्था “प्रतिभा विकास मिशन” की मुख्य संचालिका पद पर कार्यरत.
* अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच (रजि.) दक्षिणी दिल्ली इकाई में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर सक्रिय.
महासमुंद-पुरानी कृषि मंडी में किसान उपभोक्ता बाजार के साथ ही कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर का निर्माण किया जाएगा। संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर के प्रयास से इसके निर्माण के लिए तीन करोड़ 37 लाख रूपए की स्वीकृति मिली है।
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में मंडी सदस्य रहने के दौरान संसदीय सचिव व विधायक ने पुरानी कृषि मंडी परिसर में उपभोक्ता बाजार व व्यवसायिक परिसर की परिकल्पना की थी। विधायक बनने के बाद उन्होंने इसके लिए शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया। बाद इसके किसान उपभोक्ता बाजार स्थापना के लिए एक करोड़ चार लाख 91 हजार हजार रूपए तथा कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर निर्माण के लिए दो करोड़ 32 लाख 49 हजार रूपए की स्वीकृति मिली है।
27 नग शेंडीशॉप का होगा निर्माण
छग राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक ने संसदीय सचिव को इसकी जानकारी दी है। संसदीय सचिव ने बताया कि पुरानी मंडी प्रांगण में सर्वसुविधायुक्त किसान उपभोक्ता बाजार का सपना साकार होने जा रहा है। इसके निर्माण होने से किसान यहां अपनी ताजी सब्जियां व फल बेच सकेंगे। किसानों को यहां पूरी सुविधा मिलेगी। एक करोड़ चार लाख 91 हजार हजार रूपए की लागत से बनने वाले किसान उपभोक्ता बाजार में आंतरिक सीमेंट कांक्रीट रोड, बाउंड्रीवाल निर्माण, दो स्थानों पर मुख्य प्रवेश द्वार, सुलभ शौचालय, कार्यालय भवन के साथ ही जल की व्यवस्था रहेगी।
इसी तरह दो करोड़ 32 लाख 49 हजार रूपए की लागत से बनने वाले कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर में 27 नग शेंडीशॉप का निर्माण किया जाएगा। संसदीय सचिव ने किसान उपभोक्ता बाजार के साथ ही कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर का निर्माण की स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का आभार जताया है।
इंदौर-मध्यप्रदेश इंदौर के प्रसिद्ध लघु कथाकार जितेन्द्र कुमार गुप्ता की लघु कथा ” भविष्य के सपने ” व् ” अंतर ” सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
भविष्य के सपने-अरे,अरे ! देखो,देखो। वो देखो । कैसा सुखद दृश्य है!” जंगल के कुछ छोटे-बड़े जानवर अचरज से एक दुसरे से कह रहे थे। “कहाँ,कहाँ ?” कौतुहल भरी आवाजें उठी। “अरे वहाँ, टीले के पेड़ पर।” उत्सुकता से सब उधर देखने लगे ।
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दूर टीले के एक ऊँचे पेड़ पर चार विशाल गिद्ध बैठे थे। उनमें से एक ने एक छोटे ,मासूम से पक्षी को अपने पंखों से ढंक रखा था।”ओह जन्मजात दुष्ट गिद्धों ने मासूम चिरैया को पंखों में ढंका हुआ है। देखो,देखो।” “पर वे उसे मार क्यों नहीं रहे है?” ” वाह ,वाह। लगता है रामराज ,सतयुग आने वाले है ।” उल्लूओं ने कहा। “अरे मूर्खों, पक्का, चुनाव आने वाले है।”
अंतर
“माँ,नींद नहीं आ रही। कहानी कहो न।” पांच साल के सोनू ने बिस्तर पर लेटे -लेटे माँ,मधु से मनुहार की। आतंकीयों से मुठभेड़ में शहीद हुए लेफ्टीनेंट अरूण की पत्नि थी मधु। पति की मृत्यु के बाद मिले रूपये घर बनवाने में खत्म हो गये। घर में बुढ़े सास-ससुर भी थे । बस,पेंशन पर किसी तरह गुजारा हो रहा था।
नन्हा सोनू हालात रोज देखता और जल्दी से जल्दी बड़ा होकर माँ के लिये ,दादा-दादी के लिये कुछ करना चाहता था। बेटे को पढ़ा- लिखा कर फौजी बनाना ही सपना था मधु का इसलिये रोज पति की बहादुरी के किस्से सुनाती और रोज हंसकर पूछती,”मेरा राजा बेटा क्या बनेगा?” पहले तो सोनू झट से ,कभी फौजी,कभी डॉक्टर,तो कभी-कभी पायलट कह देता था।
आज भी जब मधु ने हंसकर पूछा,” मेरा राजा बेटा क्या बनेगा ?”
“सोचूंगा।” सोनू का जवाब अचकचा गया था मधु को।मन में कुछ खटक रहा था।अचानक सोनू उठकर बैठ गया।
“मैने सोच लिया माँ। क्या बनना है बड़े होकर। खूब पैसे कमाऊंगा। फिर हम सब खुब आराम से रहेगे।” सोनू की आँखों में चमक थी।”अच्छा वो कैसे?” “आतंकी बनकर सरेन्डर कर दूंगा।” मधु सन्न थीऔर सोनू की निगाह अटकी थी, अखबार में छपी न्यूज पर..”सीमा पर हुए शहीद की शहादत को दस लाख और सरेन्डर करने वाले आतंकी को दो करोड़…।”
अंतर का दायरा बहुत बड़ा था।
परिचय
नाम :- जितेन्द्र कुमार गुप्ता
पिता का नाम:- स्व. श्रीरामचंन्द्र गुप्ता
जन्मस्थान :- मां रेवा के किनारे बसे गांव महेश्वर
शिक्षा:- विज्ञान स्नातक (गणित)
प्राथमिक शिक्षा महेश्वर में उच्च शिक्षा बुरहानपुर से
व्यवसाय :- श्रम मंत्रालय के अधीन विभाग में अधिकारी
लेखन कर्म :- कहानी ,कविता , गजल,. शे’र विशेष रूचि लघुकथा लेखन में । राजभाषा विभाग की “दिशा” और
“मालवा ज्योति” पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन , म.प्र.हिन्दी साहित्य समिति की मुख पत्रिका ” वीणा ” और “क्षितिज” में लघुकथाएं और कविताएं प्रकाशित , क्रांतिबोल समाचार पत्र में रचनायें , सोशल मिडिया के लघुकथाकार, लघुकथा के परिंदे, गागर में सागर, जिन्दगीनामा,…..और भी कई समुह में सक्रिय भागीदारी
प्रकाशन :-
लघुकथाओं का प्रथम महाविशेषांक “ लघुकथा कलश” में रचनायें ,साझा लघुकथा संग्रह….
“भाषा सहोदरी”,“सफ़र संवेदनाओं का” “आसपास से गुजरते हुए” “ दीप देहरी पर” अनाथ जीवन का दर्द”
में लघुकथायें प्रकाशित..।
साझा काव्य संग्रह “अभिव्यक्ति” काव्य करूणा“में रचनायें प्रकाशित।