जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के नियमों को अधिक सरल एवं व्यावहारिक बनाए, जिससे सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी अधिकाधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो सकें।
इससे मेडिकल एजुकेशन का दायरा बढ़ेगा और लोगों को अपने निकटतम स्थान पर बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। भारत जैसे बड़े देश में जनसंख्या की तेजी से बढ़ोतरी, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं विकसित करने के साथ ही वर्तमान यूक्रेन संकट के बाद जरूरी हो गया है कि देशभर में मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछे।
मुख्यमंत्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नागौर एवं अलवर मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए केन्द्र एवं राज्य की हिस्सा राशि का अनुपात 75.25 था, जिसे बढ़ाकर अब 60.40 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार को अपनी हिस्सा राशि बढ़ानी चाहिए।
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सीएम गहलोत ने कहा कि यह सुखद है कि यूपीए सरकार के समय मेडिकल कॉलेजों के विस्तार के लिए एस्टेबलिशमेंट ऑफ न्यू मेडिकल कॉलेजेज़ अटैच्ड विथ एग्जिस्टिंग डिस्टि्रक्ट रेफरल हॉस्पिटल्स स्कीम बनाई गई, एनडीए सरकार ने उसे जारी रखते हुए देशभर में मेडिकल कॉलेजों के लिए स्वीकृतियां प्रदान कीं। इस योजना के कारण ही राजस्थान को 23 नए मेडिकल कॉलेज मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिल चुकी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केन्द्र सरकार का प्रयास है कि देशभर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़े और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के खुलने से केवल चिकित्सा क्षेत्र के विद्यार्थियों को ही लाभ नहीं होता बल्कि स्थानीय लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं और वहां एक आर्थिक तंत्र का निर्माण होता है।
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मंत्री मांडविया ने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से नए मेडिकल कॉलेजों का काम समय पर पूरा हो सकेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के मापदंडों को सरल कर रही है। इससे कोई कंपनी या एनजीओ भी मेडिकल कॉलेज स्थापित कर सकेगा।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, विधानसभा में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी, विधायक जौहरी लाल मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप कुमार, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवांगी स्वर्णकार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। सांसद हनुमान बेनीवाल एवं बालक नाथ, अलवर एवं नागौर के अन्य विधायकगण, जनप्रतिनिधि, जिला कलक्टर, सीएमएचओ, पीएमओ एवं अन्य अधिकारी भी वीसी से जुड़े।
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