महासमुंद- ज़िले के ग्राम जगदीशपुर तहसील पिथौरा में बाल विवाह के प्रयास का मामला सामने आया है। सूचना पर पहुंची बसना पुलिस और प्रशासन (राजस्व ) अमले ने बाल विवाह रुकवा दिया। साथ ही किशोरी की उम्र के साक्ष्य चेक किये। किशोरी और दूल्हे के परिजनों को समझाईश दी ।
बीते गुरुवार की रात क़रीब 9 बजे अनुविभागीय एवं दंडाधिकारी सरायपाली कुणाल दूदावत व राकेश गोलछा एसडीएम पिथौरा को ग्राम जगदीशपुर में एक नाबालिग बालिका के बाल विवाह होने की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए रात ही बसना सबइन्सपेक्टर सिकन्दर भोई के नेतृत्व में पुलिस टीम को रवाना किया गया । नायब तहसीलदार पिथौरा उमेश कुमार लहरी,स्थानीय अमला,कोतवार और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका सराहनीय रही । वही जगदीशपुर,उप सरपंच के जागरूक लोगों ने भी पूरा साथ दिया ।
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दी गई समझाइश
गाँव का एक परिवार अपनी 15 वर्षीय पुत्री का विवाह कर रहा था। इस पर अधिकािरयों ने परिवार को बाल विवाह नहीं करने को लेकर समझाइश दी तथा पाबंद किया। साथ ही वर पक्ष को भी लड़का-लड़की बालिग़ होने पर विवाह करने को कहा । वर पक्ष को भी बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया गया। लडकी और लड़के वालों के परिवारो से भी पुलिस मौजूदगी में लिखित लिया गया है कि वो गैरकानूनी गतिविधि को दोबारा अंजाम नहीं देंगे व लडकी की काउंसलिंग करेंगे। बच्चों को सही-गलत का फर्क समझायेंगे।
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दिए गए थे निर्देश
कलेक्टर द्वारा भी समय-समय पर गिरदावरो को सेक्टर प्रभारी बनाकर कृषि पर्यवेक्षको, महिला पर्यवेक्षको, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बाल विवाह के विरूद्ध माहौल तैयार करने तथा बाल विवाह रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
बतादें कि देश में बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून सर्वप्रथम सन् 1929 में पारित किया गया था। बाद में सन् 1949, 1978 और 2006 में इसमें संशोधन किए गए। इस समय विवाह की न्यूनतम आयु बालिकाओं के लिए 18 वर्ष और बालकों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है।
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