दिल्ली-प्रोजेक्ट-75 की छह पनडुब्बियों (submarines)की श्रृंखला में चौथी पनडुब्बी आईएनएस वेला नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में 25 नवंबर को कमीशन की गई थी। औपचारिक कमीशनिंग समारोह मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में हुआ। स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों (submarines) का निर्माण भारत में मैसर्स नेवल ग्रुप (DCNS), फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई द्वारा किया जा रहा है। इस चौथी पनडुब्बी की कमीशनिंग आज एक बड़ी उपलब्धि है। आईएनएस वेला पश्चिमी नौसेना कमान के पनडुब्बी बेड़े का हिस्सा होगी और इसके शस्त्रागार का एक और शक्तिशाली भाग बनेगी।
सांसद अरविंद सावंत, पश्चिमी नौसेना कमान (western naval command)के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल आर हरि कुमार, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (retired) और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ रक्षा, नागरिक एवं सैन्य अधिकारी आईएनएस वेला के कमीशनिंग समारोह के दौरान मौजूद थे। इस अवसर पर आए मेहमानों के बीच तत्कालीन ‘वेला’, जो एक रूसी मूल की फॉक्सट्रॉट क्लास सबमरीन है जिसे 2009 में सेवा से हटा दिया गया था, के कर्मी भी उपस्थित थे।
18 छात्रों का राष्ट्रीय रक्षा और नौसेना अकादमी में चयन सैनिक स्कूल रीवा से
संसदीय सचिव,कलेक्टर व् एसपी ने लिया नौका विहार का आनंद कोडार जलाशय में
स्कॉर्पीन पनडुब्बियां अत्यंत शक्तिशाली प्लेटफॉर्म हैं, उनके पास उन्नत स्टील्थ विशेषताएं हैं और ये लंबी दूरी के गाइडेड टॉरपीडो के साथ-साथ जहाज-रोधी मिसाइलों से भी लैस हैं। इन पनडुब्बियों में अत्याधुनिक सोनार और सेंसर सूट है जो उत्कृष्ट अभियानगत क्षमताएं प्रदान करते हैं। पनडुब्बियों में प्रणोदन मोटर के रूप में एक उन्नत स्थायी चुंबकीय सिंक्रोनस मोटर भी है।
वेला की आपूर्ति भारतीय नौसेना द्वारा ‘बिल्डर्स नेवी’ के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में दिए जा रहे ज़ोर की एक बार फिर पुष्टि करती है और साथ ही एक प्रमुख जहाज और पनडुब्बी निर्माण यार्ड के रूप में एमडीएल की क्षमताओं का भी संकेत है। पनडुब्बी की कमीशनिंग ऐसे समय हो रही है जब ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ समारोह भी मनाया जा रहा है।
हमसे जुड़े :–https://dailynewsservices.com/