Home छत्तीसगढ़ भाजपा राज में लेडी डाॅक्टर व नर्सों की सुरक्षा भगवान भरोसे: विनोद...

भाजपा राज में लेडी डाॅक्टर व नर्सों की सुरक्षा भगवान भरोसे: विनोद चंद्राकर

शासकीय अस्पतालों में हथियारबंद सुरक्षा कर्मी तैनात करने की बात केवल जुमला .

भाजपा राज में लेडी डाॅक्टर व नर्सों की सुरक्षा भगवान भरोसे: विनोद चंद्राकर

महासमुंद। भाजपा राज में लेडी डाॅक्टर व नर्सों की सुरक्षा भगवान भरोसे है मेडिकल काॅलेज बनने के बाद जिला अस्पताल में ओपीडी संख्या प्रतिदिन 600 से अधिक पहुंच रही है। महासमुंद जिला सहित आसपास के निकटवर्ती जिलों से मरीज बेहतर उपचार की आस में यहां भर्ती होते हैं।

इन मरीजों की दिन-रात सेवा के लिए स्टाफ नर्स ड्यूटी देते हैं। रात में मरीजों की देखभाल का जिम्मा नर्स के भरोसे रहती है। लेकिन, यहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से महिला मरीजों व स्टाफ नर्सों में भय का माहाैल व्याप्त रहता है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जारी प्रेस नोट मे कहा है ।

उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता की घटना के बाद यहां पुलिस सहायता केंद्र खोलने की बात कही गयी थी, लेकिन, ना तो यहां पुलिस सहायता केंद्र खोला गया आैर ना ही पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी द्वारा गार्ड की व्यवस्था की गई है, जो बदमाशों के सामने असहाय व कमजोर पड़ जाते हैं।

आंदोलन भी हुआ था

भाजपा राज में लेडी डाॅक्टर व नर्सों की सुरक्षा भगवान भरोसे: विनोद चंद्राकर

भाजपा राज के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 22 अगस्त 2024 को प्रदेश के समस्त सरकारी अस्पतालों में हथियार बंद रिटायर्ड आर्मी के जवानों को तैनात करने की बात कही थी। लेकिन, लगभग डेढ़ माह बाद भी मुख्यमंत्री के उक्त बातों पर अमल नहीं किया गया है। आर्मी के रिटायर्ड हथियार बंद जवान तो दूर पुलिस जवानों की ड्यूटी तक नहीं लगाई गई। मुख्यमंत्री द्वारा कही गई सरकारी अस्पतालों में हथियार बंद रिटायर्ड आर्मी के जवानों की तैनाती की बात भी हमेशा की तरह केवल जुमला ही साबित हुआ है।

स्टाफ नर्स की भर्ती नहीं कर पाई भाजपा सरकार

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि जिलेवासियों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महासमुंद जिले को मेडिकल काॅलेज की साैगात दी। मेडिकल काॅलेज को सुचारू रूप से संचालित करने विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए वेकेंसी भी निकाली गई। लेकिन, सरकार बदलने के बाद सभी निविदाएं निरस्त कर दी गई।

जिला अस्पताल में 150 स्टाफ नर्स की आवश्यकता है। लेकिन, केवल 42 नर्स ही सेवारत हैं। जिसमें से 4 नर्स पढ़ाई करने अन्यत्र चली गई हैं। ऐसी जानकारी भी मिली है कि 4 नर्स आैर पढ़ने बाहर जाने वाली है। 2 नर्स को जीएनएम काॅलेज में अटैच किया गया है। अब केवल 32 नर्स ही दिन-रात ड्यूटी दे रही हैं। एक नर्स पर 25-30 मरीजों का भार है। कई बार स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार का ध्यानाकर्षण भी कराया है। लेकिन, भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की।

हमसे  जुड़े :-

आपके लिए /छत्तीसगढ़