Pithoura:-भारी बारिश के बावजूद नेशनल लोक अदालत को ले कर अपार उत्साह देखा गया । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर Bilaspur एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश महासमुंद Mahasamund के दिशा निर्देश में आज पिथौरा के न्यायालय में नेशनल लोक अदालत आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकरणों के पक्षकार स्वत: उपस्थित थे । पीठासीन अधिकारी प्रतीक टेम्भूरकर ने उपस्थित पक्षकारों को राजीनामा के लिए प्रोत्साहित किया,जिससे मौके में ही लगभग 22 मामले निराकृत हो गए ।
सफल कहानी :-
लोकअदालत में एक ऐसा मामला भी आया जो वर्ष 2016 से चला आ रहा था लोकनाथ व अन्य 01 व्यक्ति के विरुद्ध गांव की बैठक के दौरान हुए विवाद के संबंध में दाण्डिक प्रकरण 07 वर्षो से लंबित था, जहां पर प्रार्थी के उपस्थित होने पर दोनों पक्ष को समझाइश देते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया ।
पिता पुत्र का विवाद हुआ खत्म –
इसी तरह से इस लोक अदालत में एक ऐसा भी मामला आया जो कि पिता- पुत्र के मध्य विवाद की ले कर था पुत्र ने अपने पिता एवं भाई के विरुद्ध मारपीट व गाली गलौच की रिपोर्ट लिखाई था,जिस पर पुलिस ने आपराधिक मामला पेश किया था। मामला पिथौरा के न्यायालय में लंबित था, आज दोनों पक्ष उपस्थित थे, जिन्हें परिवार के महत्व को समझाते हुए राजीनामा की सलाह दी गई,जिस पर दोनों पक्षों ने सुलह करते हुए विवाद को यहीं पर समाप्त करने का निर्णय लिया । इस तरह से लोक अदालत में विभिन्न प्रकरणों का निराकरण हो जाने से लोगों में खुशी का माहौल देखा गया ।
दोनो पक्षों की होती है जीत-
बता दें कि लोक अदालत एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें ना तो किसी की जीत होती है
और ना ही किसी की हार दोनों ही पक्ष हंसते-हंसते अपने घर जाते हैं ।
लोक अदालत में हुए फैसले की अपील भी नहीं होती है ।
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