75 भारतीय सशस्त्र बलों का एक दल 24 जून 2020 को रेड स्क्वायर, मास्को में विजय दिवस की सैन्य परेड में भाग लेंगे, जिसे 1941-1945 के दूसरे विश्व युद्ध मे सोवियत लोगों की विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है ।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सशस्त्र बल मित्र देशों की सबसे बड़ी टुकड़ियों में से एक थे जिन्होंने उत्तरी और पूर्वी अफ्रीकी अभियान, पश्चिमी रेगिस्तान अभियान और यूरोपीय थिएटर में एक्सिस शक्तियों के खिलाफ हिस्सा लिया था। इस अभियान के दौरान 87 हज़ार से अधिक भारतीय सैनिकों ने अपना बलिदान दिया और क़रीब 34,354 सैनिक इस में घायल हुए इस युद्ध में भारतीय सेना ने न केवल सभी मोर्चों पर लड़ाई लड़ी, बल्कि दक्षिणी, ट्रांस-ईरानी लेंड-लीज मार्ग पर लॉजिस्टिक समर्थन भी सुनिश्चित किया, जिसमें हथियार, गोला-बारूद, उपकरण और भोजन सोवियत संघ, ईरान और इराक में भेजे गए।
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भारतीय सैनिकों की वीरता को चार हज़ार से अधिक अलंकरणों से सम्मानित किया गया, जिसमें 18 विक्टोरिया और जॉर्ज क्रॉस भी शामिल है ।तत्कालीन सोवियत संघ ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की और सूबेदार नारायण ,राव निक्कम और रॉयल इंडियन आर्मी सर्विस कोर के हवलदार गजेंद्र सिंह चंद को यूएसएसआर के सर्वोच्च सम्मान आडर आफ द रेड स्टार से सम्मानित किया।
विजय दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली दल की टुकड़ी का नेतृत्व सिक्ख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा। रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ाई लड़ी और चार बैटल ऑनर्स और दो मिलिट्री क्रॉस अर्जित करने का गौरव प्राप्त किया है।
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