चक्रवाती तूफान ‘अंफन’ इस समय बंगाल की खाड़ी पर 11.2 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 86.3 डिग्री पूर्वी देशांतर पर है।17 मई की सुबह से यह 6 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। दोपहर तक यह कोलकाता के दक्षिण में 712 किलोमीटर दक्षिण में पहुँच गया था।समुद्री तूफान ‘अंफन’ के अगले कुछ घंटों में ही भीषण चक्रवात बन जाएगा। इसके प्रभावी होने के लिए लिए समुद्र में स्थितियाँ अनुकूल हैं.
आज शाम या रात तक तूफान ‘अंफन’ अति भीषण चक्रवात का रूप ले सकता है।
प्रभावी होने के साथ-साथ तूफान अगले 24 घंटों तक उत्तरी दिशा में आगे बढ़ता रहेगा। 24 घंटों के बाद यह अपनी दिशा बदलेगा और उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा। अनुमान है कि तूफान अंफन 21 मई को बांग्लादेश पर लैंडफॉल करेगा।जिस समय इसका लैंडफाल होगा उस समय हवा की रफ्तार 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
बंगाल की खाड़ी पर बना मौसमी सिस्टम प्रभावी होते हुए चक्रवाती तूफान बन गया है। चक्रवाती तूफान ‘अंफन’ अब अपनी पूरी क्षमता में है। इस समय यह बंगाल की खाड़ी में चेन्नई से पूर्व-दक्षिण-पूर्व में 650 किलोमीटर दूर है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तूफान ‘अंफन’ 19 मई की रात या 20 मई की सुबह पश्चिम बंगाल और इससे सटे ओडिशा के पास लैंडफॉल कर सकता है। अनुमान है कि तूफान कोलकाता के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा। इसके चलते न सिर्फ बंगाल के तटीय भागों में बल्कि ओडिशा के तटीय इलाकों में भी भीषण बारिश देखने को मिलेगी और तबाही मचाने वाली हवाएं भी अपना तांडव दिखा सकती हैं।
यह समय भारत के पूर्वी तटों पर खासतौर पर ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों के तटीय इलाकों में सतर्क होने का समय है। चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है ताकि जानमाल का नुकसान कम से कम हो।
बंगाल की खाड़ी पर उठ रहा चक्रवाती तूफान अंफन किस राह जाएगा यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वेदर मॉडल इसके दो ट्रैक दिखा रहे हैं। एक ट्रैक पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश की ओर दिखाया जा रहा है जबकि दूसरा ट्रैक म्यांमार की ओर इसके जाने की ओर इशारा कर रहा है।
अगर यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा पर लैंडफॉल करता है तो छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसका असर देखने को मिल सकता है। साथ ही अगर ओडिशा पर यह लैंडफॉल करता है तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक बारिश हो सकती है।
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साल 2020 का पहला चक्रवाती तूफान अंफन अगले 24 घंटों में अस्तित्व में आ सकता है। आशंका है कि यह लैंडफॉल से पहले अति भीषण चक्रवात बन जाएगा। इसके संभावित ट्रैक को देखते हुए भारत के तमाम क्षेत्रों को अलर्ट कर दिया गया है। पूर्वी तटों पर तमिलनाडु और पुद्दुचेरी से लेकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिज़ोरम और मणिपुर जैसे तटीय क्षेत्रों को अलर्ट किया गया है। अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में तूफानी हवाओं के साथ पहले से ही भारी बारिश हो रही है। अगले 48 घंटों तक अंडमान पर इसका प्रभाव बना रहेगा।
चक्रवाती तूफान बनने के बाद 17 मई तक यह उत्तर पश्चिमी दिशा में बढ़ता रहेगा। चेन्नई से महज़ 600 किलोमीटर दूर तक पहुंचने के बाद यह अपना रास्ता बदलेगा और उत्तर दिशा में आंध्र प्रदेश के तटों की तरफ बढ़ेगा। उसके बाद पुनः इसके रास्ता बदलने की संभावना है। तब यह अनुमान है कि उत्तर तथा उत्तर पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसलिए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों पर इससे व्यापक प्रभाव की आशंका बहुत अधिक भले नहीं है लेकिन उत्तरी तटीय ओड़िशा और इससे पश्चिम बंगाल को इस तूफान से खतरा नजर आ रहा है।
जिस समय तूफान अपना मार्ग परिवर्तित कर रहा होगा उसी दौरान यह प्रभावी होता भी रहेगा। तटों पर लैंडफॉल करने से पहले यह भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। इस दौरान आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय भागों के पास समुद्र में हलचल बहुत अधिक रहेगी। 16 मई की रात से तूफान के लैंडफॉल करने तक समुद्र में स्थितियां बहुत विपरीत हो जाएंगी।
भारत के अंदरूनी राज्यों को भी रहना होगा सचेत
अगर यह तूफान आंध्र प्रदेश या ओडिशा के रास्ते भारत में लैंडफॉल करता है तो भारत के अंदरूनी राज्यों यानि तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों को भी अलर्ट रहना होगा। जब कोई भी समुद्री तूफान जमीनी भागों पर पहुंचता है तो यह कई हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना प्रभाव दिखाता है।