सरकार ने कोरोना वायरस से प्रभावित चीन से 647 भारतीयों उड़ानों के माध्‍यम से वापस बुलाया-

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सरकार ने कोरोना वायरस से प्रभावित चीन से 647 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को दो उड़ानों के माध्‍यम से वापस बुलाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि यह एक कठिन अभियान था और इसे सफल बनाने में चीन सरकार के सहयोग और सुविधा प्रदान करने के लिए हम आभारी है। उन्‍होंने कहा कि इन लोगों के अलावा दस और भारतीय चीन से स्‍वदेश लौटना चाहते हैं और फिलहाल उनकी स्‍वास्‍थ्‍य जांच चल रही है.

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नई दिल्‍ली में पत्रकारों से बात करते हुए  कुमार ने कहा कि मंत्रालय इन लोगों के साथ संपर्क में है और उनकी वापसी हर संभावना पर काम किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय नागरिकों को चीन यात्रा से बचने की सलाह दी गई है और वहां से आने वालों की स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की जा रही है। चीन से ई-वीजा के माध्‍यम से भारत आने वालों पर फिलहाल रोक लगाई गई है.वुहान से पाकिस्‍तान के छात्रों को वापस बुलाए जाने की भारत से गई अपील पर उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान सराकर की ओर से इस तरह की कोई पेशकश नहीं प्राप्‍त हुई  है।  कुमार ने कहा कि यदि ऐसी स्थिति आती है तो संसाधनों को ध्‍यान में रखते हुए भारत इस पर विचार करेगा.

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पाकिस्‍तान – मलेशिया संयुक्‍त वाक्‍तव्‍य में जम्‍मू-कश्‍मीर की चर्चा के बारे में रवीश कुमार ने कहा कि भारत जम्‍मू-कश्‍मीर से संबंधित किसी भी टिप्‍पणी को सिरे से खारिज करता है। उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का अटूट और अभिन्‍न अंग है। उन्‍होंने मलेशिया के नेतृत्‍व से मुद्दों को बेहतर ढ़ंग से समझने की अपील करते हुए कहा कि पाकिस्‍तान अब भी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है और वह भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दे रहा है.