विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार के अफ़सरों ने परखा “नवजीवन”को व किया तारीफ़

 “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर चुके महासमुंद के अभियान नवजीवन में जुड़ी एक और उपलब्धी, निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों ने दिए सकारात्मक संकेत”

महासमुंद। जिला स्तर से शुरू हुआ अभियान नवजीवन हर उस संभव प्रयास की ओर अग्रसर है जो लोगों में तनाव प्रबंधन कर आत्मघाती प्रवृत्ति पर रोक लगाने किया जा सकता है। महज 06 माह में ही अभियान शोध, प्रशिक्षण, अंकेक्षण और निरीक्षण के निरंतर अभ्यास से जन-सामान्य के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका सुनिश्चित करने सफलता के आयाम गढ़ रहा है।

इस कड़ी में शुक्रवार को क्रमशः विश्व स्वास्थ्य संगठन से केंद्रीय सलाहकार  आत्रेयी गांगुली,एवं भारत सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे डॉ आलोक माथुर, उप संचालक (जनरल) ने महासमुंद का निरीक्षण दौरा किया। इस दौरान उनका दल पहले घोड़ारी स्थित नवजीवन केंद्र पहुंचा। जहाँ, उन्होंने ग्रामीणों से बात की और अभियान की आवश्यकता, महत्ता व क्रियान्वयन की बारीकियों के संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। बढ़ते क्रम में क्रमशः हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भुरकोनी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागबाहरा की ओर रुख करते हुए में आत्महत्या के प्रयास कर चुके चिकित्सारत मरीजों से न केवल हाल-चाल पूछा बल्कि मनोवैज्ञानिक सलाह देकर उनमें जीने की नई उम्मीद का संचार भी किया।

मध्यान भोजन के बाद दूसरी पाली में नवजीवन प्रशिक्षण कार्यशाला में सम्मिलित हुए। जहाँ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने उन्हें छाया व चल-चित्र के माध्य्म से जिले में हो रही आत्महत्या के आंकड़ों और अब तक सकारात्मक प्रयासों के संदर्भ में प्रस्तुति दी। पूर्व के प्रशिक्षित हो चुके प्रेरकों ने निरिक्षणकर्ताओं के समक् जीवंत उद्धरण दे कर अनुभव आदान-प्रदान किए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने बताया कि कलेक्टर  सुनील कुमार जैन की इस पहल पर अंतराष्ट्रीय स्तर के विद्वान विशेष रुचि ले रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित केंद्र सरकार द्वारा अभियान में प्राप्त अब तक की उपलब्धियों का विस्तार पूर्वक आंकलन किया साथ ही आत्महत्या संबंधी इस विश्वव्यापी समस्या के निराकरण के लिए अभियान नवजीवन को मील का पत्थर साबित होने की बात कही।

अध्ययन के दौरान निरिक्षणकर्ता अतिथियों के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वारे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक  संदीप ताम्रकार, गैर संचारी रोग विभाग की राज्य सलाहकार  सुमी जैन, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ छत्रपाल चन्द्राकर, जिला सलाहकार  अदीबा बट्ट, शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव, मनोचिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता  राम गोपाल खूंटे, ईएमओ  टेकलाल नायक, योग प्रशिक्षक देव डडसेना एवं विशेष रूप से आमंत्रित प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंद साहू उपस्थित रहे।

मिले कलेक्टर से, बनाएंगे समन्वय

दल के अधिकारियों ने नवजीवन अभियान के अध्यक्ष कलेक्टर सुनील कुमार जैन से मुलाकात की। राष्ट्रीय स्तर पर हुए विभिन्न अभियानों के अनुभव साझा किए। अभियान को उपयोगी बताते हुए डॉ माथुर ने कहा कि इतना अच्छा प्रयास समूचे भारत में विरले ही देखने मिलता है। उन्होंने केंद्र स्तर से भी आपेक्षित सहयोग व समन्वय बना कर और बेहतर परिणाम मिलने की बात की।

बिरकोनी नवजीवन केंद्र का किया उद्घाटन

शाम करीब 04 बजे यह अमला बिरकोनी गांव जा पहुंचा। नवजीवन केंद्र में उपस्थित बड़ी संख्या में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए डॉ माथुर ने केंद्र का उदघाटन किया और विनम्र अपील के जरिए केंद्र की उपयोगिता का भरपूर लाभ लेने के लिए प्रेरक संदेश प्रेषित कर धन्यवाद ज्ञापित किया।

ऑस्ट्रेलियाई ग्रेक भी कर चुके हैं शोध

अभियान की गूंज विश्व के अन्य देशों में भी चर्चा का विषय है। पुष्टि इस बात से होती है कि हाल ही में 18 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया की मेलबोर्न यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध शोधार्थी डॉ ग्रेक आर्मस्ट्रॉन्ग भी इस विषय पर गहन अध्य्यन व शोध कर चुके हैं।

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