महासमुंद और सरायपाली में कोट्पा की दबिश,नियम विरुद्ध तंबाकू उत्पाद खरीदने-बेचने वालों के बने 20 प्रकरण

महासमुन्द :सार्वजनिक स्थलों में सारे आम धुएं का छल्ला उड़ाते हों या दीवारों पर तंबाकू की पीक पुचकने वाले, कोट्पा अधिनियम 2003 का उल्लंघन कर तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वालों के लिए भी यह बुरी खबर है। जिले में जिला तंबाकू नियंत्रण दल के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अमला इन दिनों बेहद सक्रिय है। तंबाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विगत माह भर से कार्रवाई और तेज कर दी है। इस कड़ी में प्रत्येक विकासखंड में बनाए गए छापामार दलों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम प्रबंधक  संदीप ताम्रकार के मार्गदर्शन में महासमुंद शहर सहित पिथौरा, बागबाहरा और सराइपाली क्षे़त्र में दबिश दी.

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जहां दो दर्जन से अधिक तंबाकू विक्रेताओं के संस्थानों में न केवल जांच-पड़ताल की गई। बल्कि कईयों के नियम विरूद्ध संचालित पाए जाने पर जुर्माना भी वसूल किया गया। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में तंबाकू उत्पाद सेवन और इससे होने वाली मृत्यु दर में कमी तो दर्ज की जा रही है। लेकिन सरकार इस दिशा में सुधार की ध्रुत गति की ओर लक्षित है। ऐसे में उक्त दिवस को हुई चालानी कार्रवाई में क्रमशः ड्रग इन्सपेक्टर  अखिलेश पांडेय की अगुआई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी ज्योति भानू एवं शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता श् असीम श्रीवास्तव के संयुक्त दल ने महासमुंद शहर में दोहरा मापदंड अपनाते हुए जहां एक ओर प्रावधान अंतर्गत 09 चालान किए। वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा कोट्पा अधिनियम के परिपालन के लिए निर्धारित चेतावनी बोर्ड भी वितरित किए गए.

इसी प्रकार ड्रग इन्सपेक्टर  अवधेश भारद्वाज के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारी नीलम ठाकुर और मनोवैज्ञानिक सलाहकार मेघा ताम्रकार के दल ने सराईपाली क्षेत्र में छापेमारी की। इस कार्रवाई में 11 प्रकरणों में जुर्माना वसूल किया गया। विशेष बात यह रही की कुछ होटल संचालकों ने शराब पीना मना है कि बोर्ड लगा रखे थे लेकिन तंबाकू नियंत्रण हेतु चेतावनी संदेश के संदर्भ में अनभिज्ञता व्यक्त की। ऐसे में छापामार दल द्वारा निर्धारित मापदंड वाले बने-बनाए बोर्ड मिलते ही स्वयमेव संदेश चस्पा कर सहयोग प्रदाय करते हुए जागरूकता का परिचय दिया। गैर संचारी रोग कार्यक्रम की जिला सलाहकार अदीबा बट्ट ने बताया कि अन्य विकासखंडों में भी कोट्पा अधिनियम के परिपालन के लिए लगातार समझाईश दी जा रही है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार से मिली जानकारी के मुताबिक विकासखंड स्तर पर भी इसी तरह विभागीय दस्तों का गठन किया गया है। कभी-भी किसी भी क्षेत्र या गांव में औचक निरीक्षण कर छापामार कार्रवाई की जाएगी.

कोट्पा प्रावधानों पर संक्षिप्त नजर-

धारा-4 के तहत् सभी गैर-सरकारी व सरकारी सार्वजनिक स्थलों के प्रभारियों को धूम्रपान निषेध का बोर्ड लगाना अनिवार्य है। नियम तोड़ने वालों को 200 रुपए का जुर्माना देना होगा। धारा 6 के तहत् तंबाकू उत्पाद बेचने वालों को भी चेतावनी बोर्ड लगाकर सूचना देनी होगी कि 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तंबाकू की बिक्री नहीं की जाती है। यहां भी 200 रुपए के जुर्माने के प्रावधान हैं। इसी तरह शैक्षणिक संस्थानों के सौ गज के दायरे में भी तंबाकू उत्पाद की खरीद-बिक्री और सेवन पर भी पूर्णतः प्रतिबंध है.

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