बालिकाओं में पढ़ाई के साथ कौशल विकास का होना ज़रूरी

बागबाहरा से अजित पुंज

बागबाहरा। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय सुनसुनिया में एक दिवसीय जीवन कौशल शिविर का आयोजन किया गया।शिविर में बालिकाओं को जीवन कौशल के गुर सिखाने के उद्देश्य से आवसीय विदयालय में तेलंगाना राज्य एवम छत्तसीगढ़ राज्य की संयुक्त टीम ने रूम-टू-रीड के साथ मिल कर परियोजना का प्रशिक्षण दिया गया।

https;-

टीम में प्रवीण रेड्डी सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर, सरिता गंगूराज प्रोग्राम एसोसिएट,लक्ष्मी नमः तथा रायपुर से प्रभात जायसवाल,चेतना देसाई प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ने योजना के तहत बालिकाओं को स्व जागरूकता (मैं महत्वपूर्ण हूँ) में आत्मविश्वासी होने की कुशलता,भावनाओ को व्यक्त कर पाने की कुशलता और उन पर काबू पाने की कुशलता,समानुभूति महसूस कर पाने की कुशलता सिखायी गई।इसी प्रकार आत्मप्रभावकारिता (मैं सशक्त हूँ) में आत्मनियंत्रण की कुशलता,निर्णय लेने का कौशल और निरंतर प्रयत्न करते रहने का कौशल के अलावा संबंधों को बनाये रखने का कौशल सिखाया गया।

https;-नही थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला,दिसम्बर माह में मरने वाले शिशुओं की संख्या हुई 100

इस दौरान प्रधानाध्यपिका रक्षा साहू ने बताया कि बालिकाओं को जीवन कौशल प्रशिक्षण के बारे जानकारी देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ साथ जीवन मे आगे बढ़ने के लिए जीवन कौशल का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है।इससे अपने कौशलों का विकास बेहतर जिंदगी जीने के तरीकों पर समझ बनती है।इसके साथ पाठ्यक्रम में संबंधित पोषण मेरी पहचान।हमारा शरीर के बारे में समझ बनती है

https;-आईटीआई कोनी में कैम्पस इंटरव्यू 7 जनवरी को-

।इस शिविर में विद्यालय के समस्त स्टाफ़ ने सक्रिय रूप से भाग लिया।कार्यक्रम बीआरसीसी के केवलराम टंडन, निराश ध्रुव व भूपेन निराला भी उपस्थित रहे।

हमसे जुड़े :-