चिकित्सा व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने दिए निर्देश बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के साथ अच्छा व्यवहार भी जरूरी- कलेक्टर

इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को मिलेंगी और भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं,साथ ही व्यवहार संबंधी विसंगतियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा

महासमुन्द: चिकित्सा सुविधाओं को लेकर प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल महासमुंद में गुरुवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन की अध्यक्षता में चिकित्सकों की बैठक आहूत की गई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल, सिविल सर्जन डॉ. आर के परदल, आर एम ओ डॉ. नागेश्वर राव जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार डॉ निखिल गोस्वामी सहित अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सक गण उपस्थित थें.

इस दौरान कलेक्टर जैन ने जिला अस्पताल खरोरा में उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को चाहिए कि वह ड्यूटी रोस्टर चार्ट का नियम से पालन करें एवं नियत समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने पहुंचे। विशेषकर ऐसे मरीज जो ग्रामीण अंचल से आते हैं एवं बीमारियों सहित आर्थिक अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन सभी के साथ हमें अच्छे से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ध्यान रहे कि निःशुल्क प्रदाय की जा रही सुविधाओं में कोई कमी न हो। पूर्ण जांच, परामर्श व उपचार की सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें, ताकि मरीजों को पंजीयन कराने से लेकर डिस्चार्ज होने तक किसी भी विसंगति अथवा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा संबंधी कार्यों में अव्यवस्था महसूस कर रहे हों तो होमगार्ड के अलावा निजी संस्थानों से भी सुरक्षा गार्ड इत्यादि कर्मचारियों की व्यवस्था भी की जा सकती है। दूसरी ओर चिकित्सकीय अमले में कर्मचारियों में कमी को लेकर उन्होंने जीवनदीप समिति के माध्यम से वार्ड बॉय जैसे स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय भी बतलाए, जिससे आने वाले समय में भी मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लेकर निजी संस्थानों का रुख ना करना पड़े और शासन द्वारा प्रदत्त चिकित्सा सुविधाओं की छवि में और तेजी से सुधार हो। इसके लिए विभाग के समस्त कर्मचारियों को टीम-वर्क फॉलो कर बेहतर परिणाम देने के लिए वचनबद्ध होना होगा। यदि संसाधनों की कमी है या सेवाएं प्रदान करने में किसी भी तरह की असुविधा हो रही हो, तो स्वास्थ विभाग के मुखिया एवं जिला प्रशासन को वस्तुस्थिति के बारे में अवगत कराया जा सकता है। उनके द्वारा समस्याओं का त्वरित निराकरण हेतु आश्वस्त भी किया गया। सिविल सर्जन डॉ. परदल ने बताया कि यह एक समीक्षात्मक बैठक थी, जिसमें काम-काज में कसावट लाने के उद्देश्य से कलेक्टर उपस्थित होकर मार्गदर्शन प्रदान किया.