अध्यक्ष चुनाव:दोनो दलों को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर!कांग्रेस से अध्यक्ष के लिए नाम अंतिम नही

 बागबाहरा से अजित पुंज

भाजपा: अध्यक्ष पर एक मत, उपाध्यक्ष पर एक नाम अंतिम नही!

बागबाहरा- निकाय की अगर बात करे तो 15 वार्डो वाली बागबाहरा नगरपालिका में दोनों में से कोई भी दल पूर्ण बहुमत की स्थिति में नही पहुंच पाया है।इस वजह से यहां अध्यक्ष के पद को लेकर दोनों दलों में रस्साकशी चल रही है।चूंकि निकायों में दल बदल कानून भी लागू नही होता ऐसे में इस निकाय में कांग्रेस और भाजपा दोनो पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है।

बागबाहरा निकाय में चुनाव के नतीजे आने के बाद से कांग्रेस पार्टी अपने निर्वाचित पार्षदों व दो निर्दलीय पार्षद मंता ठाकुर व आशाराम बांधे को गुप्त ठिकाने के रिसॉर्ट पर ले गई है और अपने सभी प्रत्याशियों को मोबाइल स्वीच ऑफ करने को कह दिया गया है ताकि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चयन में वे क्रॉस वोटिंग की समस्या से बच सके।चूंकि कांग्रेस व भाजपा दोनो दलों को जरूरत के मुताबिक पार्षद नही मिल सके।ऐसे में दोनो दल एक दूसरे के पार्षदों को तोड़ने की रणनीति के साथ काम किया जा रहा है। याने क्रॉस वोटिंग के सहारे कुर्सी हथियाने की उम्मीद की जा रही है ।

ऐसा इस कारण भी संभव है क्योंकि नगरीय निकयों मे दलबदल कानून लागू नही होता। यानी क्रॉस वोटिंग करने पर भी पार्षदों को कोई खतरा नही रहेगा।दूसरा मतदान भी गुप्त कराया जाता है। याने क्रॉस वोट करने के बाद भी उस पार्षद की पहचान संभव नही होगा।बताया जा रहा है भाजपा भी दिग्गज नेता सांसद चुन्नीलाल साहू की निगरानी में अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध रहने का पाठ पढ़ाया जा चुका है और वह भी ऐहतियातन अपने पार्षदों को अज्ञात धार्मिक स्थान पर ले गए हैं।

कांग्रेस की ओर से पहली बार पार्षद बने हीरा सेतराम बघेल व खिलेश्वरी ताम्रध्वज बघेल में से, कांग्रेस पार्षदों की बैठक में पर्यवेक्षक बनाये गए स्वरूपचंद जैन किसका नाम तय करते है वह 6 तारीख को ही पता चल सकेगा।इधर कांग्रेस पांच निर्दलीय पार्षदों में से दो पार्षदों को अपने पक्ष में मिला कर पहले ही कामयाब हो चुकी है और कांग्रेस की संख्या अब 4 से 6 हो गई है।सूत्रों की माने तो उसे दो अन्य असतुंष्ट पार्षदों का पार्टी को समर्थन मिल रहा है। इन दो पार्षदों को तोड़कर वह क्रॉस वोटिंग के सहारे कुर्सी पाने की जुगत भिड़ा रही है।चूंकि अध्यक्ष बनाने के लिए 8 सीटों की ज़रूरत है ।इतनी सीटें न कांग्रेस के पास है और न भाजपा के पास ।पांच में से बाकी बचे तीन निर्दलियों में से अनिता अजित तांडी को छोड़कर शेष 2 निर्दलीय पार्षदों ने अब तक अपने पत्ते नही खोले हैं।

इन दो पार्षदों में से भाजपा को एक पार्षद की ज़रूरत पड़ेगी और कांग्रेस को दोनो पार्षदों की ज़रुरत होगी।अगर भाजपा ने दोनो पार्षदों को समय रहते अपने पाले में कर लिया तो कांग्रेस के पास कोई चारा नही बचेगा क्योंकि दो निर्दलियों को अपने पाले में लेने के बाद भी आंकड़ा 6 से 8 तक नहीं पहुंचेगा जबकि भाजपा अध्यक्ष पद की दावेदारी की स्थिति में होगी और बाकी के दो निर्दलीय बचे पार्षदों की भूमिका अहम होगी लेकिन भाजपा फिलहाल अपने जीते हुए प्रत्याशियों को क्रॉस वोटिंग से सुरक्षित रखने में जुटी हुई है।

“क्रॉस वोटिंग अध्यक्ष का चेहरा बदल सकती है”

6 जनवरी को अध्यक्ष के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनो को ही क्रॉस वोटिंग का डर है।कांग्रेस के आंतरिक सूत्र कहते है कि वह बागियों से समर्थन साध चुकी है और भाजपा के कुछ पार्षद उनके सम्पर्क में है।ऐसे में क्रॉस वोटिंग अध्यक्ष का चेहरा बदल सकती है।राजनैतिक हल्के में चर्चा है कि कांग्रेस से अध्य्क्ष के दो दावेदार हीरा बघेल व खोलेश्वरी बघेल हैं।विधायक द्वारिकाधीश यादव का समर्थन अब तक खुल कर सामने नही आया है।

इन दो दावेदारों में एक दावेदार को लेकर एकराय नही बन पाने के कारण कांग्रेसजनों में भारी नाराजगी है वहीं भाजपा में उपाध्यक्ष पद को लेकर भाजपा पार्षदों में भी नाराजगी है।सूत्रों की माने तो अगर कांग्रेस में एक नाम पर सहमति नही बन पाने का खामियाजा कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग से भी चुकाना पड़ सकता है वंही भाजपा भी उपाध्यक्ष पद को लेकर ऊहापोह की स्थिति में है।नवनिर्वाचित पार्षदों से बातचीत में दो नाम उपाध्यक्ष पद हेतु सामने आए हैं प्रिंस चावला और दीपक यादब ।

बताया जा रहा है इन्ही दो नामों में किसी एक नाम पर पार्टी अपनी मुहर लगा सकती है।ऐसी हालत में पार्टी में असंतोष हो सकता है और असंतुष्ट पार्षद भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं ।सूत्रों के अनुसार तीनो निर्दलीय प्रत्याशी अनिता अजित तांडी को अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाकर भाजपा के सहयोग से मैदान में उतार सकते हैं।ऐसे में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दे सकती है।

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