महासमुंद- रायपुर व महासमुंद जिले के चार गांवों के लिए हरदी सूक्ष्म सिंचाई योजना तीन साल बीतने के बाद भी अधूरा है। जबकि अब तक इस योजना में 1275.99 लाख की राशि व्यय हो चुकी है। कार्य पूरा होने के बाद ही कृषि योग्य भूमि में सिंचाई हो सकेगी.
उक्त जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विधायक विनोद चंद्राकर के सवाल पर दी. शीतकालीन सत्र में गुरूवार को विधायक ने हरदी सूक्ष्म सिंचाई योजना का मामला उठाया. जिस पर जानकारी देते हुए कृषि मंत्री चौबे ने बताया कि ग्राम गढ़सिवनी व पीढ़ी के लिए हरदी सूक्ष्म सिंचाई योजना की स्वीकृति 31 अक्टूबर 2015 दी गई.
योजना की प्रशासकीय स्वीकृति 2003.99 लाख है। इस योजना में कार्यादेश दो अगस्त 2016 को जारी किया गया. जिसमें कार्य पूरा करने 11 माह का समय निर्धारित किया गया था. उक्त योजना में अब तक 1275.49 लाख की राशि व्यय हुई है. वर्तमान में सिंचाई नहीं हो रही है। कार्य पूर्णता के बाद ही महासमुंद जिले के दोनों गांवों गढ़सिवनी व पीढ़ी में 240 हेक्टेयर व रायपुर जिले के दो गांवों कागदेही व हरदी में 260 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सिंचाई की जाएगी.
जांच प्रतिवेदन का चल रहा परीक्षण
महासमुंद जिले में उपसंचालक कृषि कार्यालय द्वारा सी बीड एक्स्ट्रेस्ट, सीबीड जेजल एमीनो एसिड ह्यूमिक एसिड की खरीदी की जांच संचालनालय कृषि ने की है. विधायक चंद्राकर के सवाल पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त मामले में संचालनालय कृषि से प्रतिवेदन राज्य शासन को प्राप्त हो चुका है. जिसका परीक्षण प्रक्रियाधीन है. जांच प्रतिवेदन का परीक्षण के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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