जयपुर- रक्षाबन्धन के पर्व पर महिलाएं एवं बालिकाएं (women and girls) रोडवेज की साधारण एवं एक्सप्रेस बसों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
रक्षाबन्धन के दिन 22 अगस्त को प्रदेश की रोडवेज की सभी साधारण एवं एक्सप्रेस बसों (एसी, वोल्वो एवं ऑल इंडिया परमिट वाली बसों को छोड़कर) में राजस्थान की सीमा के भीतर यात्रा करने वाली महिलाएं एवं बालिकाएं इस निःशुल्क यात्रा सुविधा का लाभ उठा सकेंगी।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ के लिए 419 पद स्वीकृत करने की मंजूरी दी। स्वीकृत पदों पर भर्ती आगामी तीन वर्षो में चरणबद्ध तरीके से की जायेगी।
इसमें संयुक्त संचालक दंत स्वास्थ्य, उप संचालक दंत स्वास्थ्य के एक-एक पद तथा संभागीय कार्यालय स्तर पर उप संचालक दंत स्वास्थ्य के 7 पद और शहरी क्षेत्र में जिला चिकित्सालय में दंत विशेषज्ञ के 34 पद, दंत चिकित्सक के 46 पद, इस प्रकार कुल 89 पद निर्मित किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में 330 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सकों के 330 पद निर्मित किये जायेंगे। इस तरह से 419 पद भरे जाएगे।
मंत्रि-परिषद ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा 31 जुलाई 2021 तक लागू वर्ष 2020-21 की देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाये जाने का अनुमोदन दिया।
जहरीली शराब घटना के लिये विशेष जाँच दल गठित
भोपाल-राज्य शासन द्वारा मंदसौर जिले में कथित रूप से जहरीली शराब के सेवन से 6 व्यक्तियों की मृत्यु की घटना के समग्र पहलूओं की जाँच के लिये अपर मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता मेंविशेष जाँच दल गठित किया गया है।
जाँच दल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतर्कता जी.पी. सिंह एवं
पुलिस महानिरीक्षक रेल एम.एस. सिकरवार सदस्य बनाये गये है।
महासमुंद-मध्यप्रदेश इंदौर के प्रसिद्ध लघु कथाकार जितेन्द्र कुमार गुप्ता की लघु कथा जीने की वजह ,प्रजातंत्र व् सपनों की पीड़ा सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
जीने की वजह -“अरे रमिया, इस हालत में तू जा सकेगी काम पर?” गर्भवती रमिया को लाईट का गमला सिर पर रखते देखकर कमला ने चिन्ता से पूछा। कमला और रमिया एक ही गांव से थी और शहर में एक ही झोपड़ पट्टी में रहती थी। पति मजदुरी करते और ये दोनों बरातों में लाईट के जलते बल्बों वालें गमले सिर पर रखकर चलने का काम कर कमाकर घर चलाने में हाथ बंटाती थी।
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“देख, दो-तीन किलोमीटर चलना पड़ेगा, ऐसे में तू….. एक बार फिर सोच ले।” “सोचना क्या कमला! काम नहीं करूँगी,मैं नहीं चलूँगी तो पेट कैसे भरेगा? और ये जो मेरे अंदर है,मुझसे पहले ये चल बसेगा।” कहते हुए खुद को सम्भालती, दो पेट की आग बुझाने के लिये “मातृत्व” सिर पर आग उठा कर चल पड़ी।
सपनों की पीड़ा
“अरे ये क्या? ये तो वही है।” बारात में सिर पर लाईट का गमला उठाये चल रही गर्भवती कमली अचानक दुल्हे के रूप में मनीष को देख सकते में आ गई। उसे याद आ गया चार महिने पहले मनीष उसके गाँव आया था और वो उसकी मीठी-मीठी बाँतो के झांसे में आकर गलती कर बैठी थी। मनीष जल्दी ही आने का कहकर जो गया तो फिर न लौटा। जब पेट दिखने लगा तो गाँव वालों ने भी परिवार का जीना दूभर कर दिया।
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हारकर माँ बाप के साथ शहर में आकर पेट की खातिर वो शादीयों में खाना बनाने वाले लोगों के साथ काम करने लगी थी। अचानक दूल्हे के रूप में मनीष को घोड़ी पर आते देखकर उसकी पोल सबके सामने खोलने की ठान उसने कदम उठाया ही था कि दुल्हन पर उसकी नजर पड़ी । सुन्दर,मासूम, मुस्कुराता चेहरा। सुनहरे भविष्य के सुहाने सपने उसकी आँखों में तैर रहे थे। आखिर उसने कदम वापस खींच लिये। मासूम सपनों के उजड़ने की पीड़ा उससे बेहतर भला कौन समझ सकता था।
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प्रजातंत्र
चुनाव का समय था। राजा का चुनाव होना था ।”हमें कुछ कहना है!” दमित प्रजा का स्वर उठा ।” …….।” पुराने राजा ने घूरकर सबको देखा। वही राजा फिर चुन लिया गया । प्रजातंत्र की जीत अगले दिन की सुर्खियां थी।
परिचय
नाम :- जितेन्द्र कुमार गुप्ता
पिता का नाम:- स्व. श्रीरामचंन्द्र गुप्ता
जन्मस्थान :- मां रेवा के किनारे बसे गांव महेश्वर
शिक्षा:- विज्ञान स्नातक (गणित)
प्राथमिक शिक्षा महेश्वर में उच्च शिक्षा बुरहानपुर से
व्यवसाय :- श्रम मंत्रालय के अधीन विभाग में अधिकारी
लेखन कर्म :- कहानी ,कविता , गजल,. शे’र विशेष रूचि लघुकथा लेखन में । राजभाषा विभाग की “दिशा” और
“मालवा ज्योति” पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन , म.प्र.हिन्दी साहित्य समिति की मुख पत्रिका ” वीणा ” और “क्षितिज” में लघुकथाएं और कविताएं प्रकाशित , क्रांतिबोल समाचार पत्र में रचनायें , सोशल मिडिया के लघुकथाकार, लघुकथा के परिंदे, गागर में सागर, जिन्दगीनामा,…..और भी कई समुह में सक्रिय भागीदारी
प्रकाशन :-
लघुकथाओं का प्रथम महाविशेषांक “ लघुकथा कलश” में रचनायें ,साझा लघुकथा संग्रह….
“भाषा सहोदरी”,“सफ़र संवेदनाओं का” “आसपास से गुजरते हुए” “ दीप देहरी पर” अनाथ जीवन का दर्द”
में लघुकथायें प्रकाशित..।
साझा काव्य संग्रह “अभिव्यक्ति” काव्य करूणा“में रचनायें प्रकाशित।
दिल्ली-टोक्यो ओलिम्पिक में भारत के लिए पहला रजत पदक जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा का कल शाम स्वदेश लौटने पर शानदार स्वागत किया गया। चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग भारत्तोलन में रजत पदक जीता है।
युवा कार्य और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने निवास पर मीराबाई चानू और उनके कोच का स्वागत किया। विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल तथा युवा कार्य और खेल राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने भी चानू और उनके कोच का सम्मान किया।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मीराबाई चानू की जीत उन सभी भारतीयों की जीत है, जो तोक्यो में राष्ट्रध्वज लहराता देखकर गौरव से रोमांचित हो उठे। उन्होंने कहा कि ओलिम्पिक इतिहास में पहली बार उद्घाटन दिवस पर किसी भारतीय ने पदक जीता है।
पदक विजेता मीराबाई चानू ने कहा कि वे सरकार के सहयोग और समर्थन की आभारी हैं, इसके बिना ओलिम्पिक पदक तक की यात्रा सम्भव नहीं होती। चानू ने कहा कि वे अपना पदक पूरे देश और उन लोगों को समर्पित करना चाहती हैं, जिन्होंने उनके लिए शुभकामनाएं कीं।
विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मीराबाई ने देश को जो सम्मान दिलाया है वह उनके वर्षों के धैर्य, समर्पण और कठोर परिश्रम का प्रतिफल है। रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के लिए भारोत्तोलक मीराबाई चानू को सम्मानित किया,2 करोड़ रुपये और पदोन्नति की घोषणा की है ।
दिल्ली-भारत को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि मिली है तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले के पालमपेट में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है इसको यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय आज यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में लिया गया। रामप्पा मंदिर, 13 वीं शताब्दी के अनुपम स्थापत्य कला का प्रतीक है जिसका नाम इसके वास्तुकार, रामप्पा के नाम पर रखा गया था। इस मंदिर को सरकार द्वारा वर्ष 2019 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में एकमात्र नामांकन के लिए प्रस्तावित किया गया था।
यूनेस्को ने आज एक ट्वीट में इस बात की घोषणा की यूनेस्को द्वारा रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने लोगों से इस राजसी मंदिर परिसर की यात्रा करने और इसकी भव्यता का साक्षात अनुभव प्राप्त करने का भी आग्रह किया। सभी को बधाई, खासकर तेलंगाना के लोगों को।
केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अपने ट्वीट में लिखाहै कि मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि @UNESCO ने पालमपेट, वारंगल, तेलंगाना में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान किया है। संपूर्ण राष्ट्र की ओर से, विशेष रूप से तेलंगाना के लोगों की ओर से, मैं प्रधानमंत्री @narendramodi के प्रति उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
रुद्रेश्वर रामप्पा मंदिर की जानकारी
रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था। यहां के स्थापित देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं। 40 वर्षों तक मंदिर निर्माण करने वाले एक मूर्तिकार के नाम पर इसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
काकतीयों के मंदिर परिसरों की विशिष्ट शैली, तकनीक और सजावट काकतीय मूर्तिकला के प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं। रामप्पा मंदिर इसकी अभिव्यक्ति है और बार-बार काकतीयों की रचनात्मक प्रतिभा का प्रमाण प्रस्तुत करती है।
मंदिर छह फुट ऊंचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है, जिसमें दीवारों,
स्तंभों और छतों पर जटिल नक्काशी से सजावट की गई है,
जो काकतीय मूर्तिकारों के अद्वितीय कौशल को प्रमाणित करती है।
समयानुरूप विशिष्ट मूर्तिकला व सजावट और काकतीय
साम्राज्य का एक उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य है।
मंदिर परिसरों से लेकर प्रवेश द्वारों तक काकतीयों की विशिष्ट शैली,
जो इस क्षेत्र के लिए अद्वितीय है, दक्षिण भारत में मंदिर और शहर के
प्रवेश द्वारों में सौंदर्यशास्त्र के अत्यधिक विकसित स्वरूप की पुष्टि करती है।
रायपुर-नगर पालिका परिषद मुंगेली में वित्तीय अनियमियता के कारण के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, उप अभियंता,लेखापाल व् सहायक राजस्व निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है अध्यक्ष को कारण बताओं सूचना जारी करते हुए प्रकरण की जांच और दोषियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए कलेक्टर मुंगेली को पत्र प्रेषित किया गया हैं।
नगर पालिका परिषद मुंगेली अंतर्गत परमहंस वार्ड में 300 मीटर नाली निर्माण किए बिना ही ठेकेदार को 13 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किए जाने के मामले को नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने गंभीरता से लिया है। प्रकरण के संज्ञान में आते ही मंत्री ने नगर पालिका परिषद मुंगेली के मुख्य नगर पालिका अधिकारी विकास पाटले, उप अभियंता जोयस तिग्गा, लेखापाल आनंद निषाद, सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले में नगर पालिका परिषद मुंगेली अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को कारण बताओं सूचना जारी करने के साथ ही सम्पूर्ण प्रकरण की जांच और दोषियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने कलेक्टर मुंगेली को पत्र प्रेषित किया गया हैं।
गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद मुंगेली अंतर्गत परमहंस वार्ड में होरीलाल शर्मा के घर से गार्डन की बाउण्ड्रीवाल होते हुए स्टेडियम तक 300 मीटर नाली निर्माण कार्य होना नहीं पाया गया, तथा मेसर्स सोफिया कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर अकलतरा जिला जांजगीर-चांपा को बिना कार्य कराए, उक्त कार्य हेतु राशि 13,21,818 रुपए का भुगतान कर दिया गया है।
बलौदाबाजार-राज्य शासन ने आगामी 2 अगस्त से फिर से स्कूल शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बच्चों की चहल-पहल से एक लंबे अंतराल के बाद फिर से स्कूलों में रौनक लौटेगी। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने राज्य शासन की मंशा के अनुरूप जिला शिक्षा अधिकारी को कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए स्कूल खुलवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में जारी विस्तृत दिशा-निर्देश अनुसार स्कूलें तभी खोली जाएंगी जब जिले में कोरोना पॉजिटिव रेट सात दिनों तक लगातार एक प्रतिशत से कम होगा। हाई तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में केवल 10 वीं तथा 12 वीं की कक्षाएं प्रारंभ की जावेगी। कक्षा 1ली से 8 वीं तक की कक्षाएं तभी खोली जाएंगी जब शाला पालक समिति लिखित में सहमति देंगी। यह सहमति ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत के द्वारा तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड के पार्षद द्वारा भी लिखित में देनी होगी । यह प्रक्रिया 2 अगस्त के पूर्व पूरी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु यह भी आवश्यक होगा कि स्कूल को सेनेटाइजड कर स्वच्छ रखा जाए। कक्षा की कुल दर्ज संख्या के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को एक दिन के अंतराल में स्कूल बुलाया जावेगा। बच्चों का बुखार चेक करने,सर्दी खांसी का ध्यान रखने की व्यवस्था शाला में करनी होगी। शाला में उन्ही छात्रों और शिक्षकों को आने की अनुमति दी जावेगी जिन्हें सर्दी खांसी बुखार न हो। शाला में रहते हुए सभी को आपस मे पर्याप्त दूरी बना कर रखना होगा। कक्षा में प्रवेश से पूर्व सभी को हाथ धोना अथवा हाथों को सेनेटाइज करना होगा। शाला में मास्क का उपयोग पूरे समय करना होगा।
महासमुंद- महिलाओं के उत्थान से ही समाज का समुचित विकास होगा। इसे ध्यान में रखते हुए भूपेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने सहित आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव पहल की जा रही है। महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए उन्हें विभिन्न गतिविधियों और उद्यमों से लगातार जोड़ा जा रहा है। जिससे महिलाएं लाभान्वित भी हो रही है। उन्होंने कहा कि निदान हर्बल हाईजेनिक सेंटर से जुड़कर महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगीं। उक्त बाते संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने निदान हर्बल हाईजेनिक सेंटर के शुभारम्भ के दौरान कही।
उन्होंने कहा आगे कहा कि निदान हर्बल हाईजेनिक सेंटर से जुड़कर महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगीं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने जीवन-यापन के अवसर उपलब्ध कराने में यह केंद्र महत्वपूर्ण साबित होंगे।
ग्राम बेंद्रीडीह में निदान हर्बल हाईजेनिक सेंटर का शुभांरभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि संसदीय सचिव अध्यक्षता जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल,विशेष अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य अमर चंद्राकर, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष त्रिलोकी राधेश्याम ध्रुव, जनपद सदस्य रमाकांत ध्रुव, अरूण चंद्राकर, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष ढेलु निषाद मौजूद थे।
महासमुंद-आज जनहित में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तबियत खराब होने के बावजूद अंकित बागबाहरा बागबाहरा में शासकीय जमीनों पर हो रहे बेतहाशा कब्जे व अवैध निर्माण व उसकी अवैधानिक बिक्री के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे । अंकित ने कहा कांग्रेस पार्टी,भूपेश बघेल और मैं किसानों को बीमा से लेकर हर प्रकार का उनका हक दिलाने में लगे हुए है, और प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पुख्ता रूप से भाजपा से जुड़े भाजपा नेताओं द्वारा जंगल और जमीन में कब्जा करने में लगे है । वैसे भाजपा के लोग करोड़ों की जमीन का हेर-फेर पिथौरा से सीख कर अब बड़े पैमाने में बागबाहरा में कर रहे है ।
अंकित बागबाहरा ने जिलाधीश को सौपें अपने अंतिम ज्ञापन में यह मांग की है कि-
1.इस कब्जे करवाने के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्यवाही कब होगी? 2. अवैध कब्जे को कब तोड़ा जाएगा? 3.कब्जा धारियों के खिलाफ न्यायिक /आपराधिक प्रकरण कब दर्ज होगा? क्योकि इन्होंने 420 कर शासकीय जमीन कब्जा किया है, अवैधानिक निर्माण किया है और जमीन को भी बेचा है ।
4.सम्पूर्ण दोनों जमीन खसरा नंबर बड़े झाड़ का जंगल 141/1कुल 20 एकड़ व आबादी भूमि 1/388 कुल शेष बची लगभग 5 एकड़. का नाप जोख मेरी उपस्तिथि में करवा चिन्हांकित कर सुरक्षित कब किया जाएगा? 5. वार्ड क्रमांक 2 में कब्जे धारियों को लाभ पहुंचाने लायी जा रही पौनी पसारी योजना के जगह चयन को स्थगित करना व उस समस्त शासकीय जमीन को नाप जोख कर सुरक्षित कर अपने कब्जे में शासन कब लेगा?
6. दोनों जमीनों पर तत्काल कार्यवाही पश्चात पूरे बागबाहरा नगर में खाली पड़ी व खंबे गड़ाये शासकीय जमीनों को सुरक्षित व संरक्षित करने तत्काल कार्य योजना बना कार्यवाही कब तक की जावेगी? 7.बागबाहरा वार्ड नम्बर 11 के बाजार का नाम गरीबों के मिट्टीतेल चोरी/अफरातफरी में संलग्न व्यक्ति के नाम पर रखने की कोशिश चल रही है क्या ये जायज है कि परिषद ऐसा कोई असंवैधानिक फैसला ले किसी दो नम्बरीया को उपकृत करे,बल्कि बाजार का नाम शासकीय नियमानुसार उसी मोहल्ले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ताम्रपत्र प्राप्त सिक्ख समाज के व्यक्ति के नाम पर रखा जाय ।
महासमुंद-बागबाहरा विकासखंड के ग्राम पंचायत पचेडा के ग्रामवासी आबादी क्षेत्र के नजदीक 40 एकड़ जमीन में बन रहे हेचरी फ़ार्म निर्माण के लिए जारी एनओसी को निरस्त कर निर्माण कार्य को बंद करने के लिए कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर अपर कलेक्टर सीमा बंसल को ज्ञापन सौपा है ।
सौंपा गए ज्ञापन में लेख है कि ग्राम पचेड़ा के आबादी क्षेत्र हायर सेकेंडरी स्कूल पचेड़ा ग्राम पंचायत मामा भाचा से क्रमशः 500-500 मीटर से भी कम दूरी पर लगभग 40-50 एकड़ जमीन पर विहार हैचरी फार्म का निर्माण हेतु कार्य प्रगति पर है।
ग्राम पंचायत पचेड़ा के पदाधिकारियों द्वारा गुप्त एवं अनाधिकृत रूप से एनओसी सरीन हैचरी फार्म के लिए जारी किया गया है इस पर ग्राम वासियों को पूर्णता आपत्ति है जो निरस्त करने योग्य है । उक्त हेचरी फ़ार्म के बनने से ग्राम पचेड़ा व मामा भाचा के ग्रामीणों में प्रदूषण व बदबू के कारण विभिन्न प्रकार के आक्रामक बीमारी होने का खतरा है ।
निर्माणाधीन हेचरी फ़ार्म के किनारे दोनों और गांव में आने जाने का मुख्य मार्ग है,मामा भाचा के स्कुलीय बच्चे इसी मार्ग से स्कूल आते जाते हैं। मुर्गियों में होने वाली संक्रामक बीमारी से छात्रों व राहगीरों को परेशानी होगी साथ ही उक्त निर्माणाधीन जगह की पानी बहकर निस्तारित तालाब में प्रवाहित होती है इससे भविष्य में तालाब का पानी पूरी तरह से होगा ।