भोपाल-उमरिया जिले के नौरोजाबाद नगर में निवासरत मध्यमवर्गीय परिवार के अनाथ हुए भाई-बहन के सपनों को अब मध्यप्रदेश की सरकार पूरा करेंगी। लगभग एक वर्ष पूर्व बच्चों की माँ का निधन हो गया था। वैश्विक महामारी कोरोना ने बच्चों के पिता का साया भी छीन लिया। ऐसी स्थिति में कक्षा 6 में पढ़ने वाली बालिका शिवाली और कक्षा 5 में पढ़ रहे आलोक के जीवन में अंधकार छा गया।
कोविड के कारण कमाई करने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों को भी मिलेगी मदद
संवेदनशील सरकार के संवेदनशील नेतृत्व ने इस विषम स्थिति से बच्चों को बचाने और उनका भविष्य सँवारने के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना शुरू की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि आपातकालीन स्थितियों में बच्चों को बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने ऐसे मासूम बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी उठाई है, जिनके माता-पिता की असामयिक मृत्यु कोरोना काल में हो गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे बेसहारा बच्चों को 24 वर्ष तक की उम्र होने तक हर माह 5 हजार रूपये आर्थिक सहायता, नि:शुल्क राशन और बच्चों की शिक्षा तक की व्यवस्था की गई है।
कोविड -19 से माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मिलेगा PM CARES से सहायता
शिवाली और आलोक भी ऐसे ही दो बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी का बीड़ा राज्य सरकार ने उठाया है। दोनों बच्चों का कहना है कि माँ अर्चना रॉय और पिता संजीव राय ने जो सपने उनके लिये देखे थे अब उन सपनों को मामा शिवराज सिंह चौहान के सहयोग से पूरा करेंगे। इसमें प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना सहयोगी बनेगी। शिवाली ने बताया कि पढ़-लिख कर वह डॉक्टर बनेगी और समाज की सेवा करेंगी ताकि कोई दूसरा परिवार विपरीत परिस्थिति में बिखरने न पाए। वहीं आलोक का कहना है कि मैं साइंटिस्ट बनकर अपनी माँ का सपना पूरा करना चाहता हूँ।
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