महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय मंत्री नितिन राउत का कहना है कि बीड और उस्मानाबाद की हजारों महिला गन्ना मजदूरों की गर्भाशय निकालने की सर्जरी हुई है. यह दुखद है क्योंकि उन्होंने कुछ दिनों की मजदूरी हानि से बचने के लिए ऐसा किया. मैंने सीएम से उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए पत्र लिखकर अनुरोध किया है इस मामले में सरकार निश्चित रूप से इसका समाधान निकालेगी.
ज्ञात हो कि मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़ी संख्या में गन्ना श्रमिक हैं जिनमें खासी संख्या महिलाओं की है. माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं. काम से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है. ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े. मंत्री राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 25,000 है.
इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जायें तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है. राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश देंने की बात कही है.
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