भोपाल-प्रदेश में माफियाओं के विरुद्ध चल रही कार्यवाही में एसटीएफ (वन्य-प्राणी) को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। थाईलैण्ड पुलिस से अंतर्राष्ट्रीय वन्य-जीव तस्कर मनीवन्नम मुरुगेशन के प्रत्यर्पण का प्रस्ताव भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को प्राप्त हुआ है।
उप वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) रजनीश कुमार सिंह ने बताया है कि अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मुरुगेशन की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है। मुरुगेशन को 27 अगस्त, 2012 को तकरीबन 900 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के साथ बैंकाक एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था, पर तब वह गैर-कानूनी तरीके से छूटने में कामयाब हो गया था।
उप वन संरक्षक सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश एसटीएफ द्वारा इंटरपोल से मनीवन्नम मुरुगेशन के विरुद्ध थाईलैण्ड एवं अन्य देशों में आपराधिक रिकार्ड संबंधी जानकारी माँगी गयी थी। इसी दिशा में इंटरपोल द्वारा प्रभावी कार्यवाही करते हुए उससे संबंधित सभी दस्तावेज साझा किये गये।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के वन विभाग की एसटीएफ टीम ने मुरुगेशन को 30 जनवरी, 2018 को चैन्नई से गिरफ्तार कर सागर में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था। तभी से आज दिनांक तक सागर जेल में बंद है। उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा चार बार और सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा दो बार जमानत याचिका खारिज की जा चुकी हैं।
इंटरपोल, अन्य देशों की कानून प्रवर्तन संस्थाओं और भारत के वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, अन्य राज्यों की पुलिस सहित वन विभाग को लम्बे समय से इसकी तलाश थी। दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तरस्करी में मुरुगेशन का नाम विश्व में तीसरे नम्बर पर था।
सिंगापुर के रहवासी मुरुगेशन का अवैध व्यापार सिंगापुर सहित
थाईलैण्ड, मलेशिया, मकाऊ, हांगकांग, चीन और मेडागास्कर में फैला है।
रायपुर-मतदाता का मोबाइल नंबर यदि मतदाता सूची में एपिक के साथ दर्ज है तो कुछ स्टेप्स के माध्यम से मतदाता ई-इपिक कर इसे डाउनलोड कर सकते हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी रायपुर ने बताया कि इसके लिए सबसे पहले https://nvsp.in पर जाये एवं खुद को मोबाइल नंबर अथवा एपिक के माध्यम से रजिस्टर कर यूजर आईडी एवं पासवर्ड की सहायता से लॉग इन करें। पूर्व से रजिस्टर होने की दशा में सीधे यूजर आईडी एवं पासवर्ड की सहायता से लॉग इन कर सकते हैं।
लॉग इन करने के पश्चात पेज के आप्शन डाॅउनलोड ई-इपिक ( e-EPIC ) पर क्लिक करें। इसके बाद पेज ओपन होगा जहां पर अपना एपिक नंबर एवं राज्य सेलेक्ट कर डाटा सर्च करना है। डाटा सर्च होने एवं मोबाइल नंबर पूर्व से दर्ज होने पर सेण्ट ओटीपी का आप्शन आएगा जिस पर क्लिक कर रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आयेगा। इसके वेरीफाई करने पर आप अपना डिजिटल वोटर आईडी ई-एपिक डाउनलोड कर सकते हैं।
यदि आपका मोबाइल नंबर मतदाता सूची में एपिक के साथ दर्ज नहीं है तो निम्नानुसार ज्ञल्ब् स्टेप्स के माध्यम से आप अपना मोबाइल एपिक के साथ लिंक कर ई-एपिक डाउनलोड कर सकते है। इसके लिए सर्वप्रथम सबसे पहले https://nvsp.in पर जाये एवं खुद को मोबाइल नंबर अथवा एपिक के माध्यम से रजिस्टर कर यूजर आईडी एवं पासवर्ड की सहायता से लॉग इन कर ज्ञल्ब् आप्शन पर जाए अथवा https://kyc.eci.gov.in पर जाये।
अपना एपिक नंबर डाले एवं फेस मैचिंग पास करने के
पश्चात अपना मोबाइल नंबर एपिक के साथ अपडेट करें।
मोबाइल अपडेट करने के पश्चात उपरोक्तानुसार स्टेप्स से ई-एपिक डाउनलोड कर सकते हैं।
माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) कहा जाता है। इस दिन महिलायें व्रत रखती हैं। माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी 31 जनवरी को होगी। गणेश मंत्र का जप करते हुए 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करनी चाहिए ओर यह मंत्र का जाप करते रहना चाहिए “ॐ गं गणपतये नमः” साथ ही भगवान गणेश जी को बूंदी ओर तिल के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए।
इस दिन माताएं गणेश जी की पूजा कर भगवान को भोग लगाकर कथा सुनती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही गणेश जी का व्रत संपन्न होता है। इस दिन देश के कई हिस्सों में तिलकूट का पहाड़ बनाकर उसको भी काटे जाने का रिवाज है। सकट चौथ के दिन गणेश जी के संकटमोचन स्तोत्र का पाठ करना भी अच्छा माना जाता है।
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चंद्रमा देखने पर अर्घ्य देती हैं और पूजा करती हैं। इस दौरान छोटा सा हवन कुंड तैयार किया जाता है। हवन कुंड की परिक्रमा करके महिलाएं चंद्रदेव के दर्शन करती हैं और अपने बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।(साभार सोशल मीडिया)
महासमुंद – कोरोना ने हर तरफ कहर ढाया, रोज कमानें वालें लोगों को रोजी-रोटी की समस्या भी हुई। महासमुन्द के रोज कमानें वालें लोग भी इससे अछूते नहीं रहें। उनमें से एक फुटकर आलू-प्याज विक्रेता राजकुमार टण्डन को भी कोरोना कोविड-19 की मार छेलनी पड़ी। दुकान बंद और बिक्री भी कम थी। स्थानीय व्यापारी भी उधारी में आलू-प्याज देनें में आनाकानी कर रहें थे।
माॅ और दो बेटों का भार भी उसी के कंधों पर था। उनकी पत्नी की मृत्यु लगभग 16 साल पहले हो गई थी। चार लोगों के जीवन-यापन का साधन, बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, माॅ की ईलाज आदि का खर्चा उठानें में काफी दिक्कत हो रही थी। इस काल में उसके दुःखों पर मरहम लगानें वाला कोई नहीं था। कभी शून्य को ताकता तो कभी सूनी गलियों को निहारता। कोरोना संक्रमण के चलतें उसकी सब्जी की दुकान भी प्रभावित हुई। रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न होने लगी। राज्य शासन द्वारा कराए जा रहें राशन का ही सहारा था। उसी से गुजर-बसर हो रही थी।
शासन की पथ विक्रताओं के लिए चलाए जा रही योजना राजकुमार के लिए इस विपत्ति में सहारा बनी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत् राजकुमार ने नगरपालिका महासमुन्द जाकर आनलाईन फाॅर्म भरा एवं उसे एसबीआई से 10,000 रूपए का ऋण मिला। राशि मिलते ही उन्होंने अपनी आलू-प्याज की दुकान पुनः शुरू की और अब उनकी दुकान आलू-प्याज की पर्याप्त मात्रा है।
दिल्ली-केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय रेलवे ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल सेवा शुरू कर दी है। यह मल्टी-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/कंसाइनी, मल्टी-लोडिंग/अनलोडिंग परिवहन सेवा है, जिसका उद्देश्य किसानों को बड़े स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराना है।
किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केन्द्रों को बाज़ार और उपभोक्ता केन्द्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है। भारतीय रेलवे किसान रेल सेवा को औपचारिक रूप से शुरू करने की योजना बनाने के लिए कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। डिमांड संबंधी रुझान और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवा संचालित करना शुरू कर दिया है।
पहली किसान रेल सेवा को 07 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। इन किसान रेल गाड़ियों को निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार संचालित किया जाता है, और रास्ते में आने वाली किसी बाधा या देरी से बचाने के लिए इनकी समय की पाबंदी के पैमाने पर कड़ी निगरानी की जाती है। अब तक 18 रूटों पर इन सेवाओं की शुरुआत की जा चुकी है। 22 जनवरी 2021 तक 157 किसान रेल सेवाएं संचालित की जा चुकी हैं, जो 49000 टन से अधिक माल की ढुलाई कर रही हैं। अब तक जिन रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, वे रूट निम्नलिखित हैं:
1 देवलाली से दानापुर (अब संगोला से मुज़फ्फरपुर) 07-08-2020 2 अनंतरपुर से आदर्श नगर, दिल्ली 09-09-2020 3 यशवंतपुर से निज़ामुद्दीन 19-09-2020 4 नागपुर से आदर्श नगर, दिल्ली 14-10-2020 5 छिंदवाड़ा से हावड़ा/न्यू तिनसुकिया 28-10-2020 6 संगोला से हावड़ा (सिकंदराबाद के रास्ते) 29-10-2020 7 संगोला से शालीमार 21-11-2020 8 इंदौर से न्यू गुवाहाटी 24-11-2020 9 रतलाम से न्यू गुवाहाटी 05-12-2020 10 इंदौर से अगरतला 27-12-2020 11 जालंधर से जिरानिया 31-12-2020 12 नागरसोल से न्यू गुवाहाटी 05-01-2021 13 नागरसोल से चितपुर 07-01-2021 14 नागरसोल से न्यू जलपाईगुड़ी 10-01-2021 15 नागरसोल से नौगचिया 11-01-2021 16 नागरसौल से फतुहा 13-01-2021 17 नौगरसौल से बैहाटा 19-01-2021 18 नागरसौल से मालदा टाउन
रेलवे भण्डार (पार्सल वैन) का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इन सेवाओं के बेहतर उपयोग की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। मुख्य रूप से जिन वस्तुओं को रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है, उनमें प्याज़, टमाटर, संतरा, आलू, अनार, केला, शरीफा, गाजर, शिमला मिर्च और अन्य सब्ज़ियां शामिल हैं।
भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देशानुसार उपभोक्ताओं को निर्बाध गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति एवं बेहतर उपभोक्ता सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक मिसाल कायम की है। देश की सभी शासकीय, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसने कंपनी कार्यक्षेत्र के उपभोक्ताओं को शिकायतें दर्ज कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित वॉइसबोट की सुविधा उपलब्ध कराई है।
कंपनी कार्यक्षेत्र के उपभोक्ता अपनी बिजली आपूर्ति से संबंधित, वितरण ट्रांसफार्मर से संबंधित तथा बिजली बिल से संबंधित सभी प्रकार की शिकायतें काल सेंटर नंबर 1912 पर अप्रत्यक्ष टेलीकॉलर (वॉइसबोट सुविधा) के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं। उपभोक्ता कॉल सेन्टर नंबर 1912 पर कॉल लगाकर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह व्यवस्था कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए लागू कर दी गई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्य क्षेत्र कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
कंपनी के महाप्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी)अभिषेक मार्तण्ड ने बताया है कि सूचना प्रौद्योगिकी अनुभाग द्वारा ‘‘निष्ठा‘‘ टेलीकालर को क्षेत्रीय भाषाओं के अनुसार भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने की दक्षता को विकसित किया जा रहा है। इस व्यवस्था से काल सेंटर में 150 काल के स्थान पर समानांतर 300 कॉल पर प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी। व्यस्त कार्यसमयावधि के दौरान भी शिकायत दर्ज करने में लगने वाले समय में कटौती होगी तथा तत्परता से निष्पादन संभव होगा।
वॉइसबोट (Voicebot) सुविधा क्या है
वॉइसबोट एक अप्रत्यक्ष टेलीकॉलर है जो कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है। कंपनी द्वारा इस अप्रत्यक्ष टेलीकॉलर को ‘‘निष्ठा‘‘ नाम दिया गया है।
निष्ठा टेलीकॉलर शिकायतकर्ता के सवाल को प्राकृतिक
भाषा प्रसंस्करण तकनीक के माध्यम से समझता है
एवं उपभोक्ता द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर अपनी प्रतिक्रिया
व्यक्त करता है। उपभोक्ता द्वारा दी गई सीमित जानकारी के आधार पर
उपभोक्ता को एक आरामदायक एवं सुविधाजनक वातावरण प्रदान कर शिकायत को दर्ज करता है।
महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कथाए- नैतिक मूल्य,स्वयंसिद्धा,गड्ढे व् ईमानदार नागरिक सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
नैतिक मूल्य हमारे एक मित्र गिरते हुए नैतिक मूल्यों के प्रति चिंतित है। मुझसे कहने लगे-“आजादी के बाद नैतिक मूल्यों में कितनी गिरावट आ गयी है!कल कचहरी गया था।मुझे अपनी जमीन की नकल लेनी थी।पटवारी ने कहा-अभी नक्शा कम्प्यूटर सेक्शन मे गया है।वहां से आ जायेगा तो आपको नकल बना दूंगा।”
मैंने पूछा-“,कब तक आयेगा?”
पटवारी ने कहा-” भई सरकारी कम्प्यूटर है,इसलिये कितना समय लगेगा।यह मैं नहीं बता सकता।” फिर मित्र ने आगे बताया कि मैंने पटवारी से कहा,कि मुझे मकान बनवाने के लिये बैंक से कर्ज लेना है……बिना नक्शे के यह संभव नहीं होगा,इसलिये और कोई रास्ता हो तो बताये। पटवारी ने रास्ता बता दिया और मैनें उसे तीन सौ रूपये नक्शा बनवाने हेतू दे दिया। कहने का मतलब यह था कि पटवारी स्तर के सरकारी कर्मचारियों के नैतिक पतन का मूल्य तीन सौ रूपया है।
इसके बाद और भी राजस्व विभाग के कई अफसर है,जिनके नैतिक मूल्य गिरे है।फिर उन्होंने लगभग सभी सरकारी विभागों मे गिरते हुए नैतिक मूल्यों की विस्तृत चर्चा की। कुछ दिनो के बाद मुझे अपने भाई साहब के नये निवास मे टेलीफोन लगवाना था।पता चला वे मित्र ही यह सैक्शन देखते है।मैं प्रसन्न हो गया।मैने आवेदन भर कर उन्हें दियाऔर कहा कि भाई साहब के मकान का गृहप्रवेश एक सप्ताह बाद है।मैं चाहता हूँ।गृहप्रवेश के पूर्व फोन लग जाये।
मित्र बोले,-“यह तो अत्यंत खुशी की बात है.पर,अभी सर्किल वाले ने ईंस्टु्मैंट की सप्लाई रोक दी है।आ जायेंगे तो सबसे पहले आपके नये घर में लग जायेगा।” मैंने,पूछा,-“कितने दिन लग जायेंगे। वह बोले,-सरकारी काम है..कितने दिन लग जायेंगे यह बताना मुश्किल है।”
मैने कहा,-“और कोई विकल्प?” वह बोले.,”बडे साहब से बात करनी होगी।” मैने हँसते हुए पूछा,-“बडे साहब के नैतिक मूल्य किस रेट तक गिरे है?” वह बोले,-“आप हमारे मित्र है,आपसे ज्यादा थोड़े ही लेंगे।”
स्वयंसिद्धा
बहुत धार्मिक सुखी परिवार था।स्वयं का बिजनेस था।बेटी का ब्याह हो गया था।एक प्यारा सा नाती भी था।अब बेटे के रिश्ते की बातचीत चल रही थी।बेटा इंजीनियर था।स्वयं के बिजनेस में हाथ बटा रहा था।
उन्हें एक घरेलू वधु की तलाश थी।जो घर के रीति रिवाज और परंपरा को संभाल सके। एक रिश्तेदार ने एक बहुत कुलीन घर का रिश्ता सुझाया।पति पत्नि और दो बेटियाँ।सामान्य परिवार।बडी रीना गोवरमेंट जाब में थी।छोटी पढ़ रही थी।
इस रिश्ते में एक हिचक यह थी कि बच्ची सरकारी नौकरी में थी। एक शुभ मुहुर्त में दोनों परिवार का मिलन हुआ।वघुपक्ष के लोगों को वर और घर दोनों पसंद आये।क्यों न आते।इश्वर का दिया सब कुछ था। मध्यस्थता कर रहे रिश्तेदार के घर में लडकी देखने का कार्यक्रम बना।सुंदर और सलीकेदार।पहली नजर में ही बात बन गयी।
लड़का,लड़की आपस में मिले।अब प्रश्न उठा सर्विस बाबत।रीना से सवाल पूछा गया।तो बहुत ही सटीक शब्दों में उसने कहा-“देखिये,मैंने अपनी मेहनत से यह जाब हासिल की।मेरे परिवार को अभी मेरी जरूरत है।माता पिता की देखभाल और छोटी बहन की परवरिश सब मेरे कँधों पर है।
अगर आप सब मुझे स्वीकार करते है तो कृपया मुझे जाब करने दे।मैं दोनों परिवारों की जिम्मेदारी सँभालना चाहती हूँ।हाँ एक वचन देती हूँ।दोनों परिवार की मान मर्यादा और सँस्कार का पूरी निष्ठा से पालन करूँगी।
सुबह घर का सारा काम निबटा कर दस बजे आफिस जाऊँगी।शाम दिया बत्ती से पूर्व घर लौट आऊँगी। होने वाली सास ने अपने गले का हार रीना के गले में पहना दिया और उसे गले से लगा लिया। उपस्थित सभी ने तालियों की गड़गडाहट से इस रिश्ते को मंजूरी दी।
गड्ढ़े-
-“सर,मुख्य मार्ग की सडक पर फिर गड्ढे हो गये है।कोई बडे टा्ंसपोर्टर के वाहन ने नुकसान पहुंँचाया है”।
मातहत ने निरीक्षण के दौरान अफसर से कहा-
-“हो जाने दो भा ई,फिर से भरवा देंगे।सरकार ने लोककर्म विभाग को इसी कार्य के लिये बनाया है”।
“फिर यह भी सोचो कि गड्ढे नहीं होंगे तो हमारे विभाग की क्या जरुरत?”
फिर वे अपने मातहत के कान के पास फुसफुसाये-“अरे भ ई .यह सब तो चलता रहता है।और यह समझ लो कि जब तक ये गड्ढे है, तबतक हमारे -तुम्हारे बाल बच्चों के पेट के गड्ढे भरते रहेंगे।”
“आज ही रिपोर्ट तैयार कर टैंडर निकाल दो।”
ईमानदार नागरिक
प्रायः मुझे हर दूसरे दिन बस से शहर जाना होता था।
बहुत पहले की बात है,तब किराया होता था,तीन रूपये चालीस पैसे।परिवाहन निगम की टिकीट खिडकी पर जो आदमी बैठता था,वह मुझे साठ पैसे कभी नहीं लौटाता था।वह हर बार कहता,चिल्हर नहीं है।या झल्लाता चिल्हर लेकर आओ।मेरी तरह दूसरे यात्रियों से भी वह इसी तरह से व्यवहार करता।इस तरह शाम तक वह पंद्रह बीस रूपये बना देता।उन दिनो इतने पैसे का भी बडा महत्व था।तब वेतन 260रुपये हुआ करता था।
मैं जानता था कि उसका यह कार्य अनुचित है,लेकिन मैंनै कभी चिल्हर पैसे नहीं मांगे।मैं अक्सर दस रूपये की नोट देता और वह मुझे छह रूपये लौटाता।
यह क्रम बना रहा।आज मैने संयोग से उसे पांच रूपये का नोट दिया।उसने मुझे टिकीट दिया और छह रूपये वापस किये।मै विन्डो पर ही खडा रहा। उसने मेरी तरफ देखा और आदतन झल्ला कर कहा, -“छुट्टे पैसे नहीं है।आपको पैसों का इतना ही मोह है तो खुले पैसे लाया करे…।चलिए भीड मत बढाईये।आगे बढिये।”
मैंने कहा -“,बाबूसाहब सुन तो लिजिये,मैंनै पांच रूपये का नोट दिया था …. आपने मुझे ज्यादा लौटा दिये..।” वह बोला,-“ज्यादा लौटा दिये है तो देश के ईमानदार नागरिक की तरह वापस कर दिजिये…. दूसरोँ के पैसे पर नियत खराब करना अच्छी बात नहीं है।” मैंनै पांच रूपये वापस कर दिये।उसने उसे मेज की दराज मे डाला और दूसरे यात्री का टिकीट काटने लगा।
महासमुंद-कलेक्टर डोमन सिंह ने धान खरीदी की आखिरी दिन जिले के चार धान खरीदी केन्द्रों कनेकेरा, खट्टी, तुमगांव और पटेवा का औचक निरीक्षण कर धान खरीदी व उठाव की जमीनी हकीकत देखी। उन्होंने असामयिक बारिश को देखते हुए धान की सुरक्षित रख-रखाव और बचाव के सभी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने बेमौसम बारिश के कारण धान खराब न हो इसे ढकने के लिए तिरपाल, पन्नी आदि के पुख्ता इंतजाम किया जाये।
उन्होंने उपरोक्त सभी केन्द्रों पर अब तक की धान खरीद और उठाव और भुगतान की भी जानकारी ली। अधिकांश केन्द्रों पर धान खरीदी निर्धारित लक्ष्य से करीब बताई गई। कलेक्टर सिंह ने आज सबेरे-सबेरे जिल के सभी एसडीएम, खरीदी केन्द्र के लिए नियुक्त जिला नोडल अधिकारियों को असामयिक बारिश को देखते हुए जिले के सभी धान उपार्जन केन्द्रों में भंडारित धान की सुरक्षित रख-रखाव और बचाव के संबंध में सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर डोमन सिंह को पटेवा धान उपार्जन केन्द्र में बताया गया कि यहां धान की पूरी खरीदी की जा चुकी है। उठाव भी किया जा रहा है। कलेक्टर ने धान खरीदी में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने धान बेचनें आए किसानों से भी बातचीत की और भुगतान के संबंध में भी जानकारी ली। नवागांव के किसान मोहन ध्रुव ने बताया कि उन्होंने 64 क्विंटल धान बेचा है। पिछली बार भी लगभग इतना ही धान बेचा था, उन्हें बेचें गए धान का भुगतान हो चुका है।
महासमुंद-विशेष सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ सी. आर. प्रसन्ना ने जिले के निर्माणाधीन वायरोलॉजी लैब, जिला चिकित्सालय, नए मेडिकल कॉलेज के लिए अधिग्रहित भवन जी.एन.एम.नर्सिंग कॉलेज तथा एम पी डब्ल्यू कॉलेज का निरीक्षण किया। वायरोलॉजी लैब से उत्पादित होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट के उचित निपटान की सुरक्षित व्यवस्था की जाए।
उन्होंने नए मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित जमीन ग्राम खरोरा का निरीक्षण किया। कलेक्टर डोमन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ रवि मित्तल, डीन मेडिकल कॉलेज महासमुंद डॉ पी.के.निगम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एन के मंडपे, एस डी एम सुनील चंद्रवंशी मौजूद थे।
विशेष सचिव प्रसन्ना ने भारत सरकार के दल द्वारा निरीक्षण के लिए कार्ययोजना अनुसार क्रियान्वयन हेतु निर्देशित किया। उन्होंने पुराना जिला चिकित्सालय परिसर में निर्माणाधीन वायरोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कर मशीन इंस्टालेशन करवाने हेतु निर्देशित किया।
विशेष सचिव स्वास्थ्य सी. आर. प्रसन्ना ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कहा कि वायरोलॉजी लैब के लिए रोस्टर
अनुसार मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट की ड्यूटी लगाई जाए तथा डाटा एंट्री हेतु डाटा एंट्री ऑपरेटर की भी ड्यूटी लगाई जाए।
साथ ही इनके लिए आइसोलेशन सेंटर की भी व्यवस्था की जाए।
वायरोलॉजी लैब से उत्पादित होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट के
महासमुंद -लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य में एकीकृत ‘‘ई‘‘ श्रेणी पंजीयन प्रणाली लागू की गई है। ‘‘ई‘‘ श्रेणी पंजीयन के माध्यम से स्थानीय बेरोजगार इंजीनियर युवकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु 20 लाख रूपए तक की लागत के निर्माण कार्य ब्लॉक स्तर पर देने का प्रावधान किया गया है।
कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण एस.आर.सिन्हा ने बताया कि ज़िले स्नातकधारी बेरोज़गारो इंजीनियर को ई‘‘ श्रेणी पंजीयन हेतु कार्यपालन अभियंता में लोक निर्माण विभाग संभाग महासमुंद को सुविधा केन्द्र बनाया गया है। ईई सिन्हा ने बताया कि इच्छुक स्नातक बेरोज़गार इंजीनियर युवा पंजीयन हेतु दस्तावेज के साथ नि:शुल्क आवेदन प्राप्त कर आवेदन कर सकते है । अधिक जानकारी के लिए लोक निर्माण विभाग महासमुंद में सम्पर्क कर सकते है।
इससे अधिक लागत के कार्यों में डिप्लोमा इंजीनियर तथा एक करोड़ से अधिक के निर्माण कार्य में स्नातक इंजीनियर नियुक्ति किए जाने का प्रावधान अनिवार्य किया गया है।
डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार रूपए प्रति माह तथा स्नातक
इंजीनियर को 25 हजार न्यूनतम प्रति माह भुगतान का भी प्रावधान
किया गया है। निविदा अनुबंध में इंजीनियरों की नियुक्ति की अनिवार्यता
किए जाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार प्राप्त होगा।