अभनपुर-शिवसेना के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रमुख धनजंय सिंह परिहार के निर्देश पर शिवसेना के प्रदेश महासचिव रेशम जांगड़े एव जिलाध्यक्ष शशांक देशमुख ने सीएसपी कोतवाली आंजनेय वासनेय से मुलाकात कर रायपुर पुलिस द्वारा चलाये जा रहे मास्क अप अभियान से जुड़कर अपने संगठन शिवसेना कि तरफ से समर्थन दिया Ι पुलिसकर्मियों व अन्यजनो कि सुविधा के लिए मास्क भेट किया ।
शिवसेना द्वारा सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए शिवसैनिकों के पदाधिकारीओ द्वारा जरुररत मंदों को रक्तदान कर ब्लड कि व्यवस्था करना, एव धार्मिक आयोजन में सहभागिता, जरूरत मंद को अन्न कि व्यवस्था जैसे सामाजिक कार्य किये जाते रहे है समाज से पीड़ित व कमजोर व्यक्तियों कि हर संभव मदद करने के लिए शिवसेना के पदाधिकारी एव शिवसैनिक हमेशा तत्पर है ।
शिवसेना के रायपुर जिलाध्यक्ष शशांक देशमुख ने बताया कि अभी हाल और पिछले साल से कोरोना के समय से ही लोगो को खाने के लिए लोगो तक सूखा राशन शिवसेना के पदाधिकारियों एव शिवसैनिको के व्दारा समय समय पर लोगो तक पहुँचा जा रहे हैं ग्रामीण इलाकों में फैलते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शिवसेना के पदाधिकारियों एव शिवसैनिकों के व्दारा लोगों को मास्क के प्रति जागरूक करने के लिए मास्क अप अभियान चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों को राहगीरों . दुकानदारों को मास्क वितरण कर अनिवार्य रूप मास्क उपयोग कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और अपने और आसपास के लोगों को सुरक्षित करने के लिए जागरूक किया । इस मे मुख्यरूप से जिलाध्यक्ष शशांक देशमुख रेशम जांगड़े राज वर्मा अखिल दीवान उपस्थित थे ।
एमके शुक्ला-रायपुर:-डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल ने किया जनसंपर्क,विधायक को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में खुशी देखने को मिली,विधायक ने ग्रामीणों की समस्याओं का तत्काल निदान किया।
डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक भुनेश्वर बघेल ने आज वनांचल के अंतिम छोर में बसे गांव मलैदा में जनसंपर्क किया। विधायक को अपने बीच पाकर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर किया।विधायक बघेल ने ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुए साथ ही साथ विधायक ने ग्रामीणों की अनेक समस्याओं का वहीं पर तत्काल निवारण किया। विधायक ने
भूपेश सरकार द्वारा आदिवासी समाज के लिए किये गये कार्यो को विस्तार पूर्वक ग्रामीणों को अवगत कराया।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता जिला अध्यक्ष वेदराम साहु विधायक प्रतिनिधि जनपद पंचायत खैरागढ़ देवकांत यदु, ब्लाक मुढ़ीपार किसान अध्यक्ष लीलाधर वर्मा,ब्लाक महामंत्री चंद्रेश यदु, मुढ़ीपार महिला ब्लाक अध्यक्ष रिंकु महोबिया, पुर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष रिंकु महोबिया,विधायक प्रतिनिधि वेदप्रकाश राजेकर,सरपंच हेमंत वर्मा,कांग्रेस कार्यकर्ता फुदुक वर्मा,रामअवतार गोंड, खैरागढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष लीला प्रकाश मंडावी,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आकाश सिंह दीप सहित भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
महासमुन्द-बाबा ट्रेडर्स दुकान बिरकोनी के जुआ फड में थाना सिटी कोतवाली द्वारा छापा मारकर 06 जुआडियों को पकड़ा। उनके पास से नगद 1,29,000/- रूपये के साथ ताश,03 मोटर सायकल भी जप्त किया जुआरियो के खिलाफ भादवि की धारा 13 जुआ एक्ट के तहत् थाना सिटी कोतवाली में कार्यवाही की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार 30 मई को मुखबीर से सूचना मिली की थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र ग्राम बिरकोनी पेट्रोल पंप के पास साई बाबा ट्रेडर्स में जुआ का फड लगा रहे है सूचना पर सायबर सेल महासमुन्द की टीम व थाना सिटी कोतवाली पुलिस की टीम ने 01. प्रकाश उर्फ रानू शर्मा 35 वर्ष बरबसपुर 2.साहब गिरी 30 वर्ष धनवार थाना साईं खेड़ा जिला नरसिंहपुर मध्यप्रदेश 3.चंद्रिका प्रसाद साहू 43 वर्ष अछोला थाना तुमगांव 4.निसार खान 36 वर्ष उदयपुरा थाना उदयपुरा जिला रायसेन मध्य प्रदेश 5.भुनेश्वर साहू 38 वर्ष तुमगांव बंगला पारा तुमगांव 6. सुरेंद्र चंद्राकर 52 वर्ष कुर्मी पारा महासमुंद निवासी को पकड़ा ।
जुआरियो के पास से कुल नगदी रकम 1,29,000/- रूपये तथा 02 बाईक, 05 नग विभिन्न कंपनी के मोबाईल कुल कीमत लगभग 2,39,000/- रू एवं 52 पत्ती तास जप्त कर धारा 13 जुआ एक्ट के तहत् थाना सिटी कोतवाली में कार्यवाही की जा रही है।
जानकरी के मुताबिक़ खिलाडीयों द्वारा पुलिस पार्टी की सूचना देने के लिए आने-जाने वाले रास्तों पर वाचर लगाते थे और दुकान से दूर अपनी वाहनों को लगाकर खडे करते थे। सायबर सेल व महासमुन्द पुलिस के द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर बाईक व कार के माध्यम से फड तक पहुची और घेराबंदी कर 06 जुआडियों को पकडा गया।
उक्त कार्यवाही पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन में अति0 पुलिस अधीक्षक मेघा टेम्भुरकर साहू एवं अनु0अधिकारी(पु) महासमुन्द नारद सूर्यवंशी के निर्देशन में थाना प्रभारी सिटी कोतवाली निरीक्षक शेर सिंह बन्दे, सायबर सेल महासमुन्द प्रभारी संजय सिंह राजपूत, सुशिल शर्मा,श्रवण कुमार दास, मिनेश ध्रुव, रवि यादव, शुभम पाण्डेय पीयूष शर्मा, चम्पलेश ठाकुर, श्रीकान्त मोहन्ती, वेद प्रकाश एवं सिटी कोतवाली पुलिस के द्वारा किया गया है।
महासमुंद-पुलिस चौकी बलौदा में विलुप्त वन्यप्राणी पेंगोलीन बिक्री करते हुए दो आरोपी को गिरफ्तार किया है बरामद पेंगोलीन का वजन 11 किलोग्राम लंम्बाई 3.5फीट बाजार मूल्य लगभग 5 लाख रुपए आंकी गई है आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9,39,51 का करना पाए जाने से उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है ।
मिली जानकारी के अनुसार 29 मई को चौकी बलौदा थाना सरायपाली क्षेत्र के ग्राम जामपाली क्षेत्र में दो व्यक्तियों के द्वारा विलुप्त प्रजाति के पेंगोलिन को बेचने हेतु ग्राहक तलाशने की सूचना मुखबिर द्वारा दी गई ग्राम टेमरी, जामपाली पुल के पास जामपाली में दो संदिग्ध व्यक्ति एक सफेद रंग की बोरी रखे मिले ।
पूछताछ पर अपना नाम (1)डमरु सिदार पिता मंगलसाय सिदार 39 वर्ष (2)नेपाल सिदार पिता पविराम सिदार 35 वर्ष ग्राम जामपाली चौकी बलौदा थाना सराईपाली निवासी बताया इनके पास रखी बोरी को चेक करने पर बिक्री करनेके लिए एक भुरे रंग का दुर्लभ-विलुप्त वन्य प्राणी पेंगोलीन मिला साथ ही दोनों के पास कोई वैध कागज़ात,लाइसेंस नहीं मिला ।
उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी नसीमुद्दीन खान,पंकज बाघ, सुभाष यादव, वीरेंद्र कर ,मनोज भोई, अजय नेताम, यसवंत ध्रुव, छविसंकर सागर, सैनिक ईश्वर राणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
महासमुंद-कोरोना के खिलाफ दिनरात संघर्ष करने वाले स्वास्थ कर्मचारियों के पक्ष में महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने राज्य सरकार को पहल करने कहा है। संविदा में काम कर रहे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितिकरण की मांग को लेकर सांसद साहू ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखा है। सांसद का कहना है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ महकमे में बतौर संविदा कर्मचारी काम कर रहे लोगों के हितों को राज्य की सरकार अनदेखा कर रही है। उनका कहना है कि संविदा कर्मचारी असुरक्षित भविष्य के बावजूद कोरोना पीडितों की जान बचाने के लिए खुद की जान को जोखिम में डालकर दिनरात सेवा का कार्य किए हैं।
पत्र में सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड -19 के कारण पूरा विश्व दहशतजदा है। छत्तीसगढ़ में इस महामारी से पीडित अधिकांश लोग आज अस्पताल से सुरक्षित घर लौटें हैं तो उसके पीछे शहरी और ग्रामीण आबादी के साथ सुदूर वनांचल के अस्पतालों में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों की एकनिष्ठ सेवा भाव है। बतौर संविदा कर्मचारी अस्पतालों में चिकित्सक और स्वास्थ कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रहे लोगों की सेवाओं को सरकार ने अभी भी अनियमित बनाए रखा है, उन्हें नियमित कर्मचारी के रूप में नियुक्ति देने की आवश्यकता है।
संविदा में सेवा दे रहे इन चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने नियमित कर्मचारियों के रूप में ही कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी है, ऐसे में उनके भविष्य के हितों को नजर अंदाज करना सरकार की अदूरदर्शी नीतियों को दर्शाता है।
सांसद ने ऐसे कर्मचारियों के पक्षों को जाहिर करते हुए बताया है कि संविदा स्वास्थ कर्मचारियों ने अपने परिवार की चिंता छोड़कर सरकार की नाक बचाने का काम किया है। इन कर्मचारियों ने कोरोना वारियर्स के रूप में पखवाड़े भर की नियमित सेवाएं अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान बचाने में लगाई है। ऐसा भी नहीं है कि संविदा कर्मचारियों को इसके लिए सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त भुगतान किया गया हो। अल्प वेतन में भी इन कर्मचारियों की सेवाएं काबिले तारीफ रही है।
सांसद चुन्नीलाल साहू ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ मंत्री को संविदा स्वास्थ कर्मचारियों के नियमितिकरण की कार्यवाही में राजनीति से ऊपर उठकर पहल करने की मांग की है। उनका कहना है कि संविदा कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखकर सरकार को इस दिशा में अविलंब कार्यवाही शुरू करनी चाहिए, ताकि ऐसे कर्मचारी और उनके परिवारजनों को वैश्विक महामारी से होने वाली चिंता से भयमुक्त किया जा सके।
दिल्ली-‘बच्चों के लिए पीएम केयर्स – कोविड प्रभावित बच्चों का सशक्तिकरण’ के तहत घोषित उपायों के अलावा भारत सरकार ने उन परिवारों की मदद करने के लिए कई और उपायों की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड के कारण कमाई करने वाले सदस्य को खो दिया है। इन उपायों के तहत कोविड के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को पेंशन दी जाएगी और इसके साथ ही बढ़ा हुआ एवं उदार बीमा मुआवजा प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इन सभी परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं के जरिए इन परिवारों के सामने आने वाली वित्तीय कठिनाइयों को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत पेंशन
इन परिवारों को सम्मान के साथ जीवन जीने और अपने जीवन स्तर को अच्छा बनाए रखने में मदद करने हेतु रोजगार से संबंधित मृत्यु के मामलों के लिए ईएसआईसी पेंशन योजना का लाभ अब उन लोगों तक भी पहुंचाया जा रहा है जिनकी मृत्यु कोविड के कारण हो गई है। इन व्यक्तियों के आश्रित परिवारिक सदस्य मौजूदा मानदंडों के अनुसार संबंधित कर्मचारी या कामगार के औसत दैनिक वेतन या पारिश्रमिक के 90% के बराबर पेंशन का लाभ पाने के हकदार होंगे। यह लाभ पूर्वव्यापी प्रभाव से 24.03.2020 से और इस तरह के सभी मामलों के लिए 24.03.2022 तक उपलब्ध होगा।
ईडीएलआई योजना के तहत मिलने वाले बीमा लाभों को बढ़ाने के साथ-साथ उदार बना दिया गया है। अन्य सभी लाभार्थियों के अलावा यह योजना विशेषकर उन कर्मचारियों के परिवारों की मदद करेगी जिन्होंने कोविड के कारण अपनी जान गंवा दी है। अधिकतम बीमा लाभ की राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। 2.5 लाख रुपये के न्यूनतम बीमा लाभ के प्रावधान को बहाल कर दिया गया है और यह पूर्वव्यापी प्रभाव से 15 फरवरी 2020 से अगले तीन वर्षों के लिए लागू होगा।
ठेके पर काम करने वाले/आकस्मिक कामगारों के परिवारों को लाभान्वित करने के लिए केवल एक ही प्रतिष्ठान में निरंतर रोजगार करने की शर्त को उदार बना दिया गया है, अब इसका लाभ यहां तक कि उन कर्मचारियों के परिवारों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिन्होंने अपनी मृत्यु से पहले पिछले 12 महीनों में अपनी नौकरी संभवत: बदल दी थी। इन योजनाओं के विस्तृत दिशा-निर्देश श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी किए जा रहे हैं।
अम्बिकापुर-पंचायत के द्वारा मना करने के बावजूद सार्वजनिक तालाब से दो पंप लगाकर पानी की चोरी करते पकड़े जाने पर आरोपी को जेल भेजा गया । दरिमा तहसीलदार भूषण मण्डावी ने बताया कि ग्राम बरगवां में ग्राम पंचायत के मना करने के बावजूद गांव के ही सूटल नाम का व्यक्ति सार्वजनिक तालाब से दो पंपसेट लगाकर पानी की चोरी करता था । पंचायत के द्वारा इसकी लिखित सूचना थाना प्रभारी और तहसीलदार को दी गई थी ।
सूचना मिलने पर तहसीलदार दरिमा व थाना प्रभारी दरिमा मौके पर पहुंचा तो सूटल को तालाब से रंगे हाथों पानी चोरी करते पकड़ा गया। उनके द्वारा दोनों पंप सेट को जप्त कर ग्राम पंचायत बरगवां के सुपुर्द किया गया व आरोपी को जेल भेजा गया । दरिमा तहसीलदर के द्वारा दुकानों में सोशल डिस्टेंस के पालन नहीं करने पर दरिमा के दो दुकानों पर 1000 की चलानी कार्यवाही किया गया व दुकानों को कोविड.19 पालन करते हुए दुकान खुले जाने की समझाइश दिया गया। इसके साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन नवानगर, कर्रा और टपरकेला का निरीक्षण किया गया ।आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कर्रा का भी निरीक्षण किया गया व कृषकों को दिवस वार खाद वितरण के निर्देश दिए गए।
दिल्ली-भारत के गैर बासमती चावल के निर्यात को भारी प्रोत्साहन देते हुए, एक स्टार्ट-अप उदय एग्रो फार्म ने आज तमिलनाडु के तंजावर जिला के कुंभकोणम से पेटेंट सुरक्षित ‘विलेज राइस’ की 4.5 एमटी की दो खेप भेजी गई। इस चावल को हवाई और समुद्री मार्ग से आज घाना व यमन को निर्यात किया गया। प्रोटीन, फाइबर और कई खनिजों से संपन्न ‘विलेज राइस’ को सीधे तंजावर के किसानों से खरीदा गया, जिसे तमिलनाडु के चावल के कटोरे के रूप में भी जाना जाता है। एपिडा से सहायता प्राप्त उदय एग्रो फार्म की आने वाले महीनों में बड़े स्तर पर ‘विलेज राइस’ के निर्यात की योजना है।
2020-21 के दौरान, गैर बासमती चावल के निर्यात में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अप्रैल-मार्च, 2021 के दौरान 35,448 करोड़ रुपये (4796 मिलियन डॉलर) के गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि अप्रैल-मार्च, 2020 में 14,400 करोड़ रुपये (2020 मिलियन डॉलर) का निर्यात हुआ था। इस प्रकार, 2020-21 में गैर बासमती चावल के निर्यात में रुपये में 146 प्रतिशत और डॉलर में 137 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इस महीने की शुरुआत में, पारादीप इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल, ओडिशा से वियतनाम के लिए चावल की एक खेप का निर्यात किया गया था। हाल के वर्षों में यह पहली बार था कि पारादीप बंदरगाह से गैर बासमती चावल का निर्यात किया गया था। मार्च, 2021 में असम से ‘लाल चावल’ की पहली खेप अमेरिका को निर्यात की गई थी। आयरन के लिहाज से संपन्न ‘लाल चावल’ असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में पैदा होता है, जिसमें किसी रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। चावल की इस किस्म को ‘बाओ-धान’ कहा जाता है, जो असमिया खाने का एक अभिन्न अंग है।
काकीनाडा, विशाखापट्टनम, चेन्नई, मुंद्रा और कृष्णापटनम जैसे भारत के कई बंदरगाहों से अफ्रीका और एशियाई देशों को गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ है। पारादीप जल्द ही चावल का निर्यात करने वाले देश के प्रमुख बंदरगाह के रूप में उभरेगा।
चावल के निर्यात में भारी बढ़ोतरी ऐसे दौर में हुई है, जहां वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी के दौरान कई कमोडिटीज की आपूर्ति बाधित हुई है। चावल का निर्यात बढ़ने का श्रेय सरकार को जाता है, जिसने कोविड-19 से संबंधित सुरक्षा सावधानियों का ध्यान रखते हुए चावल का निर्यात सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। एपिडा दुनिया में भारत के गैर बासमती चावल के निर्यात की संभावनाओं के दोहन के लिए किसानों, उद्यमियों, निर्यातकों और आयातकों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है।
एपिडा ने मूल्य श्रृंखला में विभिन्न हितधारकों के साथ भागीदारी के माध्यम से चावल के निर्यात को बढ़ावा दिया है। सरकार ने एपिडा की अगुआई में चावल निर्यात प्रोत्साहन मंच (आरईपीएफ) की स्थापना की है। आरईपीएफ में उद्योग, निर्यातकों, एपिडा, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादन राज्यों के कृषि निदेशकों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
दिल्ली-प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उन कदमों पर चर्चा करने और विचार-विमर्श करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जो उन बच्चों का समर्थन करने के लिए उठाए जा सकते हैं जिन्होंने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। पीएम ने वर्तमान COVID महामारी से प्रभावित बच्चों को कई लाभों की घोषणा की। कोविड 19 के कारण माता-पिता या जीवित माता-पिता या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता दोनों को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
बच्चे के नाम पर सावधि जमा-
PM CARES 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई योजना के माध्यम से योगदान देगा। यह कोष18 वर्ष की आयु से मासिक वित्तीय सहायता / वजीफा देने के लिए उपयोग किया जाएगा, अगले पांच वर्षों के लिए उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं की देखभाल के लिए और 23 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त के रूप में कॉर्पस राशि मिलेगी।
बच्चे को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर खर्च का भुगतान भी करेगा।
11-18 साल के बच्चों के लिए
बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिया जाएगा। यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में जारी रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में एक दिन के छात्र के रूप में प्रवेश दिया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। PM CARES वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर खर्च का भुगतान भी करेगा।
उच्च शिक्षा के लिए सहायता:
मौजूदा शिक्षा ऋण मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर ब्याज का भुगतान PM CARES द्वारा किया जाएगा।
विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए PM CARES एक समान छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य बीमा
सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा। 5 लाख। 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान PM CARES द्वारा किया जाएगा।
महासमुंद- महेश राजा की लघु कथाए उदाहरण,सपना व् शहर की हवा सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है । उदाहरण- अचानक फोन की घंटी बज उठी।अजय-अनिल चौंक पडे।अभी रात के ग्यारह बजे थे।अभी ही वे एक मरीज को हास्पिटल पहुँचा कर आये थे। अजय ने फोन उठाया।कोविड अस्पताल से फोन आया था,एक मरीज को तुरंत प्लाज्मा की जरूरत थी।
अनिल ने तुरंत गाड़ी निकाली। दरअसल अजय-अनिल दो मित्र थे।अजय की माँ समय पर इलाज न मिल पाने के कारण इस सँसार में नहीं रही थी,और अनिल के एक रिश्तेदार को अस्पताल में बेड न मिल पाने की वजह से मौत हो गयी थी।
तब से दोनों ने प्रण लिया था कि हर पल वे इस कठिन समय में जरूरत मंदों की मदद करेंगे। तब से वे दोनों सुबह से देर रात तक मरीज को अस्पताल पहुंचाने ,उनके लिये दवाई,आक्सीजन, भोजन और हर जरूरत को पूरा करने में जी जान से लग गये। शहर में दोनों मानवता की जीती जागती मिसाल बन गये।लोग उनका उदाहरण सामने रख कर मानव सेवा में जुट रहे है।
आज राज बहुत खुश था।सुबह से जाकर अपने आराध्य की चौखट में बैठ गया था। रीमा की एक और उपलब्धि।वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की।वह खुशियों से फूला न समा रहा था। राज शुरु से जानता था कि रीमा गुणों की खान है।पर,रीमा ने सब कुछ एक अभेद्य खोल में छिपा कर रखा था।राज ने तो उसे समय समय पर प्रोत्साहित ही किया।
रीमा गुणी,स्वयं सिद्धा,सर्वगुणसम्पन्न नारी थी।पर,वह अंतर्मुखी थी।उसे पद,नाम आदि की लालसा न थी।राज ने बस इतना समझाया कि तुम अपने गुणों को बाँटो,ताकि दूसरों को इसका लाभ मिले। रीमा राज को बहुत मान देती है।अपने भीतर के जागरण का श्रेय भी। पर,राज कहता है,यह सब तुम्हारी मेहनत और हौसलों का नतीजा है। आराध्य देव को नमन कर आँख में भर आये आँसुओं को पोंछकर राज यह सोचता आगे बढ़ चला कि रीमा ने उसके सपनों को साकार किया है।
शहर की हवा
आखिर बेटे ने बापू को शहर आने के लिये मना ही लिया।बेटा चाहता था कि बापू उसके साथ शहर में ही रहे।परंतु बापू को गांव की मिट्टी से लगाव था। गांव में फार्म हाउस,गोशाला और सुंदर बगीचा था।मौसमी फल ऊगा करते।पिछले बरस ही उनकी धर्मपत्नी का देहांत हो गया था।घर का पुराना चाकर बिरजू और उसकी पत्नी हरदम उनकी सेवा में रहते।
आजकल उनकी तबियत कुछ ठीक नहीं रहती थी।बेटा कार में आकर बापू को शहर ले आया। बेटा ऊंचे ओहदे पर सरकारी अफसर था।बड़ी कोठी थी।बापू के लिये एक हवादार कमरे में व्यवस्था कर दी गयी। कोठी में उनकी पत्नी ,एक बेटा और पांच नौकर चाकर रहते थे।
बापू को एक अच्छे अस्पताल में ले जाकर जाँच आदि करायी।सामान्य सर्दी, खाँसी थी जो कि वातावरण बदलने से ठीक है जायेगी। पोता भी दादा से मिल कर खुश था। सब कुछ ठीक था,पर बहु स्वतंत्रता से जीने में विश्वास रखती तो उसे बापू का आगमन अच्छा न लगा था।
एक रात बापू पानी के लिये रसोई घर में जा रहे थे तो बेटे के कमरे से बहु की आवाज आ रही थी ए जी,,बापू की तबियत ठीक नहीं ,वे दिन भर खाँसते रहते है।बिट्टू उन्हीं के पास रहता है,मुझे ड़र बना रहता है।क्यों न बापू को सरकारी विश्रामगृह में शिफ्ट करवा देते,वह भी तो आप ही के अंड़र में है न।वहाँ केयरटेकर भी है।”
आगे उनसे न सुना गया। रात उन्होंने ने निर्णय लिया,गाँव पहुंच कर मित्र जमनलाल के वकील बेटे को बुलाकर सारी सँपति पोते के नाम लिख देंगे।वही तो इसका सच्चा वारिस है। दूसरे दिन बेटे को बुलाकर कहा-“,बेटा अब मैं ठीक हूँ, मुझे गाँव जाना है ।मेरा गाँव मुझे पुकार रहा है।वैसे भी शहर की हवा मुझे राश नहीं आती।फिर गाँव की खुशबु में तुम्हारी मांँ की यादें भी लिपटी हुई है।
बेटे ने बहुत मनाया।पर,वे तय कर चुके थे।हाँ ,पोते का मोह उन्हें सता रहा था,पर जाना भी जरुरी था। बहु को पता चला तो वे खुश हुई।तुरंत बापू का सामान तैयार कर दिया। कार आ गयी थी।पोता रोनी सूरत बनाये,उनसे लिपटा हुआ था।वे समझा रहे थे कि बहुत जल्दी ही वे वापस शहर आयेंगे। बेटा बहु ने पांँव पड़े।सब कर्मचारी एक एक कर आ मिले।सबको उन्होंने सौ सौ रूपये का एक नोट आशीर्वाद स्वरूप दिया।वे मना करते रहे।पर,बापू का मन रखने सबने ले लिया।
वे कार में बैठ गये।बड़ी मुश्किल से पोते को उनसे दूर किया गया।जैसे ही कार गेट से आगे बढ़ी उनकी आँखों से आँसू झर झर निकल पड़े।सब कुछ धुंधला सा हो गया था।चश्मा निकाल कर उन्होंने आँखे पोंछी और सीट पर सिर टिका कर आँखे बंद कर ली।कार तेजी से शहर से गाँव की ओर बढ़ रही थी।