अजित पुंज-बागबाहरा-पूर्व जिला पंचायत सभापति कृषि स्थायी समिति अमृता नरेन्द्र चन्द्राकर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ फसल में धान की काश्त वाली भूमि में अन्य फसल लेने पर 10000/प्रति एकड़ का अनुदान तथा वृक्षारोपण व कोदो कुटकी आदि फसल लेने पर 9000/प्रति एकड़ का अनुदान देने का जो प्रस्ताव पारित किया है वह किसानों के साथ साथ जनहित में है, इसके लिए भूपेश बघेल सरकार साधुवाद के पात्र है ।
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प्रदेश में धान की अधिकता और चावल का खपत कम होना, निर्यात न होना, एथेनॉल व शराब बनाने में भी खपत नही होने से 2500/रू का धान 1400/ मे सरकार को बेचना पड़ रहा है।वर्तमान में 1200/रू क्विंटल मे धान बिक रहा है।इस समस्या का दीर्घकालीन हल के लिए फसल चक्र परिवर्तन होना जरूरी है, जिसके लिए शासन ने किसानों को अन्य फसल लेने पर अनुदान देने का प्रस्ताव पारित किया है ।
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कृषि विभाग, वन विभाग, और सहकारिता विभाग प्रायः हर वर्ष जुलाई माह के अँतिम मे, या अगस्त माह तक उक्त योजनाओं का फसलों का बीज, उर्वरक, दवाई, पौधा, हितग्राहियों को देते हैं ।पौधरोपण व बीज बोने का समय निकल जाने के बाद मिला हुआ बीज का उपयोग किसान फसल लेने के लिए नही करते, इसी तरह अगस्त माह में रोपित पौधा को भी भरपूर वर्षाजल नही मिल पाता, फलस्वरूप रोपित पौधा अधिकाँश नष्ट हो जाता है।इससे सरकार और किसान दोनों को ही अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहा है।
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इसलिए शासन की योजना को सही ढंग से क्रियान्वयन करने के लिए सँबँधित अधिकारी को निर्देश दे कि जून माह तक किसानों को योजनाओं की सामग्री धान, बीज,दवाई, उर्वरक, पौधा आदि वितरित किया जावे। नहीं होने पर सँबँधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए, तभी सरकार की मँशा पूरी हो पायेगी।
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