Home छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सोनोग्राफी सेंटर्स के नियमित निरीक्षण के दिए निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सोनोग्राफी सेंटर्स के नियमित निरीक्षण के दिए निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी एक्ट के राज्य पर्यवेक्षक मंडल की हुई बैठक.

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सोनोग्राफी सेंटर्स के नियमित निरीक्षण के दिए निर्देश

रायपुर:- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत सोनोग्राफी सेंटर्स के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक्ट का उल्लंघन करने वाले सेंटर्स पर नियमानुसार कार्रवाई करने को भी कहा है।

मंत्री सिंहदेव ने नवा रायपुर के स्वास्थ्य भवन में आयोजित पीसीपीएनडीटी एक्ट के राज्य पर्यवेक्षक मंडल की बैठक में अधिकारियों को प्रत्येक सेंटर का वर्ष में कम से कम एक बार अनिवार्यतः निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने एक्ट के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करने कहा।

बैठक में यह हुए शामिल

पर्यवेक्षक मंडल की सदस्य विधायक डॉ. अंबिका सिंहदेव और उत्तरी जांगड़े, स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान और डॉ. चंद्रिका साहू सहित अन्य सदस्य भी बैठक में शामिल हुए।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सोनोग्राफी सेंटर्स के नियमित निरीक्षण के दिए निर्देश

पीसीपीएनडीटी एक्ट के संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने राज्य पर्यवेक्षक मंडल की बैठक में बताया कि राज्य के 14 जिलों के 56 सोनोग्राफी सेंटर्स का राज्य स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान एक्ट का उल्लंघन पाए जाने पर 14 सेंटर्स को नोटिस जारी किया गया है।

की गई कार्यवाही

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर गठित निरीक्षण दलों द्वारा 853 केंद्रों का निरीक्षण कर एक्ट का उल्लंघन करने वाले 23

सेंटर्स के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जिला स्तरीय दलों द्वारा 16 सेंटर्स को नोटिस जारी करने,

पांच सेंटर्स को सील करने और दो सेंटर्स के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

बैठक में प्रदेश में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट, 2021 के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई।

संयुक्त संचालक डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि एक्ट के अंतर्गत राज्य में 34 एआरटी क्लिनिक,

दस एआरटी बैंक और 12 सरोगेसी क्लिनिक पंजीकृत हैं। एक्ट के प्रावधान के अनुसार इनके

निरीक्षण के लिए राज्य स्तरीय दल का गठन किया जा चुका है। बैठक में एक्ट के क्रियान्वयन

के लिए मानव संसाधन रखने की अनुमति भी प्रदान की गई।

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