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हिट स्ट्रोक का बढ़ सकता है खतरा गर्मी की वजह से करे यह उपाय 

जब वातवरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तब टेम्परेचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता है When the temperature of the atmosphere exceeds 40 °C, the temperature regulation mechanism is affected.

हिट स्ट्रोक का बढ़ सकता है खतरा गर्मी की वजह से करे यह उपाय
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बलौदाबाजार- एकाएक तेज धूप से गर्मी बढ़ने लगी है जिससे हिट स्ट्रोक hit stroke का खतरा गया है। आज इस संबंध में सीएमएचओ डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि हीट वेव जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है।

जब कभी भी वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फैरेनहाइट से ज्यादा हो तो हीट वेब की स्थिति उत्पन्न होती है। इसका असर बच्चों,बुजूर्गो एवं कोमार्बिड लोगों में सर्वाधिक होता है। हमारे शरीर के टेम्परेचर न्यूलेशन (तापमान नियंत्रण) मस्तिष्क के हाईपोथलेमस भाग से होता है।

जब वातवरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फैरेनहाइट से अधिक हो जाता है तब टेम्परेचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता परिणाम स्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें तेज बुखार आना, सीना न आना एवं बुखार की सामान्य दवाईयों से बुखार नहीं उतरता है एवं इससे मृत्यु भी सकती है।

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उन्होंने हिट स्ट्रोक hit stroke से बचाव संबंधित जानकारी भी प्रदान कि है। घर से बाहर खाना खाने के बाद ही निकलना चाहिए। कोशिश करें कि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सीधे सूर्य रोशनी से बचे एवं बाहर जाने पर धूप से बचने के लिए सिर पर गमछा, हेट/टोपी, धूप का चश्मा तथा सूती के ढीले कपड़े पहनें। प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें।

मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी,छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहें। अगर लू के चपेट में आ जाये तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.आर.एस.आईवी फ्ल्युइड एवं बुखार की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में निःशुल्क उपलब्ध है।

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