जयपुर-प्रतिभावान तथा सक्षम होने के बावजूद कई बार विशेष योग्यजन बच्चे आवागमन की समस्याओं के कारण जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। इस कारण कई युवा तो अपना भविष्य भी नहीं संवार पाते। ऎसे दिव्यांग विद्यार्थियों तथा युवक की पीड़ा को महसूस करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अभिनव योजना को हाल ही में मंजूरी प्रदान की है।
इस योजना के पीछे सीएम गहलोत की भावना यह है कि शारीरिक रूप से निशक्त होने के बावजूद समाज का जो युवा वर्ग कॉलेज में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा है तथा जो आजीविका के लिए अपने पैरों पर खड़ा हो चुका है, उसे आगे बढ़ने के लिए सरकार की ओर से भरपूर प्रोत्साहन मिले। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने कॉलेज जाने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों तथा रोजगार के लिए कार्यस्थल पर जाने वाले दिव्यांग युवाओं के लिए निशुल्क स्कूटी योजना को स्वीकृति दी है।
दिव्यांग बेटी शशिप्रभा का होगा इलाज,राज्यपाल उइके की पहल पर
सास-बहू, देवरानी-जेठानी,ननद-भौजाई दिए एक साथ परीक्षा
समाज के जरूरतमंद, बेसहारा एवं निराश्रित वर्गों का कल्याण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने समय-समय पर ऎसी कई महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मूर्त रूप दिया है जिनसे वंचित एवं उपेक्षित तबके को सहारा मिला है और वे सम्मान के साथ जीवनयापन कर रहे हैं।
राज्य सरकार इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में ऎसे करीब 2 हजार दिव्यांगजन छात्र-छात्राओं तथा दिव्यांग युवाओं को स्कूटी प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 15 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को भी स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।
इस योजना के तहत राजस्थान के मूल निवासी ऎसे विशेष योग्यजन जो किसी राजकीय महाविद्यालय अथवा मान्यता प्राप्त महाविद्यालय स्तरीय संस्थान में अध्ययनरत हैं एवं स्कूटी चलाने में सक्षम हैं, उन्हें स्कूटी प्रदान की जाएगी। इसके लिए उन्हें महाविद्यालय में नियमित अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
साथ ही दिव्यांगों युवाओं को रोजगार के लिए कार्यस्थल पर आवागमन के लिए स्कूटी प्रदान की जाएगी। इसके लिए उन्हें नियोक्ता द्वारा जारी प्रमाण पत्र अथवा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। दोनों ही श्रेणियों में आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस की प्रति प्रस्तुत करनी होगी।
वे ही आवेदक पात्र समझे जाएंगे जिनके माता-पिता अभिभावकों/स्वयं की संकलित वार्षिक आय 2 लाख रूपए से अधिक न हो। इसके लिए आवेदक को आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो आवेदन की तिथि से 6 माह से अधिक पुराना न हो। जो आवेदक विशेष योग्यजन पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की बाध्यता नहीं होगी।
हमसे जुड़े :–https://dailynewsservices.com/