चाकलेट डे पर प्रसिद्ध लघुकथाकार महेश राजा की विशेष लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की चाकलेट डे पर विशेष लघुकथा सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है। चाकलेट एक ऐसा शब्द है जो हर वर्ग व् हर उम्र के लोग को भाता है।...
महेश राजा की डाँट-फटकार,अकेलापन के अलावा पढिए अन्य लघुकथाए
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा डाँट-फटकार,अकेलापन,यह समय भी गुजर जायेगा व अपनी -अपनी रोजी सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
डाँट-फटकार
बड़े साहब का किसी बात पर पत्नी से झगड़ा हो गया था...
ईमानदार नागरिक के अलावा महेश राजा की अन्य लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा ईमानदार नागरिक,परीक्षा की तैयारी,वादा और मौन सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
ईमानदार नागरिक
प्रायः मुझे हर दूसरे दिन बस से शहर जाना होता था। बहुत पहले की...
“परिंदे” “मन का मीत” के अलावा अन्य लघुकथा महेश राजा की
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा परिंदे, मन का मीत,साहित्य सम्मेलन,और प्रवृति सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
परिंदे
अचानक अरूपा का फोन आया तो अन्विति आश्चर्य मिश्रित भाव से उछल पड़ी। वे दोनों...
एहसास,शौकीन,स्वयं पर विश्वास व् प्रेमबंधन महेश राजा की लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा एहसास,शौकीन,स्वयं पर विश्वास और प्रेमबंधन सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
एहसास
साल के शुरुआती दिन।ठंड़ अचानक बढ़ गयी थी। बड़ी सुबह ही कृशकाय महिला तीन छोटे बच्चों...
पाँच दृश्य:पाँच दृष्टि वर्तमान परिपेक्ष्य में के अलावा महेश राजा की अन्य लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा पाँच दृश्य:पाँच दृष्टि वर्तमान परिपेक्ष्य में,सावधानी जरूरी,भोजन, अवसरऔर अवसर सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
पाँच दृश्य:पाँच दृष्टि /वर्तमान परिपेक्ष्य मेंः
समूचा राष्ट्र एक वैश्विक महामारी के प्रकोप...
स्मृति शेष,सेवा शर्त के अलावा महेश राजा की अन्य लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा स्मृति शेष,सेवा शर्त , दुलार,मेहमान,सुनहरे ख्वाब, हकीकत और छोटी सी जिन्दगानी सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
स्मृति शेष-आज क्रिसमस का पवित्र त्यौहार था।चारों तरफ खुशियाँ ही...
नव वर्ष का स्वागत है के अलावा,लघुकथाकार महेश राजा की अन्य लघुकथा
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा नव वर्ष का स्वागत है,चुनाव के बाद , लाकर,दूरियाँ,सरकारी नौकरी और डर व् पिछला बरस सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
नव वर्ष का स्वागत है-बड़ी उदास...
“अधिकार की बात ” के अलावा अन्य लघुकथा महेश राजा की
महासमुंद-जिले के प्रसिद्ध व्यंगकार महेश राजा की लघुकथा अधिकार की बात,अधिकार,हरिश चरितावली,पोस्टर के अलावा गुनगुनी धूप सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है।
अधिकार की बात-अनु कार्यालय से लौट रही थी।आज मानव अधिकार दिवस पर कार्यशाला...
जीवन के रंग,परायी सोच,भय,परीक्षा व् कीमत महेश राजा की लघुकथा
महासमुंद- जिले के ख्यातिप्राप्त लघुकथाकार महेश राजा की लघु कथाए –जीवन के रंग,परायी सोच,भय,परीक्षा व् कीमत सुधि पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
जीवन के रंग-कुछ दिनों से वह देख रहा था कि पत्नी कुछ...