50 साल की उम्र के बाद स्वस्थ रहने के लिए उम्र के साथ-साथ खान-पान की आदतों में बदलाव करना बहुत ज़रूरी होता है.उम्र बढ़ने के साथ उसके लक्षण नज़र आने ही लगते हैं, चाहे आप अपना कितना भी ख़्याल क्यों न रखते हों, आप अपने खान-पान का ख़्याल रखकर सेहत से जुड़ी चुनौतियों का आसानी से सामना कर सकते हैं और बीमारियों को काफ़ी हद तक दूर रख सकते हैं.
इस बारे में डायटीशियन डॉ.जे पटेल का कहना है कि 50 वर्ष से अधिक आयु वालों को पौष्टिक खाना खाना चाहिए. इससे बढ़ती उम्र में होनेवाली बीमारियों, जैसे-हार्ट डिज़ीज़, डायबिटीज़, मोटापा और कुछ विशेष प्रकार के कैंसर होने का ख़तरा कम हो जाता है. खाने में फल, हरी सब्ज़ियां, साबूत अनाज, फैट-फ्री या लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें. प्रोटीन के लिए मछली, अंडे, लीन मीट्स, बीन्स व नट्स का सेवन करें. मोटापे और दिल की बीमारियों से बचने के लिए ज़रूरी है कि खाने में सैचुरेटेड फैट, ट्रांसफैट, कोलेस्ट्रॉल, नमक और शक्कर का सेवन जितना कम से कम किया जाना चाहिए.
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50 की आयु लांघने के बाद फिट रहने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत ज़रूरी होता है. फिज़िकली एक्टिव रहने से मांसपेशियों को मज़बूत बनाने, दिल को स्वस्थ रखने, शरीर का लचीलापन बरक़रार रखने व बैलेंस को बनाए रखने में मदद मिलती है. शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से डिमेंशिया जैसी बीमारी होने का ख़तरा कम होता है. इसके लिए हफ़्ते में कम से कम चार दिन आधे घंटे एक्सरसाइज़ करें. चाहें तो आप वॉकिंग, साइक्लिंग या स्वीमिंग भी कर सकते हैं.
हर रोज 300 एमजी से अधिक कोलेस्ट्रॉल का सेवन न करें. अगर आपको हार्ट डिज़ीज़ है तो 200 एमजी कोलेस्ट्रॉल ही लें. अधिक कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे-अंडे की जर्दी, मलाईदार दूध इत्यादि का सेवन न ही करें. खाना बनाने के लिए कैनोल, ऑलिव या पीनट ऑयल का इस्तेमाल करें. अगर आपको नॉनवेज खाना पसंद हो तो रेड मीट की जगह सैल्मन या मेकरेल फिश का सेवन करें.
उम्र के हाफ शतक के बाद हार्ट डिज़ीज़, स्ट्रोक, हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियां पास आना शुरू कर देती है. सिगरेट पीने वाले पुरुषों को इनका ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है. अतः अगर आप स्मोक करते हैं तो इस आदत से छुटकारा पा लें, तो आपकी आयु बढ़ जाएगी. साथ ही शराब का सेवन भी कम से कम करें, क्योंकि शराब का सेवन करने पर शरीर अलग तरी़के से रिएक्ट करता है
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