महासमुन्द। नगर के प्रतिष्ठित और सबसे पुराने विद्यालय आदर्श स्कूल को बन्द कर उसकी जगह स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने के विरोध में यहाँ शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की महासमुन्द नगर इकाई के नेतृत्व में विशाल संख्या में विद्यार्थियों और अभिभावकों ने आन्दोलन किया। इस दौरान शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रही छात्राओं समेत कई विद्यार्थियों को पुलिस ने बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
वर्ष 1898 से संचालित है स्कूल
अभाविप की नगर सहमंत्री गीतिका चंद्राकर ने बताया कि नगर स्थित शास. आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जिले का एक अग्रणी विद्यालय है, जो वर्ष 1898 से संचालित हो रहा है। लेकिन गत 23 मार्च 2022 के स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसे स्वामी आत्मानन्द हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाना है। हमारे मत में एक बहुत पुराने विद्यालय को बन्द कर उसके स्थान पर नए विद्यालय प्रारम्भ करने का शासन का निर्णय कतई बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं कहा जा सकता।
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वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थी आखिर कहाँ जाएँगे ?
उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि तथ्यात्मकरूप से भी यह चिंताजनक है क्योंकि वर्तमान में उपर्युक्त विद्यालय में कक्षा नवमी से कक्षा बारहवीं तक कुल 800 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इसे स्वामी आत्मानंद स्कूल में विकसित करने पर महज 320 सीटें ही रह जाएंगी जो कि वर्तमान संख्या का केवल 40% ही हैं और उन सीटों पर भी नये सिरे से प्रवेश दिया जाएगा।
ऐसे में वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थी आखिर कहाँ जाएँगे? और यदि अध्ययनरत विद्यार्थियों में से ही प्रवेश दिया जाए तो भी शेष 480 विद्यार्थियों के लिए क्या उपाय होगा? यह तो एक बात हुई। एक अन्य विषय यह भी है कि वर्तमान में पदस्थ स्टाफ और विद्यार्थी ही जब नहीं रहेंगे तो इससे एक विद्यालय परिसर की शिक्षण संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी।
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आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालय का विरोध नहीं
अभाविप का मत स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हम स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालय के विरोध में नहीं है। लेकिन उनके लिए पहले, बहुत पहले से चले आ रहे विद्यालयों की बन्द करने के शासन के मूर्खतापूर्ण निर्णय के विरोध में तत्पर अवश्य हैं। विद्यार्थी परिषद् का यह सुविचारित मत है कि शासन या तो उपर्युक्त विद्यालय को इसी स्वरूप में उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करे या फिर नये उत्कृष्ट विद्यालय को कहीं और नए भवन बनाकर स्थापना करे।
उल्लेखनीय है कि परिषद् ने गत 29 मार्च को भी इस सम्बन्ध में कलेक्टर के समक्ष निवेदन किया था लेकिन उस पर कोई पहल होना तो दूर, उल्टे आत्मानन्द विद्यालय के लिए नये सिरे से प्रवेश भी प्रारंभ कर दिये गये हैं। शासन की ऐसी अनुचित हठधर्मिता के कारण ही विद्यार्थियों को आन्दोलन हेतु विवश होना पड़ा। लेकिन पुलिस ने उल्टे विद्यार्थियों को ही बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
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