बलौदाबाजार-कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुनील कुमार जैन ने जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुये दशहरा पर्व एवं पुतला दहन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आयोजन समितियों एवं आयोजकों की बैठकों में बनी सहमति के बाद कलेक्टर ने यह आदेश जारी किये हैं। उन्होंने कोरोना के संक्रमण एवं रोकथाम को देखते हुये जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की अपेक्षा आयोजकों एवं समितियों से की है।
कलेक्टर द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निर्देश के अनुसार पुतले की उंचाई 10 फिट से अधिक नहीं होनी चाहिये। पुतला दहन किसी बस्ती अथवा रहवासी इलाके में नहीं होने चाहिये। पुतला दहन खुले स्थान पर किया जाये। पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हों। आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगे।
अनावश्यक भीड़ एकत्र नहीं होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। कार्यक्रमों का यथासंभव आॅनलाईन अथवा टी.व्ही चैनल आदि के जरिये प्रसारण किया जाये। पुतला दहन के दौरान आयोजन की विडियोग्राफी कराया जाये तथा आयोजक एक पंजी निर्धारित करेंगे एवं पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नम्बर दर्ज किया जायेगा। आयोजक को परिसर में 4 सीसीटीव्ही कैमरा लगाना होगा ताकि संक्रमण की पहचान होने पर काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
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प्रत्येक समिति एवं आयोजक समय पूर्व सोशल मीडिया पर यह जानकारी दें कि कोरोना को देखते हुये कार्यक्रम सीमित रूप से किया जायेगा। पुतला दहन में कहीं भी संास्कृति कार्यक्रम, स्वागत, भण्डारा, प्रसाद वितरण, पण्डाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक दूरी, मास्क लगाने एवं समय-समय पर सेनिटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
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रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग किया जायेगा। आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे, धुमाल, बैण्ड पार्टी आयोजन की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाश एवं भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की जायेगी। कोरोना के प्रारंभिक लक्षण पाये जाने वाले व्यक्ति को समारोह स्थल पर प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी आयोजन समिति करेगी।
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आयोजन के दौरान अग्नि शमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य रूप से किया जायेगा। यातायात नियमों का पालन करना होगा। आयोजन के दौरान एनजीटी एवं शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार एवम सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। यदि कोई व्यक्ति पुतला दहन स्थल पर जाने के दौरान संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन समिति को वहन करना होगा।
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कन्टेनमेन्ट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं दी जायेगी। एक आयोजन स्थल से दूसरे स्थल की दूरी 500 मीटर से अधिक होनी चाहिये। उपरोक्त शर्तों के अधीन 10 दिवस के पूर्व संबंधित कार्यालय में शपथ पत्र के साथ आवेदन करना होगा एवं अनुमति मिलने के बाद पुतला दहन की जा सकेगी। निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर एपीडेमिक डिजिस नियंत्रण एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जायेगी।
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