मुकदमा दायर से पहले मध्‍यस्‍थता को अनिवार्य करने के लिए कानून बनाने की जरूरत-प्रधान न्‍यायाधीश

भारत के प्रधान न्‍यायाधीश एस. ए. बोबडे ने मुकदमा दायर करने से पहले मध्‍यस्‍थता को अनिवार्य बनाने के बारे में एक व्‍यापक कानून बनाने की आवश्‍यकता पर बल दिया है। उन्‍होंने कहा कि इससे दक्षता सुनिश्चित होगी और मुकदमेबाजी के पक्षों तथा अदालतों का समय बचेगा। भारतीय मध्‍यस्‍थता परिषद तथा भारतीय वाणिज्‍य और उद्योग परिसंघ-फिक्‍की द्वारा आयोजित तीसरे अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में न्‍यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि इस तरह का कानून बनाने के लिए यह सही समय है।

https;-चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा मृतको की संख्या 803 पहुची

उन्‍होंने कहा कि हालांकि कई प्रकार के बड़े विवादों के समाधान के लिए आज कानूनी मध्‍यस्‍थता सबसे पसंदीदा मार्ग है, यह मध्‍यस्‍थता और सुलह-सफाई की लागत पर होती है, जिससे कम खर्च में जल्‍द समाधान निकलता है।प्रधान न्‍यायाधीश ने कहा कि भारत के वाणिज्यिक व्‍यवहार और सामाजिक जीवन में कानूनी मध्‍यस्‍थता और सुलह-सफाई का विवाद निवारण तंत्र में महत्‍वपूर्ण स्‍थान है।

https;-छत्तीसगढ़ के उद्योग विहीन क्षेत्रों में उद्योग लगाने वालों को मिलेगी रियायत: मुख्यमंत्री

हमसे जुड़े;-

Twitter:https:DNS11502659

Facebook https:dailynewsservices/

 WatsApp https:FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU