फंसे हुए प्रवासी मज़दूरों के लिए गृह मंत्रालय ने लिया बड़ा फ़ैसला

फंसे हुए प्रवासी मजदूरों पर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, ऐसे लोगों के आवागमन के बारे में जारी की मानक प्रक्रिया, फिलहाल राज्य के बाहर नहीं जा सकेंगे, लेकिन जांच में किसी तरह का लक्षण न पाए जाने पर राज्य के भीतर अपने काम की जगह पर भेजेगी सरकार.

गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों की आवाजाही के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत जो मजदूर वर्तमान में जहां रह रहे हैं वहीं रहेंगे. केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी. सरकार के नए दिशा-निर्देशों के तहत इन मजदूरों को उसी राज्य में उनके कौशल के हिसाब से उन कार्यों में लगाया जाएगा जिसकी सरकार ने 20 अप्रैल से अनुमति दी है.

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वर्तमान में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राहत/आश्रय शिविरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को संबंधित स्थानीय अधिकारियों के साथ पंजीकृत करवाना होगा. अलग-अलग कार्यों में उनकी उपयुक्तता का पता लगाने के लिए उनके कौशल का पता लगाया जाएगा.प्रवासी मजदूरों का समूह अगर उसी राज्य में फंसा है जहां वह काम करता था तो वह अपने काम के स्थान पर लौट सकता है, इसके लिए उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और उनमें रोग के लक्षण नहीं है, तो उन्हें उनके काम के स्थान पर ले जाया जाएगा.

किसी भी स्थिति में मजदूरों को उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से बाहर नहीं ले जाया जाएगा, जहां वे अभी रह रहे हैं. बस से यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किया जाएगा. साथ ही बसों को स्वास्थ्य अधिकारियों दिशा-निर्देशों के अनुसार सेनिटाइज भी करना होगा. 15 अप्रैल को समेकित संशोधित दिशानिर्देशों के तहत जारी COVID-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा. स्थानीय अधिकारियों को मजदूरों को यात्रा के दौरान भोजन और पानी आदि मुहैया कराना होगा.

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