महासमुंद। ग्राम बेलसोंडा में पौने तीन लाख रूपए की लागत से बनने वाले इंटरलाकिंग सीसी रोड निर्माण का विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भूमिपूजन किया। साथ ही विधायक चंद्राकर ने चार लाख रूपए की लागत से स्वागत द्वार का लोकार्पण भी किया।
सोमवार को ग्राम बेलसोंडा में इंटरलाकिंग सीसी रोड निर्माण का भूमिपूजन व स्वागत द्वार का लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक चंद्राकर थे। अध्यक्षता विधायक प्रतिनिधि दाउलाल चंद्राकर ने की। विशेष अतिथि के रूप में जनपद सदस्य वाणी तिवारी, सरपंच राजेंद्र चंद्राकर, उपसरपंच नेहरू चंद्राकर, लक्ष्मीकांत तिवारी मौजूद थे। अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि भूपेश सरकार का ध्यान शहर विकास के साथ ही गांवों की विकास की ओर है। यही कारण है कि गांवों में अब सर्वांगीण विकास होने लगा है। भूपेश बघेल सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को प्राथमिकता दिया है। सरकार ने किसानों का कर्जमाफ करने के साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहकों का बोनस बढ़ाया है। चार सौ यूनिट तक बिजली के उपयोग के बिलों को आधा किया गया है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कुणाल चंद्राकर, मुरली बघेल, मन्नू चंद्राकर, विपुल चंद्राकर, भूषण यादव, विक्रम चंद्राकर, कीर्ति साहू, प्रकाश साहू, राजू चंद्राकर, भीखम धीवर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।
हितग्राहियों को राशन कार्ड का किया वितरण
समारोह के दौरान विधायक विनोद चंद्राकर ने शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत हितग्राहियों को राशन कार्ड का वितरण भी किया। इस दौरान विधायक चंद्राकर ने राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि अब एपीएल परिवारों को भी रियायती दर पर चावल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने उपस्थितजनों से योजनाओं का लाभ उठाने की भी अपील की।
नुकसान हुए फसलों का दिया जाए मुआवजा
विधायक ने अत्यधिक वर्षा व अल्प वर्षा के चलते खराब हुए फसलों का आंकलन कर मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। विधायक चंद्राकर ने इसके लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर बताया है कि जिले में कहीं अत्यधिक वर्षा तो कहीं कम वर्षा के कारण खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है, जिससे किसान पीड़ित व चितिंत है। राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा नुकसान हुए फसलों का आंकलन नहीं किया गया है। उन्होंने पत्र में बताया है कि वर्तमान में फसल पककर तैयार हो गई है। प्रतिकुल मौसम के कारण धान की फसलों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन अभी तक नुकसान फसलों का आंकलन नहीं किया गया है।