रायपुर-प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य में शीत लहर और पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर उससे बचाव के सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें. निर्देशानुसार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों एवं मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देशा जारी कर दिए हैं।
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राहत आयुक्त एवं सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि भारत मौसम विज्ञान केन्द्र एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ में सामान्यतः दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता कभी-कभी शीत लहर का रूप ले लेती है। इस माह से ठंड प्रारंभ हो गई है। इस दौरान निःसहाय, आवासहीन, गरीब, वृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी ठंड से प्रभावित हो सकते हैं।
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अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शीतलहर से प्रभावित होने वाले जनसामान्य के बचाव के लिए समुचित प्रबंधन करें। अधिकारियों को रैनबसेरा, अस्थाई शरणस्थल, कंबल व्यवस्था, अलाव की व्यवस्था, आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं, आवश्यकता पड़ने पर स्कूलों का समय परिवर्तन, शीत लहर से प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों को राजस्व पुस्तक 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने, शीतलहर के प्रकोप एवं बचाव, प्रबंधन के लिए यूनीसेफ, रेडक्रॉस सोसायटी एवं अशासकीय संगठनों से आवश्यक सहयोग लेने के लिए कहा गया है। शीत प्रकोप से रबी फसलों के बचाव हेतु कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक समुचित व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन द्वारा ‘शीतलहर के समय क्या करें और क्या न करें’ इसके तहत आवश्यक समझाईश लोगों को दी है कि शीतलहर के समय जितना संभव हो घर के अंदर रहें। अति आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकले। मौसम से संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने। वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखे तथा उन्हें अकेला न छोड़े। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो, आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहें।
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बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में फ्रीज में खाने के सामान को 48 घंटे से अधिक न रखे। शीतलहर से बचाव हेतु (टोपी या मफलर) का भी उपयोग किया जा सकता है अथवा सिर व कान को ढककर रखे। स्वास्थ्यवर्द्धक खाने का उपयोग करें। यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे-जैसे नाक, कान, पैर, हाथ की उंगलियां आदि लाल हो, तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। असामान्य तापमान की स्थिति अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो, तो ऐसी स्थिति में तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।
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