महासमुंद। संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रदेश के जनता के हितों को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में भी सभी वर्गों का विशेष ध्यान रखते हुए छत्तीसगढ़ के भरोसे का बजट पेश किया गया है। यह बजट विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को राज्य का बजट पेश किया। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय सचिव ने इस बजट को छत्तीसगढ़ प्रदेश के विकास में नए आयाम गढ़ने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट राज्य के सर्वहारा वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए है। प्रस्तुत बजट को गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के मूलमंत्र में समाहित भावनाओं को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने बताते हुए कहा कि समग्र विकास, शिक्षा, अधोसंरचना व हेल्थ के आधार पर बजट को तैयार किया गया है।
बजट में न कोई नया टैक्स नहीं
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में न कोई नया टैक्स लगाया है और न कोई टैक्स में वृद्धि की है। जिससे जनता को निश्चित रूप से राहत मिलेगी। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना को अब नगर पंचायत क्षेत्र में विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की नवीन योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत रोजगार एवं पंजीयन केंद्र में पंजीकृत 12 वीं पास 18 से 35 वर्ष के ढाई लाख से कम वार्षिक आय वाले युवाओं को ढाई हजार प्रति माह की दर से बेरोजगारी भत्ता प्रदान की जाएगी। इसके लिए दो सौ पचास करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को 25 हजार से बढ़ाकर पचास हजार रूपए किया गया है। इसके लिए बजट में 38 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आधुनिकतम एवं उच्च गुणवत्ता की मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए अधोसंरचना विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में भी औद्योगिक पार्क की स्थापना की जाएगी। औद्योगिक पार्कों में लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के प्रोत्साहन के लिए पचास करोड़ का प्रावधान किया गया है।
महासमुंद में ई चिकित्सालय की होगी स्थापना
संसदीय सचिव ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध महासमुंद के अस्पताल में ई चिकित्सालय की स्थापना की जाएगी। चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध महासमुंद सहित अंबिकापुर, कोरबा, कांकेर, जगदलपुर, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ के अस्पतालों में ई-चिकित्सालय की स्थापना के लिए पचास पदों का सेटअप एवं सूचना प्रौद्योगिकी कार्यों के लिए सात करोड़ पचास लाख का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह महासमुंद में अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय के लिए नवीन सेटअप व भवन के लिए 12 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं सिरपुर के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए क्षेत्र के समुचित विकास के लिए पांच करोड़ का प्रावधान किया गया है।