महासमुंद । विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक निधि इकाई (इन्टेक) द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन अध्याय के संयोजक दाऊलाल चंद्राकर की अध्यक्षता में की गई ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि धरोहर का एक इतिहास होता है जो आने वाली पीढ़ी की नींव है । विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर देश के धरोहरों का जिक्र करते हुये कहा कि देश का प्राचीन भवन इमारत आज भी भारत की पहचान है, जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि सिरपुर स्थित ऐतिहासिक शब्द विनष्ट होने की कगार पर है जिसे संरक्षित किया जा सकता है।
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वरिष्ठ सदस्य माधव राव टांकसाले ने कहा कि समाज अतीत से सीखता है और हमारा अतीत अत्यंत समृद्घशाली रहा है उनके द्वारा सिरपुर स्थित लक्ष्मण मंदिर के जोड़ के बेजोड़ बताया गया ।
विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर इन्टेक ने किया विचार गोष्ठी का आयोजन
विचार गोष्ठी में सहभागिता दर्ज कराते हुये डॉ. रामगोपाल यादव, रघुनाथ सिन्हा, बंधु राजेश्वर खरे, टेकराम सेन, मानक नामदेव ने कहा कि वर्तमान औद्योगीकरण के युग में ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण बेहद जरुरी है । इस ओर समाज को चिंतन करते हुये आगे आना चाहिये । सभी ने एक स्वर में कहा कि धरोहरों के संरक्षण से ही हम आने वाली पीढ़ी को कुछ हस्तांतरित कर सकते हैं । प्राकृतिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिये चिंतन समय समय पर होनी चाहिये ।
अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान समाज सेवी दाऊलाल चंद्राकर ने कहा कि भावी समय में महासमुंद में इस क्षेत्र में कार्य किया जायेगा । कार्यक्रम का संचालन अध्याय के सह संयोजक बंधु राजेश्वर खरे एवं आभार प्रदर्शन साहित्यकार टेकराम सेन चमक ने किया ।
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