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वन विभाग के गश्ती दल ने वन में आग लगा कर शिकार करने वाले 9 लोगों को पकड़ा

वन विभाग के गश्ती दल ने वन में आग लगा कर शिकार करने वाले 9 लोगों को पकड़ा

महासमुंद-वनपरिक्षेत्र बागबाहरा के रैतालपहाड़ी क्षेत्र खल्लारी परिवृत्त के रैताल परिसर के आरक्षित वन में आग लगा कर शिकार करने वाले 9 लोगों को वन विभाग के गश्ती दल ने पकड़ा वन्यप्राणी सरंक्षण अधिनियम1972 की धारा 9, 30, 50 एवं 51 के तहत अपराध दर्ज किया गया। आरोपियों को जेल भेजा गया है ।

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वन विभाग के परिक्षेत्र बागबाहरा अंतर्गत दिनांक 02.03.2021 को रैताल पहाड़ी क्षेत्र (खल्लारी परिवृत्त के रैताल परिसर के आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 154) में वनाग्नि पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए वन अधिकारी एवं कर्मचारी जा रहे थे। उन्होंने हाथ में नाईलोन गिलेट तार का जाल लेकर वन्यप्राणी खरगोश का अवैध षिकार करने के उद्देश्य से जाल बिछा रहे 9 व्यक्तियों (1. भूषण पिता प्रितम गोंड़ (27)ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द तहसील बागबाहरा, 2. धनेष्वर पिता जयोराम गोंड़ (21)  ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द 3. गोपनाथ पिता समारू गोड़ (22) ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द  4. कार्तिक उर्फ अखरित गोंड़ पिता कुंजल गोंड़ (68) ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द 5. डिंगर पिता धनीराम गोंड़(65) ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द 6. बीजाधर पिता राजू गोंड़ (28)  ग्राम छीनपानी, थाना जोंक जिला नयापारा उड़ीसा 7. गोवर्धन पिता सुबन गोंड़ (26)  बोकरामुड़ाखुर्द  8. खेमराज पिता मदन उर्फ चंदन गोंड़ (24)ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द 9. देवनाथ पिता रतन गोंड़ (27) ग्राम बोकरामुड़ाखुर्द को गिरफ्तार किया।

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प्रथम दृष्टया उक्त 9 अपराधियों ने ही शिकार के उद्देष्य से वन में आग लगाने जैसे जघन्य अपराध को कारित किया हैै। अतः मौका पंचनामा तैयार कर, अपराध में संलिप्त जाल एवं हथियार को जप्त कर उनके विरूद्ध वन अपराध, पी.ओ.आर. क्रमांक 13405/13 दिनांक 02.03.2021 द्वारा वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 30, 50 एवं 51 के तहत अपराध दर्ज किया गया। आवश्यक कार्यवाही करते हुए अपराधियों को  न्यायालय महासमुन्द न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी महासमुन्द के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उक्त अपराधियों को प्रकरण की विवेचना पूर्ण करने हेतु दिनांक 16.03.2021 तक के लिए न्यायिक रिमाण्ड पर महासमुन्द जेल भेज दिया गया है।

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वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत का कहना है कि वनों में लगने वाली अग्नि ना केवल वनों एवं वन्य प्राणियों के लिए घातक है, अपितु नदियों एवं नालों में बहने वाले जल की आपूर्ति में सबसे बड़ी अवरोधक है। बागबाहरा वन परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्राधिकारी विकास चंद्राकर की पूरी टीम के साथ त्वरित कार्यवाही को अंजाम दिया है ।

 

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